थिएटर कमांड के जरिए एक छत के नीचे आएंगी तीनों सेना, जानिए क्या है ‘थिएटर कमांड’

कंबाइंड कमांडर्स कांफ्रेंस…। इस में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित देश की तीनों सेनाओं के अध्यक्ष शामिल होंगे…। दूसरे दिन पीएम मोदी के भी आने का कार्यक्रम…।

भोपाल। भोपाल में अगले सप्ताह होने वाली कंबाइंड कमांडर्स कांफ्रेंस में देश की तीनों सेनाओं के कमांडर्स के साथ कई मुद्दों पर बातचीत होगी साथ ही देश में थिएटर कमांड बनाने का खाका भी तैयार किया जाएगा। सभी की सहमति बनते ही इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। तीनों सेना को मिलाकर थिएटर कमांड बनाने से भारत की सेना ‘बाहुबली’ हो जाएगी।

राजधानी भोपाल में 31 मार्च से तीनों सेना अध्यक्षों सहित सभी बड़े अफसरों का जमावड़ा होगा। इस कंबाइंड कमांडर्स कांफ्रेंस में देश में थिएटर कमांड बनाने की तैयारी की जाएगी। इसका जिम्मा चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (cds) का होता है।

भोपाल में होने वाली इस कांफ्रेंस में थिएटर कमांड बनाने पर तीनों सेना के कमांडर्स की राय ली जाएगी। सभी की सहमति मिलने के बाद इस मसौदे को कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी (ccs) में भेजा जाएगा।

सीडीएस कर चुके हैं सिफारिश

कारगिल युद्ध के बाद से ही देश में सीडीएस और देश में भविष्य की तैयारियों को लेकर थिएटर कमांड्स बनाए जाने की जरूरत महसूस की जा रही थी। सीडीएस बनने के बाद जनरल बिपिन रावत ने भी कहा था कि युद्ध के दौरान दुश्मन की हालत खस्ता करने के लिए रणनीति आसानी से बन सके, इसके लिए थिएटर कमांड की जरूरत देश में है।

जानिए क्या है थिएटर कमांड

थिएटर कमांड भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए तीनों सेना को एक छत के नीचे लाने का काम करेगा। इसके जरिए युद्ध के दौरान तीनों सेना में कार्डिनेशन होता है। इस कमांड में बनी रणनीति पर दुश्मन पर अचूक वार करना आसान होता है। यही कारण है कि सेना, वायुसेना और नौसेना को एक साथ लाकर इंट्रीग्रेटेड थिएटर कमांड बनाने की तैयारी हो रही है।

देश की रणनीतिक क्षेत्र और भौगोलिक स्थित को देखते हुए तीनों सेनाओं और अन्य फोर्सेस को एक साथ लाया जाता है। इस कमांड में एक ही आपरेशनल कमांडर होता है। भौगोलिक क्षेत्र का चयन इसलिए होता है क्योंकि समान भूगोल वाले युद्ध क्षेत्र को आसानी से हैंडल किया जा सके। जैसे हिमालय के पहाड़, गुजरात का कच्छ और राजस्थान के रेगिस्तान आदि।

खर्च बचता है थिएटर कमांड से

तीनों सेना के बीच कार्डिनेशन होने से खर्च बचता है। एक साथ काम करने की स्थिति में रहते हैं। इस तरह का कमांड बनाने से बचत काफी होती है। साथ ही संसाधनों का बेहतर उपयोग भी होता है।

थिएटर कमांड्स की क्यों है जरूरत

देश में 15 लाख से अधिक सैन्य बल हैं। इन्हें एकजुट करने और संगठित रखने के लिए थिएटर कमांड की आवश्यकता है। एक साथ कमांड लाने पर सेना के आधुनिकीकरण का खर्च कम हो जाएगा। किसी भी तकनीक का उपयोग सिर्फ एक ही सेना नहीं करेगी, बल्कि उस कमांड के भीतर आने वाले सभी सैन्य बल कर सकेंगे।

31 को आएंगे रक्षा मंत्री एवं सेना अध्यक्ष, दूसरे दिन आएंगे पीएम

खबर है कि देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 31 मार्च को भोपाल पहुंच जाएंगे। वहीं तीनों सेना के अध्यक्ष भी इसी दिन भोपाल पहुंच जाएंगे। पीएम मोदी 1 अप्रैल को भोपाल लैंड करेंगे। इससे पहले पीएम मोदी के दौरे को लेकर एक दिन पहले रिहर्सल की जाएगी। पीएम मोदी और सेना से जुड़े मसले होने के कारण कई कार्यक्रमों को फिलहाल गुप्त रखा गया है।

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