चैत्र नवरात्र की पंचमी पर देवी दर्शन के लिए उमड़ी भीड़ भक्तों ने मनोकामना पूर्ति के लिए जलायें ज्योति कलश

गौरेला– चैत्र नवरात्र का शुभारंभ 22 मार्च से हो चुका है। रविवार के दिन पंचमी के अवसर पर माता के भक्तों ने विशेष रूप से पूजा अर्चना कर अपने औऱ परिवार के लिए सुख समृद्धि की मनोकामना मांगी। माँ दुर्गा का विशेष श्रृंगार कर दुर्गा देवी के पांचवे स्वरूप स्कंद माता की विधि विधान से पूजा अर्चना की गई। मालूम हो कि गौरेला क्षेत्र में धार्मिक पर्वों का अपना एक विशेष महत्व रहता है आस्था औऱ भक्ति देवी उपासना श्रद्धालुओं के लिए गौरेला में विद्यमान पौराणिक मंदिरो में भीड़ के रूप में उमड़ती है। माता रानी की कृपा से देश सहित प्रदेश कोरोना महामारी का अंत हो चुका है। अब जनजीवन सामान्य गति से चल रहा उत्सव औऱ पर्व को जनता सार्वजनिक रूप से मना रहा है। दुर्गा मंदिरों में सुबह से दर्शनार्थियों औऱ श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आने लगी है। पिछ्ले साल श्रद्धालुओं ने अपनी अपनी मनोकामना ज्योति कोरोना के संपूर्ण विनाश के उद्देश्य और मानव कल्याण के उद्देश्य से प्रज्वलित की थी। वंही इस बार श्रद्धालुओं ने अपनी मनोकामना ज्योत सर्व कल्याण सहित अपने औऱ परिवार की,सुख,समृद्धि, औऱ अच्छे स्वास्थ्य की मनोकामना के लिए प्रज्वलित कराई है।

पंचमी का विशेष महत्व
मां दुर्गाजी के पांचवें स्वरूप को स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है। इनकी उपासना नवरात्र के पांचवें दिन की जाती है। भगवान स्कंद कुमार कार्तिकेय नाम से भी जाने जाते हैं। ये प्रसिद्घ देवासुर-संग्राम में देवताओं के सेनापति बने थे। इन्हीं भगवान स्कंद की माता होने के कारण मां के इस पांचवें स्वरूप को स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है। कमल के आसन पर विराजमान होने के कारण से इन्हें पद्मासना देवी भी कहा जाता है। स्कंदमाता की उपासना से बालरूप स्कंद भगवान की उपासना स्वयमेव हो जाती है। यह विशेषता केवल इन्हीं को प्राप्त है, अतः साधक को स्कंदमाता की उपासना की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए। नवरात्र के पांचवें दिन का शास्त्रों में पुष्कल महत्त्व बताया गया है। इस दिन साधक का मन विशुद्घ चक्र में स्थित होता है।

गौरेला के मरही माता मंदिर भक्तों ने जलवाई 274 तेल, 68 घी औऱ 53 जावरा मनोकामना ज्योति कलश जलायें गए जिसकी जानकारी मरही माता सेवा समिति से सदस्य अंकित गुप्ता ने दी! संतोषी लक्ष्मी मंदिर रेल्वे स्टेशन परिसर गौरेला
मुख्य पुजारी सीटू महाराज ने बताया कि इस संक्रमण काल मे देवी पर आस्था और अधिक बढ़ी है। भक्त गण मंदिर की सीढ़ियों पर पुष्प दीप प्रज्वलित कर अपनी आस्था प्रकट कर रहें है। मंदिर में 81 तेल औऱ 9 घी के मनोकामना ज्योत भक्तों ने प्रज्वलित करवाये है।
दुर्गा मंदिर कमानिया गेट गौरेला
अध्यक्ष ज्ञान चंद शर्मा ने बताया कि 28 वर्षो से दुर्गा मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। सार्वजनिक उत्सव के साथ साथ जगराता का आयोजन भी किया जा रहा है। भक्तो ने अपनी मनोकामना ज्योत प्रज्वलित करा माँ जगत जननी दुर्गा से प्राकृतिक आपदा से बचने 180 तेल ज्योत 9 घी ज्योत औऱ 26 जवारा कलश धर्मालंबियों ने प्रज्वलित करवाए हुए है।

नवरात्र के शुभारंभ पर 22 मार्च को निकाली गई थी भव्य शोभायात्रा गौरेला में 22 मार्च बुधवार को नवरात्र के शुभारंभ औऱ हिंदू नववर्ष के उपलक्ष्य में सर्व हिन्दू समाज गौरेला के द्वारा भव्य बाइक रैली एवम शोभायात्रा निकाली गई थी जो शोभा यात्रा ब्रम्हचारी तालाब में स्थित शिवमंदिर में पूजन के बाद खेरमाई,गांधी चौक,कमानिया गेट, रेस्टहाउस रोड ,डिपो पारा होते हुए,मंगली बाजार से संजय चौक,ज्योतिपुर चौक, सेमरा चौक भदौरा होते हुए संजय चौक पर समाप्त हुई। जंहा महिला मंडल की गरिमामयी उपस्थिति मेंमहाआरती का भव्य आयोजन किया गया था जंहा बड़ी संख्या में गौरेला वासी उपस्थित थे।

भंडारा उत्सव समिति 495117 द्वारा भनवारटंक में 26 मार्च को रखा गया है। भंडार प्रसादी कार्यक्रम प्रत्येक नवरात्रि की भांति तरह इस चैत्र नवरात्रि मैं 495117 भंडार उत्सव समिति गौरेला के द्वारा नवरात्र की अष्टमी में विशाल भंडारे का आयोजन दिनांक शनिवार को सिद्ध शक्ति पीठ माँ मरही माता मंदिर भनवारटक में रखा गया है। जंहा पूरे प्रदेश से श्रद्धलू गण अपनी अपनी मनोकामना लेकर जातें है। और माँ का आशीर्वाद लेतें है। औऱ भंडारा प्रसाद ग्रहण करते है।

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