चीता स्टेट से आई बुरी खबरः नामीबिया से लाई गई मादा चीता की मौत

सितंबर में नामीबिया से चीता आने के बाद मध्यप्रदेश चीता स्टेट भी बन गया है…। सोमवार को मादा चीता की मौत…।
मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए चीतों में से मादा चीता साशा की सोमवार को मौत हो गई। पांच साल की मादा चीता साशा की मौत सोमवार सुबह 8.30 बजे के करीब हुई। वन विभाग के अपर मुख्य सचिव जेएन कंसोटिया ने मीडिया को बताया कि मादा चीता सुबह मृत अवस्था में मिली है, लेकिन उसकी मौत कब हुई है यह फिलहाल नहीं कहा जा सकता। भोपाल से फारेस्ट और वेटनरी डाक्टरों की टीम कूनो पहुंच गई है।
बताया जाता है कि यह मादा चीता पहले जत्थे में आए आठ चीतों में शामिल थी, जिसे पार्क में छोड़ा गया था। इसके बाद फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों का दूसरा जत्था भारत आया था। इनमें 12 चीदों में 7 नर और 5 मादा चीता थीं। कुछ दिन पहले चीता के बीमार होने की खबर मिलने के बाद से ही भोपाल से आई डाक्टरों की टीम उसका इलाज कर रही थी। बीमार होने के कारण साशा को छोटे बाड़े में शिफ्ट कर दिया था।
कूनो नेशनल पार्क में 23 जनवरी को जब साशा बीमार हो गई थी, तब भोपाल से वेटरनरी चिकित्सकों की एक टीम कूनो गई थी, जहां उनकी निगरानी में इलाज चल रहा था। डाक्टरों ने उस समय किडनी में इंफेक्शन होना बताया था। तभी से भोपाल के वन विहार के विशेषज्ञों की टीम उपचार कर रही थी। उसकी हालत में सुधार भी हुआ था।
चीता छोटी-सी छलांग मारकर 120KM प्रति घंटे की रफ्तार में दौड़ सकता है।
इसी स्पीड से 460 मीटर तक लगातार दौड़ सकता है।
3 सेकंड में ही 103 की रफ्तार पकड़ लेता है। चीता शब्द की उत्पत्ति संस्कृत शब्द चित्रकायः से हुई है।
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