बेरोजगारों को शिवराज सरकार की सौगात

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यूथ महापंचायत के दौरान नई युवा नीति को लागू करते हुए बेरोजगारों को 8 हजार रुपये स्टाइपेंड के रूप में देने की घोषणा की. यह राशि प्राइवेट उद्योग या संस्थान में ट्रेनिंग लेने वाले बेरोजगार युवकों को दी जाएगी. यदि आंकलन किया जाए तो मध्य प्रदेश में शिक्षित बेरोजगारों का यह आंकड़ा करोड़ों में हो सकता है.

मध्य प्रदेश के उज्जैन में जिला रोजगार कार्यालय में 58 हजार से ज्यादा ऐसे बेरोजगार पंजीकृत हैं, जो शिक्षित और तकनीकी रूप से दक्ष होने के बावजूद बेरोजगार हैं. आंकड़े के मुताबिक पुरुषों की संख्या महिलाओं की संख्या से लगभग दोगुनी है. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने युवा नीति के तहत बेरोजगारों को प्रशिक्षण लेने पर 8 हजार रुपये प्रतिमाह स्टाइफंड देने की घोषणा की है. छात्रवृत्ति देने का मुख्य मकसद युवाओं को प्रशिक्षित करने के साथ-साथ उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ करना है.

देखिए बेरोजगारों का आंकड़ा

रोजगार कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक 58 हजार 73 बेरोजगार रजिस्टर्ड हैं. इनमें अनारक्षित वर्ग के 18 हजार 898, अनुसूचित जाति वर्ग के 17 हजार 466, अनुसूचित जनजाति वर्ग के 2,270 और अन्य पिछड़ा वर्ग के 19 हजार 433 कंडिडेट हैं. इसके अतिरिक्त अन्य छह लोग रजिस्टर्ड हैं. यदि इन बेरोजगार लोगों द्वारा औद्योगिक संस्था में प्रशिक्षण लिया जाता है तो उन्हें आर्थिक लाभ के साथ-साथ प्रशिक्षण भी मिल जाएगा.

सरकार का मुख्य उद्देश्य रोजगार के साधन बढ़ाना

उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव के मुताबिक सरकार का मुख्य उद्देश रोजगार के साधन को बढ़ाना है, इसीलिए युवा नीति को लागू किया गया. इससे रोजगार के साधन बढ़ेंगे. इसके अलावा बड़े औद्योगिक प्रतिष्ठानों को तकनीकी रूप से दक्ष-युवाओं की टीम भी मिल जाएगी. इस प्रकार से सरकार तालमेल बैठाकर लोगों को रोजगार के साधन मुहैया करा रही है.

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