1300 कन्याओं को भोज कराकर बनाया गया रिकॉर्ड

चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर बुधवार को प्रसिद्ध गंगा मैया मंदिर झलमला में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवन-पूजन हुआ। इस साल 1300 कन्याओं को भोज कराया गया। गंगा मैया मंदिर के इतिहास में यह एक रिकॉर्ड है। अभी तक इतनी संख्या में कन्या भोज नहीं कराया गया था। मंदिर ट्रस्ट हर साल नवरात्रि पर इस तरह का आयोजन करता है।
बालोद. चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर बुधवार को प्रसिद्ध गंगा मैया मंदिर झलमला में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवन-पूजन हुआ। इस साल 1300 कन्याओं को भोज कराया गया। गंगा मैया मंदिर के इतिहास में यह एक रिकॉर्ड है। अभी तक इतनी संख्या में कन्या भोज नहीं कराया गया था। मंदिर ट्रस्ट हर साल नवरात्रि पर इस तरह का आयोजन करता है। ट्रस्ट ने कन्या भोज में शामिल देवी स्वरूपा कन्याओं को स्टील की थाली उपहार स्वरूप दी। रेडक्रॉस, मंदिर ट्रस्ट के सदस्य, आम जन सहित विभिन्न लोगों ने कन्याओं को खीर, पूड़ी, भोजन, पानी वितरण करने में सहयोग किया।
60 से अधिक स्कूल के बच्चे हुए शामिल
कन्या भोज के लिए 60 से अधिक स्कूल की लगभग 1300 से अधिक बलिकाओं का पंजीयन था। इसके आलावा मां गंगा मैया के दर्शन करने आए लगभग 200 से अधिक छोटी बालिकाओं को भी भोज कराया गया। ट्रस्ट ने मंदिर परिसर में पॉलीथिन के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है। इस बार भी पॉलीथिन का उपयोग न करने का संदेश देते हुए स्टील का टिफिन उपहार स्वरूप दिया गया। मंदिर के व्यवस्थापक सोहन लाल टावरी ने बताया कि गंगा मैया मंदिर में कुछ वर्षों से यहां पॅालीथिन प्रतिबंधित किया गया है।
गर्भ गृह से निकलेगा जोत जंवारा
गुरुवार को विधि विधान से वैदिक मंत्रों के साथ पूजा-अर्चना कर मां गंगा मैया के गर्भ गृह से ज्योत जंवारा का विसर्जन यात्रा निकाली जाएगी। 51 कुंवारे लड़के अपने सिर पर जोत जंवारा कलश धारण कर बाजे-गाजे व देवी जस गीतों के साथ निकलेंगे और मां गंगा मैया के उद्गम स्थल बांधा तालाब में विसर्जित किया जाएगा।