धमाके के बाद सूर्य से अलग हुआ आग का गोला धरती की तरफ

पृथ्वी से 20 गुना बड़े ‘ऑरोरा’ की रफ्तार 18 लाख मील प्रति घंटा, आज पहुंचने के आसार, नासा के वैज्ञानिक प्रभावों के आकलन में जुटे

वॉशिंगटन. सूर्य का एक विशालकाय हिस्सा धमाके से अलग होकर पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा है। यह पृथ्वी से 20 गुना बड़ा है। अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वैज्ञानिक इस पर नजर रखे हुए हैं। उनका कहना है कि यह हिस्सा अलग होने से सूर्य में काले रंग का बड़ा इलाका देखा जा रहा है। इसे ‘कोरोनल होल’, जबकि अलग हुए हिस्से को ‘ऑरोरा’ कहा जाता है।
नासा में हेलियो फिजिक्स साइंस डिवीजन के एलेक्स यंग का कहना है कि मौजूदा कोरोनल का क्षेत्र बहुत बड़ा है। वाइस न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक एक हफ्ते में यह दूसरा मौका है, जब सूरज की सतह पर विशालकाय छेद दिखाई दे रहा है। सूरज से अलग हुआ आग का विशालकाय गोला (ऑरोरा) 18 लाख मील प्रति घंटे की रफ्तार से पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा है। यह शुक्रवार को पृथ्वी पर पहुंच सकता है। वैज्ञानिक इसकी सौर हवाओं से धरती पर पडऩे वाले असर के आकलन में जुटे हैं। उनका कहना है कि यह गोला आबादी के लिए ज्यादा खतरनाक नहीं होगा, लेकिन पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र, सैटेलाइट्स, मोबाइल फोन और जीपीएस को प्रभावित कर सकता है।

आसमान में नजर आएगी चमकीली रोशनीऑरोरा के दौरान आकाश में काफी चमकीली रोशनी दिखाई पड़ती है। इसकी वजह से देर तक आसमान में अलग-अलग प्रकाशपुंज दिखाई दे सकते हैं। नासा के वैज्ञानिकों का कहना है कि पृथ्वी का वायुमंडल मनुष्यों को ऐसे सोलर तूफानों के कणों से बचाता है, लेकिन ऑरोरा पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र और विद्युत धाराओं को प्रभावित कर सकता है। उपग्रहों के इसकी चपेट में आने से इंटरनेट कनेक्शन बाधित हो सकते हैं।

1989 में 12 घंटे गुल हुई थी बिजली

इससे पहले 1989 में सूरज से निकला आग का बड़ा गोला पृथ्वी से टकराया था। इससे कनाडा के क्यूबेक शहर में करीब 12 घंटे बिजली सप्लाई ठप हो गई थी। अब तक का सबसे शक्तिशाली सौर तूफान जिओमैग्नेटिक 1959 में पृथ्वी से टकराया था। इसने अमरीका के टेलीग्राफ नेटवर्क को पूरी तरह तबाह कर दिया था। नेटवर्क में काम करने वालों ने बिजली का काफी तेज झटका महसूस किया था।

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