रेलवे में नौकरी का झांसा देकर 6 लाख की ठगी, आरोपी युवक गिरफ्तार

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले से ठगी का मामला प्रकाश में आया है। प्रापर्टी डीलर के बेटे को बिलासपुर रेलवे जोन में पोर्टर नौकरी लगाने का झांसा देकर 6 लाख की ठगी करने वाले आरोपी को सरकंड़ा पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले से ठगी का मामला प्रकाश में आया है। प्रापर्टी डीलर के बेटे को बिलासपुर रेलवे जोन में पोर्टर नौकरी लगाने का झांसा देकर 6 लाख की ठगी करने वाले आरोपी को सरकंड़ा पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी को सरकंडा पुलिस कोरबा से लेकर बिलासपुर पहुंची और मामले का खुलासा किया। आरोपी को न्यायालय पेश कर पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है।
6 महीनों से था आरोपी फरार
नौकरी लागने के नाम धोखाधड़ी कर फरार हुए आरोपी को पुलिस लगातार तलाश कर रही थी। सरकंड़ा पुलिस आरोपी को गिरफ्तार करने कोरबा के साथ जांजगीर में रिस्तेदार के यहां टीम भेजी थी। फरारी के दौरान आरोपी कोरबा और जांजगीर के बीच लगातार अपना लोकेशन बदल रहा था।
पुलिस के अनुसार प्रापर्टी डीलर अश्वनी द्विवेदी पिता गंगोत्री द्विवेदी (41) निवासी डीएलएस कॉलेज के पास अशोक नगर से शातिर ठग ने रिस्तेदार को नौकरी लगाने का झांसा देकर 6 लाख की ठगी की थी। अश्वनी द्विवेदी ने सरकंड़ा पुलिस को बताया था कि जमीन खरीदी बिक्री के दौरान तोरवा निवासी अभिषेक पटेल से जान पहचान हुआ था।
अभिषेक पटेल ने अपने रिस्तेदार को बिलासपुर जोन में उच्चाधिकारी होने का झांसा दिया था। अभिषेक ने बताया था कि उसका रेलवे अधिकारी से काफी अच्छी जान पहचान है।
अश्वनी के बेटे अमन द्विवेदी को पोर्टर के पद पर नौकरी लगवा देने का आश्वासन दिया था। 8 लाख में पोर्टर की नौकरी लगाने का सौदा तय हुआ और दोनों ने स्टाम्प पेपर में एग्रीमेंट करते हुए 2 माह में नौकरी लगाने का आश्वसन दिया था। प्रापर्टी डीलर ने बेटे को पोर्टर की नौकरी दिलाने 6 लाख रुपए नगद दे दिए और नौकरी लगने के बाद 2 लाख देने की बात हुई थी। 6 लाख रुपए लेने के बाद अभिषेक पटेल दो माह के अंदर नौकरी नहीं लगवा पाया। अश्वनी ने रुपए वापसी की मांग की तो आरोपी पहले तो गोल मोल जवाब देने लगा और फिर अचानक से फरार हो गया।
अभिषेक पटेल ने अपने रिस्तेदार को बिलासपुर जोन में उच्चाधिकारी होने का झांसा दिया था। अभिषेक ने बताया था कि उसका रेलवे अधिकारी से काफी अच्छी जान पहचान है।
अश्वनी के बेटे अमन द्विवेदी को पोर्टर के पद पर नौकरी लगवा देने का आश्वासन दिया था। 8 लाख में पोर्टर की नौकरी लगाने का सौदा तय हुआ और दोनों ने स्टाम्प पेपर में एग्रीमेंट करते हुए 2 माह में नौकरी लगाने का आश्वसन दिया था। प्रापर्टी डीलर ने बेटे को पोर्टर की नौकरी दिलाने 6 लाख रुपए नगद दे दिए और नौकरी लगने के बाद 2 लाख देने की बात हुई थी। 6 लाख रुपए लेने के बाद अभिषेक पटेल दो माह के अंदर नौकरी नहीं लगवा पाया। अश्वनी ने रुपए वापसी की मांग की तो आरोपी पहले तो गोल मोल जवाब देने लगा और फिर अचानक से फरार हो गया।