नवजोत सिंह सिद्धू कल होंगे पटियाला जेल से रिहा, ट्वीट के जरिए दी जानकारी

1 साल की जेल की सज़ा काट रहे नवजोत सिंह सिद्धू को राहत की सांस मिलने वाली है। 1988 के एक मामले में जेल की सज़ा काट रहे सिद्धू की कल पटियाला कोर्ट से रिहाई होने वाली है।
पिछले साल 20 मई से पंजाब की पटियाला जेल में कैद हैं। पूर्व भारतीय क्रिकेटर और राज्यसभा सांसद सिद्धू को पिछले साल मई में 1 साल की जेल की सज़ा मिली थी। 1988 के एक मामले में जेल की सज़ा काट रहे सिद्धू को अब राहत की सांस मिल सकती है। लंबे समय से जेल में कैद सिद्धू की कल यानी कि 1 अप्रैल को पटियाला जेल से रिहाई होगी। पहले सिद्धू की पटियाला जेल से रिहाई के लिए 16 मई का दिन तय किया गया था, पर अब उन्हें 45 दिन पहले ही रिहा किया जाएगा।
ट्वीट के ज़रिए दी जानकारी
नवजोत सिंह सिद्धू के पटियाला जेल से रिहा होने की जानकारी उनके ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से दी गई। सिद्धू की गैरमौजूदगी में उनकी टीम उनका ट्विटर अकाउंट मैनेज कर रही है और उन्होंने ही सिद्धू के कल रिहा होने की जानकारी देने वाला ट्वीट पोस्ट किया है। साथ ही ट्वीट में यह भी बताया गया है कि सिद्धू की जेल से रिहाई का फैसला संबंधित ऑथोरिटीज़ की तरफ से लिया गया है।
किस मामले में काट रहे थे सज़ा?
नवजोत सिंह सिद्धू 1988 के एक मामले में जेल की सज़ा काट रहे थे। दरअसल 27 दिसंबर 1988 की शाम को सिद्धू अपने दोस्त के साथ पटियाला की शेरावाला गेट मार्केट पहुँचे थे। इस मार्केट में कार पार्किंग को लेकर सिद्धू की एक 65 साल के बुज़ुर्ग गुरनाम सिंह से बहस हो गई। बहस इतनी बढ़ गई कि हाथापाई की नौबत आ गई। सिद्धू ने गुरनाम को घुटना मारकर नीचे गिरा दिया। इसके बाद गुरनाम को अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उसकी मौत हो गई। रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि गुरनाम की मौत हार्ट अटैक से हुई थी।
इस मामले में सिद्धू और उनके दोस्त के खिलाफ केस चला, जिसे 1999 में सेशन कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया था। 2002 में पंजाब सरकार ने हाई कोर्ट ने उन पर केस किया था। 2006 में सिद्धू और उनके दोस्त को हाई कोर्ट ने गैर इरादतन हत्या और रोड रेज के जुर्म में 1 हज़ार रुपये जुर्माने के साथ 3-3 साल की सज़ा सुनाई थी। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले पर रोक लगा दी थी। 2018 में यह मामला फिर हाई कोर्ट पहुँचा और सिद्धू और उनके दोस्त को रोड रेज के जुर्म में एक बार फिर 3-3 साल की सज़ा सुनाई गई। पर सुप्रीम कोर्ट ने इसे ख़ारिज कर दिया।
पर रोड रेज के जुर्म में सिद्धू को पुनर्विचार याचिका पर पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने मई में एक साल की सज़ा सुनाई थी।