यूपी निकाय चुनाव: नए फार्मूले में मेयर के 11 सीटों पर पड़ा असर, जानें किस आधार पर हुआ आरक्षण

यूपी के 760 नगर निकायों में सीटों के ल‌िए आरक्षण घोषित हो गई। सभी राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। जाने क्या बदलावा हुआ।

मेयर की 17 में 11 सीटों का आरक्षण पिछली बार की अपेक्षा पूरी तरह से बदल गया है। लखनऊ, कानपुर और गाजियाबाद की सीटें साल 2017 की महिलाओं के रिजर्व हो गई हैं।मेयर की 8 सीटों मथुरा-वृंदावन, अलीगढ़, प्रयागराज, अयोध्या, सहारनपुर, मुरादाबाद, फिरोजाबाद, शाहजहांपुर के रिजर्वरेशन में भी बदलाव हुआ है। दिसंबर 2022 में इन सीटों को जनरल कर दिया गया था। नगरपालिका परिषद अध्यक्ष की सीटों के आरक्षण में SC और OBC महिला के कोटे में अधिक सीटें आई हैं।

आरक्षण का फार्मूला पूरी तरह से बदला
राज्य सरकार ने आरक्षण का फार्मूला पूरी तरह से बदल दिया है। पहले वार्डों का आरक्षण स्थानीय स्तर पर किया जाता था। नगर पालिका और नगर पंचायत अध्यक्ष की सीटों का आरक्षण राज्य स्तर पर किया जाता था। नई व्यवस्था में पालिका परिषद अध्यक्ष की सीटों का आरक्षण मंडल और जिला पंचायत अध्यक्ष की सीटों का आरक्षण जिला स्तर पर किया गया है।
चक्रानुक्रम का नहीं लगा फार्मूला
जैसे मंडल में आने वाले जिलों की पालिका परिषद अध्यक्ष की सीटों और आबादी के हिसाब से भाग देते हुए आरक्षित की गई हैं। इससे वास्तविक आबादी के आधार पर जातियों को आरक्षण का फायदा मिला है।

राज्य सरकार ने अब तक हुए पिछले सभी निकाय चुनावों को शून्य मान लिया है। इसके चलते चक्रानुक्रम का फार्मूला सीटों के आरक्षण में नहीं लगाया गया है।पहला चुनाव मानते हुए सीटें हुईं आरक्षित

इसे पहला चुनाव मानते हुए सीटें आरक्षित की गई हैं। इसलिए आबादी के हिसाब से पहले ST महिला, ST, SC महिला, SC, OBC महिला, OBC, महिला और अनारक्षित रखी गई हैं। OBC के लिए 27 फीसदी सीटें आरक्षित हो सकती हैं, इसलिए नए आरक्षण में भले ही इस वर्ग को अधिक फायदा न मिला हो, लेकिन ST व SC वर्ग को फायदा मिला है। नए सिरे से आरक्षण होने से ST के हिस्से में तीन और SC को 18% सीटें दी गई हैं। इसीलिए इस वर्ग की सीटें बढ़ गई हैं।

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