सीएम भूपेश बघेल ने किया छत्तीसगढ़ सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण 2023 का शुभारंभ, कहा- योजनाओं का मिलेगा लाभ

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज शनिवार को छत्तीसगढ़ सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण 2023 का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने सर्वेक्षण दल को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना। बता दें कि यह सर्वेक्षण 1 अप्रेल से 30 अप्रेल तक चलेगा। वहीं घर-घर जाकर मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से सर्वे किया जाएगा। इससे छत्तीसगढ़ के सभी वर्गों का सर्वेक्षण कर नागरिकों के लाभ हेतु अनेकानेक योजनाएं बनाई जाएगी। बीते 25 मार्च को एक सम्मेलन में छत्तीसगढ़ समाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण हेतु मोबाइल एप का शुभारंभ किया गया था।
सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य विगत वर्षों में शासन की जन कल्याणकारी योजनाओं का जन सामान्य के जीवन स्तर पर पड़े प्रभाव का आकंलन करना है, साथ ही आकंलन से प्राप्त डाटा का भविष्य में योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन करने व अनेक जन कल्याणकारी योजनाएं बनाने में किया जाएगा। छत्तीसगढ़ सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण 2023 के लिए जिले भर में लगभग 3540 सुपरवाइजर एवं 16615 प्रगणक का दल छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर जाकर मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से सर्वे का कार्य करेंगे।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि वित्तीय वर्ष का आज पहला दिन है और पहले दिन से ही हम महत्वपूर्ण कार्य करने जा रहे हैं। सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण के मद्देनजर प्रत्य़ेक घरों मे गांवों मे जाकर सर्वेक्षण किया जाएगा। इसके अंतर्गत आवासहीन लोगों की, कच्चे मकान की जानकारी ली जाएगी। शौचालय बने हैं या नहीं, उपयोग हो रहा है या नहीं और रसोई गैस का उपयोग हो रहा है या नहीं इसके विवरण लिए जाएंगे, ताकि आने वाले समय में योजनाएं बनाई जा सकें।
2021 में भारत सरकार ने नहीं की जनगणना
साल 2021 में भारत सरकार को जनगणना कर लेनी चाहिए थी, आर्थिक सर्वेक्षण कर लेनी चाहिए थी, जो नहीं हुआ। इसके कारण बहुत सारे ऐसे ग्रामीण क्षेत्रों में आवासहीन लोग है, जो 2011 के सर्वे में नहीं आया है। जो 2011 में आ चुके हैं, उनके लिए कार्ययोजना बनी है, और 3200 करोड़ के व्यवस्था हम लोगों ने इस बजट में रखा है। और क्रमबद्ध तरीके से उन्हें आवास निर्माण के लिए सुविधा दी जाएगी। लेकिन जो सर्वे से छूट गए हैं, या 2011 के बाद यदि वे पात्र हितग्राही हैं, और किसी सर्वे में नहीं आ पा रहे हैं, तो उनको लाभ नहीं मिल पाएगा। ऐसी स्थिति में उन गरीब लोगों को जो आवासहीन है, उनको इस सर्वे के माध्यम से जो जानकारी आएगी, उसकी समीक्षा की जाएगी। और जो पात्र हितग्राही हैं, उनको भी क्रमबद्ध ढंग से आवास की सुविधा दी जाएगी।
सर्वेक्षण आने वाले समय में माइलस्टोन साबित होगा- मंत्री रविद्र चौबे
इस दौरान पंचायत मंत्री रविद्र चौबे ने कहा कि प्रदेश में एक ऐतिहासिक व क्रांतिकारी कार्य की शुरूआत हुई है। सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण का कार्य एक सर्वेक्षण नही हैं, बल्कि आने वाले समय में विकास की योजनाओं का, गरीबों की मदद करने और वंचितों को लाभ देने के लिए है। यह सर्वेक्षण आने वाले समय में माइलस्टोन साबित होंगे। इससे पहले किसी प्रदेश ने ऐसा कदम नहीं उठाया है, छत्तीसगढ़ ने ऐतिहासिक कदम उठाया है।