इंदौर मंदिर हादसा, बावड़ी से निकलते जा रहे थे शव, आंसुओं के साथ निकल रहा था गुस्सा

इंदौर,  शहर के पटेल नगर बगीचे में श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर की बावड़ी की स्लैब ढहने के हादसे में शुक्रवार को भी शव निकालने का सिलसिला जारी रहा। जैसे-जैसे बावड़ी से शव निकाले जाते रहे, आंसुओं के साथ स्वजन और रिश्तेदारों का दर्द गुस्से के रूप में बाहर निकलता रहा। एनडीआरएफ के सहयोग से प्रशासन, पुलिस और नगर निगम का बचाव कार्य शुक्रवार की पूरी रात और शनिवार दोपहर करीब 12 बजे तक जारी रहा। बावड़ी से अंतिम शव दोपहर करीब 12 बजे निकाला गया। इस तरह हादसे में मृत लोगों की संख्या 36 हो चुकी है, जबकि 16 लोग घायल हैं। शुक्रवार को पटेल नगर, स्नेह नगर, साधु वासवानी नगर से मृतकों की शव यात्राएं एक साथ निकली तो पूरा इलाका शोक में डूब गया। इनके अपने गए थे, वे तो रुदन कर ही रहे थे, आसपास के लोग भी एक साथ निकलने वाली अर्थियां देखकर आंसू नहीं रोक सके।

यह दर्द इतना असहनीय था कि शुक्रवार को पटेल नगर में सांत्वना देने पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के सामने गुस्सा और विरोध बनकर फूट पड़ा। मुख्यमंत्री पटेल नगर के पीड़ित परिवारों से मिलने कच्छ पाटीदार समाज धर्मशाला पहुंचे। यहां समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री की मौजूदगी में उनके खिलाफ नारे लगाए। समाजजन ने मुख्यमंत्री को बताया कि घटना की सूचना मिलने के बावजूद नगर निगम और प्रशासन ने बचाव कार्य जल्द शुरू करने की बजाय लोगों को वहां से हटा दिया और पुलिस ने धक्का-मुक्की की।

सेना को बुलाने में इतनी देर क्यों लगी, इन मौतों का जिम्मेदार आखिर कौन है? लोगों का गुस्से देख बचाव में भाजपा नेता भी उनसे बहस करने लगे। मामला बिगड़ता देख गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, पूर्व महापौर मालिनी गौड़, आइडीए अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा, भाजपा नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे तुरंत धर्मशाला से निकल गए। बाद में विधायक आकाश विजयवर्गीय को समाजजनों ने घेरा लिया। लोगों ने बताया कि नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों को पांच-छह बार फोन किए, मगर वे गंभीरता नहीं दिखा रहे थे। डेढ़ घंटे बाद प्रशासन और निगम का अमला पहुंचा।

पीड़ित परिवारों को सहयोग करने की बजाय अधिकारियों ने उनके साथ बदसलूकी की। प्रशासन, पुलिस और निगम प्रशासन जल्द बचाव कार्य शुरू कर देते तो हादसा इतना भीषण नहीं होता। लोगों की नाराजगी झेल रहे विधायक विजयवर्गीय भी बिना कुछ कहे, वहां से चले गए। इससे पहले मुख्यमंत्री घायलों का हाल जानने एपल अस्पताल भी पहुंचे। इसके बाद पटेल नगर में बावड़ी पर चल रहे रेस्क्यू आपरेशन का भी निरीक्षण किया।

कार्रवाई शुरू… भवन अधिकारी और निरीक्षक निलंबित, मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष और सचिव पर एफआइआर दर्ज
सार्वजनिक बगीचे की बावड़ी पर किए गए अवैध निर्माण को न हटाने के मामले में नगर निगम ने भवन अधिकारी पीआर अरोलिया और भवन निरीक्षक प्रभात तिवारी को निलंबित कर दिया है। दूसरी तरफ बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सेवाराम गलानी और सचिव मुरली सबनानी के खिलाफ भी पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है। मंदिर ट्रस्ट के इन जिम्मेदार पदाधिकारियों ने प्राचीन बावड़ी पर कब्जा करके इस पर सीमेंट-कंक्रीट की स्लैब बना दी और इसी जगह आयोजन करते थे। गुरुवार को भी इसी बावड़ी पर बैठकर हवन कराया गया और स्लैब ढहने से 36 लोग मौत के मुंह में चले गए।
एक दिन में 35 मृतकों का अंतिम संस्कार
हादसे में मृत लोगों में से 27 का अंतिम संस्कार रीजनल पार्क मुक्तिधाम पर किया गया। चितावद में तीन और जूनी इंदौर मुक्तिधाम में दो शवों का अंतिम संस्कार हुआ। दो लोगों के शव जोबट और भीकनगांव भेजे गए, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया। लिंबोदी निवासी प्रेम खानचंदानी के करीब डेढ़ साल के बच्चे हितांश का उसी क्षेत्र में अंतिम संस्कार किया गया। रीजनल पार्क, चितावद और जूनी इंदौर मुक्तिधाम में एक साथ इतने शवों का दाह संस्कार करने पर वहां चिताओं का धुआं ही धुआं नजर आ रहा था। लोगों के आंखें आंसुओं से भरी हुई थीं।

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