कांग्रेस बोली- भाजपा से बेहतर है भूपेश सरकार का बेरोजगारी भत्ता फार्मूला, बीजेपी के इस योजना की गिनाई खामियां

रायपुर । कांग्रेस ने भाजपा के बेरोजगारी भत्ता फार्मूला को फेल करार दिया है। साथ ही इसकी तुलना भूपेश सरकार के बेरोजगारी भत्ता योजना से की है। कांग्रेस ने कहा कि रमन सरकार ने सिर्फ गरीबी रेखा के नीचे वालों के लिए प्रविधान किया था, लेकिन भूपेश सरकार ने सभी वर्ग के लिए योजना को लागू किया। रमन सरकार ने सिर्फ 1000 रुपये भत्ता देने का निर्णय लिया था। भूपेश सरकार ने 2500 रुपये देने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। कांग्रेस ने साफ कर दिया कि रमन सरकार का बेरोजगारी भत्ता सिर्फ छलावा था, जबकि भूपेश सरकार की मंशा भत्ते के साथ युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना है। कांग्रेस ने कहा है कि भूपेश सरकार का बेरोजगारी भत्ता फार्मूला भाजपा के फार्मूले से कई गुना बेहतर साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा- मार्च में सबसे कम बेरोजगारी दर
छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी का आंकड़ा देश के दूसरे राज्यों की तुलना में फिर कम रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सेंटर फार मानिटरिंग इंडियन इकोनामी (सीएमआइई) के आंकड़ों को ट्वीट करते हुए लिखा कि देश में सबसे कम बेरोजगारी दर छत्तीसगढ़ में है। मार्च महीने में महज 0.8 प्रतिशत बेरोजगारी दर है, जबकि देश में 7.8 प्रतिशत है, जो कि चिंता का विषय है। इसे हम सबको मिलकर ठीक करना है। गौरतलब है कि अगस्त-2022 में भी राज्य में बेरोजगारी दर के आंकड़े सबसे कम रहे थे, जबकि अन्य राज्यों में यह आंकड़ा अधिक था।
भाजपा का मानसिक दिवालियापन : ठाकुर
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि सत्ता जाने के बाद भाजपा के नेता मानसिक दिवालियापन के दौर से गुजर रहे हैं। तमाम सरकारी योजनाओं का विरोध करके भाजपा प्रदेश के विकास को बाधित करना चाहती है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी कृषि भूमिहीन न्याय योजना, 2500 रुपये की दर पर धान खरीदी हो या अब 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी का निर्णय हो। युवाआंे को बेरोजगारी भत्ता देने की योजना, राम वनगमन पथ योजना, तीजा पोला हरेली कर्मा जयंती विश्व आदिवासी दिवस की छुट्टी हो, प्रदेश के सरकारी कार्यालय में छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति स्थापना हो या ओबीसी एसटीएससी ईडब्ल्यूएस वाले को 76 प्रतिशत आरक्षण का मामला। भाजपा हर मुद्दे का विरोध करती है।
कांग्रेस ने की भूपेश और रमन सरकार की तुलना
भूपेश सरकार में यह प्रविधान
1. गरीबी रेखा के नीचे शर्त को हटा दिया और सभी बेरोजगार युवाओं के लिए प्रविधान किया।
2. 11 हजार वार्षिक आय के स्थान पर ढाई लाख रुपये वार्षिक आय वालों को भी 2500 रुपये हर महीने देने की पात्रता दी गई।
3. एक वर्ष में ही 250 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है।
4. भाजपा की तुलना में भत्ता दोगुना से ज्यादा बढ़ाया साथ ही कौशल विकास प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
5. दस्तावेज सत्यापन पंचायत और नजदीकी केंद्रों में होगा।
रमन सरकार में यह थे प्रविधान
1 सिर्फ गरीबी रेखा के नीचे और अधिकतम वार्षिक आय सीमा 11 हजार की रखी थी।
2. 2012-13 में बेरोजगारी भत्ता 1000 रुपये प्रतिमाह था, जबकि 2016-17 में देना ही बंद कर दिया गया।
3. 15 वर्ष में सिर्फ 100 करोड़ रुपये का प्रविधान कि या गया।
4. भत्ते की राशि कम होने के साथ-साथ कौशल विकास का कोई प्रविधान नहीं किया गया था।
5. दस्तावेज के सत्यापन के लिए जनपद कार्यालय बुलाया जाता था।