सिंगल यूज पॉलीथिन पर बैन के बाद भी धड़ल्ले से हो रहा उपयोग

एक जुलाई 2022 से सिंगल यूज पॉलीथिन उपयोग और बिक्री पर बैन लग गया है, लेकिन इसका धड़ल्ले से शहर में उपयोग हो रहा है। अफसर 9 महीने बाद भी पॉलीथिन पर प्रतिबंध को प्रभावी तरीके से लागू नहीं करा पाए हैं। नतीजा रोज शहर से निकलने वाले 5 टन कचरे से बड़ी मात्रा पॉलीथिन और डिस्पोजल निकल रहा है।
बालोद. एक जुलाई 2022 से सिंगल यूज पॉलीथिन उपयोग और बिक्री पर बैन लग गया है, लेकिन इसका धड़ल्ले से शहर में उपयोग हो रहा है। अफसर 9 महीने बाद भी पॉलीथिन पर प्रतिबंध को प्रभावी तरीके से लागू नहीं करा पाए हैं। नतीजा रोज शहर से निकलने वाले 5 टन कचरे से बड़ी मात्रा पॉलीथिन और डिस्पोजल निकल रहा है। वहीं नगर पालिका भी स्वीकार रही है कि प्लास्टिक उपयोग हो रहा है।
जिम्मेदार अफसर खानापूर्ति कर रहे हैं। इस कारण व्यापारी और ग्राहक पॉलीथिन का उपयोग धड़ल्ले से कर रहे हैं। सबसे ज्यादा कैरी बैग का उपयोग सब्जी मंडियों में होता है। शहर के कुंदरूपारा ट्रेंचिंग ग्राउंड में प्लास्टिक का ढेर बढ़ता जा रहा है।उल्लंघन पर 5 साल की जेल या एक लाख रुपए जुर्माना
बुधवारी बाजार, घड़ी चौक, जयस्तम्भ चौक, सदर मार्ग, पुराना व नया बस स्टैंड स्थित कुछ दुकानों में बड़ी मात्रा में पॉलीथिन उपलब्ध है, लेकिन प्रशासन की टीम को जांचने की फुर्सत नहीं है, जबकि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने राज्य की एजेंसियों को प्लॉस्टिक उपयोग को रोकने सख्त निर्देश दिए हैं। उल्लंघन पर 5 साल की जेल या एक लाख रुपए जुर्माना का नियम है। पॉलीथिन कैरीबैग पर प्रतिबंध नहीं लगने के पीछे सबसे बड़ी गलती हमारी है, जब तक हम नहीं सुधरेंगे, तब तक पॉलीथिन बंद नहीं होगा। इसके अलावा चाय की दुकानों, प्लास्टिक के कप-ग्लास भी सीवरेज जाम का बड़ा कारण हैं।
इन जगहों पर सबसे ज्यादा उपयोग
दूध, दही, पनीर आदि में: शहर में डेयरियां हैं, जहां खुला दूध बेचा जाता है और वह सिर्फ -पॉलीथिन पैकिंग में ही।
किराने की दुकान व सब्जी बाजार: शहरभर की सैकड़ों किराने की दुकानों में खुलेआम सामान पॉलीथिन कैरी बैग में ही दिया जाता है।