नाचा कलाकार डोमार सिंह पद्मश्री से सम्मानित, राष्ट्रपति से सम्मान पाकर छलक पड़े खुशी के आंसू

छत्तीसगढ़ी हास्य गम्मत नाचा कलाकार लाटाबोड़ निवासी डोमार सिंह कंवर को बुधवार को राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में शाम 5 बजे राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू ने पद्मश्री से सम्मानित किया। राष्ट्रपति के हाथों व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में मिले इस सम्मान को पाकर डोमार सिंह भावुक हो गए। उन्होंने प्रधानमंत्री का भी आभार माना। उन्होंने कहा कि यह सम्मान मेरे गांव, बालोद जिला व पूरे छत्तीसगढ़वासियों का है।

बालोद. छत्तीसगढ़ी हास्य गम्मत नाचा कलाकार लाटाबोड़ निवासी डोमार सिंह कंवर को बुधवार को राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में शाम 5 बजे राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू ने पद्मश्री से सम्मानित किया। राष्ट्रपति के हाथों व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में मिले इस सम्मान को पाकर डोमार सिंह भावुक हो गए। उन्होंने प्रधानमंत्री का भी आभार माना। उन्होंने कहा कि यह सम्मान मेरे गांव, बालोद जिला व पूरे छत्तीसगढ़वासियों का है। ग्रामीणों व जिलेवासियों के प्यार के बदौलत ही सम्मान मिला है। सच में आज का यह क्षण मेरे जीवन का अमूल्य है। पद्मश्री सम्मान मिलने पर डोमर सिंह कुंवर के गृह ग्राम लाटाबोड़ में उनके निवास में जश्न का माहौल है। परिजनों ने मुंह मीठा कर जश्न मनाया। वे बालोद विकासखंड के पहले व्यक्ति एवं जिले के दूसरे व्यक्ति हैं, जिन्हें यह सम्मान मिला। इससे पहले गुंडरदेही की शमशाद बेगम को यह सम्मान मिल चुका है।

12 साल की उम्र से दे रहा नाचा की प्रस्तुति
डोमार सिंह जब 12 साल के थे, तब से नाचा की प्रस्तुति दे रहे हैं। उन्होंने कभी यह नहीं सोचा था कि उनकी यह मेहतन यह फल देगी। सम्मान के लिए उनका नाम पुकारा गया। राष्ट्रपति के हाथों सम्मान मिला तो उनकी आंखें नम हो गई। आंखों में खुशी के आंसू थे।

48 साल की मेहनत हुई साकार
पद्मश्री मिलने के बाद उन्होंने कहा कि उनकी 48 साल की मेहनत आज सफल हुई। उन्होंने अब तक लगभग 5200 मंचों में नाचा की प्रस्तुति देकर लोगों को नाचा विधा के बारे में बताने का प्रयास किया।

नाचा-गम्मत को बचाने में जुटे
बालोद ब्लॉक के ग्राम लाटाबोड़ निवासी 73 साल के डोमार सिंह ने स्कूल से लेकर दिल्ली तक कई मंचों पर अपनी प्रस्तुति दी। अब 48 साल से अपनी लुप्त होती नाचा गम्मत व अपनी संस्कृति को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि नाट्यकला की टीम ने नाट्य प्रतियोगिता में दिल्ली तक चयनित हुए। उसके बाद से लगातार नाचा में परी व डाकू सुल्तान की भूमिका निभा रहे हैं।

नाचा कलाकार डोमार सिंह जब दिल्ली से गांव आएंगे तो गांव को अपने कला के दम पर विशेष पहचान दिलाने को लेकर ग्रामीण व ग्राम पंचायत भी उनका सम्मान करेगी।

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