32 वर्षों से जमीन का नामांतरण एवं रिकार्ड दुरुस्त नहीं होने से पीड़ित परिवार ने दिया अनशन, तब जागा प्रशाशन

गौरेला/पेण्ड्रा/मरवाही: भेंट मुलाकात कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने तो टूक कहा है कि राजस्व मामलो में किसी तरह की देरी बर्दास्त नही की जाएगी।सीमांकन, नामांतरण, डायवर्सन, समेत राजस्व प्रकरण 15 फरवरी 23 तक निपटाने के निर्देश दिए गए थे। सी एम के निर्देश का भी असर इस जिले में नही दिख रहा है। मरवाही से 7 किलोमीटर दूर ग्राम परासी के कुम्हार परिवार के लोगों ने मुख्यमंत्री, राजस्व मंत्री, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, एसडीएम, तहसीलदार को ज्ञापन देकर 32 वर्षों से जमीन का नामांतरण एवं रिकार्ड दुरुस्त कराने की मांग की है। अन्यथा आमरण अनशन एवं आत्मदाह की चेतावनी दी है। महेश, तीरथ, भागवत प्रसाद प्रजापति ने जानकारी देते हुए बताया है कि ग्राम परासी विकास खंड मरवाही जिला-जीपीएम पटवारी हल्का नंबर-06 में खसरा नंबर 2346 रकबा 0.48 एकड़ एवं 2347 में रकबा 0.16 एक में 1/3 खातेदारों का मकान एवं कुआं बाड़ी तीन पीढ़ियों से बना हुआ है। और निवास करते चले आ रहे हैं। जमीन का नाम और नक्शा अलग-अलग न कटने के कारण पुरुषोत्तम पिता श्यामसुंदर, कमलेश पिता पुरुषोत्तम, लक्ष्मण पिता श्यामसुंदर ,जगत राम पिता लक्ष्मण ने दोनों खातेदार बिकई पिता बबोली व अनिल कुमार पिता घासीराम को मानसिक एवं शारीरिक रूप से न्यायालय के माध्यम से 40 वर्षों से प्रताड़ित करते चले आ रहे हैं।
इस मामले का राजस्व न्यायालय में कोई सुनवाई नहीं हो रही है। और ना कोई भी अधिकारी, पटवारी, तहसीलदार एवं विभागीय अधिकारी हमारे रिकॉर्ड को देखने के लिए तैयार नहीं होते। जिससे हम दोनों परिवार राजस्व न्यायालय से बुरी तरह से त्रस्त हो चुके हैं। यदि हमें न्याय नहीं मिला तो हम तहसील कार्यालय के सामने 3 एवं 4 अप्रैल को अनशन करेंगे, 5 और 6 अप्रैल को आमरण अनशन एवं 7 अप्रैल शुक्रवार को दोपहर 3 बजे आत्मदाह किया जावेगा। आत्मदाह की चेतावनी के बाद प्रशासन जागा और धरना स्थल पर तहसीलदार एवं एसडीएम के द्वारा मामले की जानकारी ली गई एवं नियमों के तहत कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया। धरना स्थल पर मरवाही विधायक डॉ के के ध्रुव एवं जिलाध्यक्ष मनोज गुप्ता ने पहुंचकर कार्रवाई का आश्वासन दिया। समाचार लिखे जाने तक शुक्रवार को सुबह 7:00 बजे ही प्रशासन द्वारा अनशन पर बैठे सभी लोगों को उठाकर गौरेला ले जाया गया है। जहां अधिकारियों ने मामले को एसडीएम कोर्ट में नियमों के तहत अपील कर निपटाने की बात कही है। वहीं अनशन पर बैठे कुम्हार परिवार लिखित आश्वासन पर अड़ा हुआ है। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने इसे सरकार की नाकामी बताया है, और जिले में इस प्रकार की घटना को बहुत ही निंदनीय कहा है। वैसे आपको बता दें कि तहसील कार्यालय एवं एसडीएम कार्यालय मरवाही में कई प्रकरण कई सालों से आदेशों के इंतजार में लंबित है। उन प्रकरणों पर आदेश ही नही किया जा रहा है।
आनंद रूप तिवारी (एसडीएम मरवाही)- पीड़ित परिवार को एसडीएम कोर्ट में प्रकरण दाखिल करने की सलाह दी गई है। दो, दो, तीन, तीन दिनों के अंतराल में पेशी देकर प्रकरण का निराकरण करा दिया जाएगा।जिला प्रशासन को जानकारी दी गई है।
डॉ के के ध्रुव (विधायक मरवाही) – शासन के नियमो के तहत प्रकरण का पुर्न अवलोकन याचिका दायर कर शीघ्र ही निराकरण कराने के निर्देश राजस्व विभाग को दिया गया है।