हमर बलोद (तिरपाट) तिराहों का शहर, बन सकती है पहचान

बालोद. आपने छत्तीसगढ़ में चौराहों का शहर के नाम से जगदलपुर का नाम सुना या पढ़ा होगा। ऐसे ही कुछ नए नाम से बालोद नगर को भी जाना जा सकता है। ध्यान से देखें तो यह तिराहों से भरा पड़ा है। ऐसे में बालोद को तिराहों का नगर कहा जाना भी सही होगा। यह नाम शहर की नई पहचान बन सकती है। ऐसा कहना है बालोद शहर का सर्वे करने वाले शिक्षक रघुनंदन गंगबोइर का। वे आमापारा बालोद के रहने वाले हैं। नवाचारी राज्यपाल पुरस्कृत शिक्षक रघुनंदन अभी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में समग्र शिक्षा अंतर्गत जिला परियोजना कार्यालय में सहायक जिला परियोजना समन्वयक की दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं।
सर्वे रिपोर्ट पत्रिका से साझा की
उन्होंने शहर के विभिन्न मार्गों का सर्वे करते हुए बताया कि यहां कई तिराहें हैं। जिनके आधार पर तिराहों के शहर के रूप में पहचान मिलनी चाहिए। “हमर बलोद (तिरपाट) तिराहों का शहर शीर्षक से उन्होंने सर्वे रिपोर्ट पत्रिका से साझा की। शिक्षक का कहना है कि जब बात किसी की पहचान की होती है तो निश्चित रूप से उसके कुछ लक्षण आकार प्रकार अहम भूमिका निभाता है।
शहर में कहां-कहां तिराहा
धमतरी की ओर से आते हैं तो पहला तिराहा होगा घोटिया तिराहा, कलेक्ट्रेट तिराहा, अब यदि दुर्ग की ओर से आते हैं तो सबसे पहले मिलेगा झलमला तिराहा, आगे बढ़ेंगे तो सिवनी तिराहा, फिर आगे बढि़ए हीरापुर तिराहा, आगे बढऩे से गंज पारा स्टेडियम तिराहा और गंजपारा दुर्गा चौक तिराहा। कुछ शहर के अंदर पहुंच चुके हैं तो आपको मिलेगा दल्ली तिराहा, इससे अंदर आते हैं तो घड़ी चौक तिराहा, जय स्तंभ चौक तिराहा, मधु चौक तिराहा, रेलवे फाटक तिराहा, पाररास बायपास तिराहा।
बघमरा से एंट्री करने पर मिलेंगे ये तिराहे
बघमरा की ओर से एंट्री करते हैं तो बायपास तिराहा, नयापारा तिराहा, डॉ बलराम साहू के घर के पास आगे बढि़ए बाजार चौक तिराहा, रामदेव चौक तिराहा, हलधर नाथ योगी तिराहा। आगे बढऩे पर पुराना बस स्टैंड जवाहर पारा सदर लाइन तिराहा। अब यदि हाईस्कूल की ओर से आते हैं तो बिजली ऑफिस तिराहा, गायत्री मंदिर तिराहा, शिकारीपारा तिराहा, गंगा सागर तालाब तिराहा, परशुराम चौक तिराहा, कृष्ण कुंज तिराहा, कॉलेज के पास तांदुला डेम तिराहा, फिर आगे नाका के पहले एसपी आवास तिराहा।