बिजली बचत का नारा सिर्फ कागजों में, सरकारी विभागों में ही हो रहा जमकर दुरुपयोग

बालोद. एक तरफ कोयले की कमी से बिजली उत्पादन प्रभावित होने की जानकारी मिलती रहती है। लगातार सरकार भी बिजली का सीमित उपयोग व व्यर्थतता पर रोक लगाने लोगों से अपील भी कर रही है। जिले के कई ऐसे विभाग हैं, जिसके लिए सरकार का कोई भी दिशा निर्देश किसी काम का नहीं है। इन विभागों में कर्मचारी व अधिकारी न हो, लेकिन बिजली जलती रहेगी। कुर्सी, टेबल व दीवार ही एसी, कूलर, पंखे की हवा खा रहे हैं। जिला कलेक्ट्रेट में भी कई ऐसे विभाग हैं, जहां यही हाल है। दूसरी ओर ग्रामीण बिजली की कटौती से परेशान हैं।

कलेक्टर दफ्तर से लेकर सरकारी कार्यालयों में बिजली की बेकद्री साफ नजर आई। जिम्मेदार विभाग के अधिकारी बिजली बचत में रुचि नहीं दिखा रहे हैं।

कलेक्ट्रेट, नगर पालिका व नगर पंचायत में बचत जरूरी
जिला कलेक्ट्रेट में ही कई विभाग में सिर्फ एक-दो ही कर्मचारी बैठे हुए दिखाई दिए, लेकिन यहां तीन पंखे, छह लाइट जलती रही। वहीं कुछ जगह एक भी कर्मचारी कार्यालय में नहीं है। सभी लंच में गए हुए थे, लेकिन बेवजह बिजली पंखे चलता रहा।

अधिकारी भी समझें अपनी जिम्मेदारी
एक तरफ अधिकारी बिजली बचत की बात करते नजर आते है। खुद इन दिशानिर्देशों का पालन नहीं करते। सभी अधिकारी कर्मचारी दिशानिर्देशों का पालन कर लें तो हर विभाग में बिजली बचत होगी।

ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती से लोग हलाकन
जिले के कई ग्रामीण इलाकों में भी बिजली कटौती की जा रही है। हालांकि विभाग व शासन दावा करता है कि पर्याप्त व 24 घंटे बिजली दी जा रही है। आज भी 24 घंटे बिजली रोज नहीं मिल रही है।

लोक निर्माण विभाग : यहां कुर्सी खाली है पर बिजली, पंखे कूलर चल रहे हैं, लेकिन इसे बंद करने वाला कोई नहीं था। ठंडी हवा से कुर्सी, टेबल ही ठंडा हो गया था।
तहसील कार्यालय: तहसील कार्यालय बालोद में भी कुर्सी से कर्मचारी नदारद हैं, लेकिन पंखे व लाइट जल रही थी। यहां भी कोई बिजली बंद करने वाला नहीं था।
बीएसएनएल कार्यालय : जिला मुख्यालय के बीएसएनएल ऑफिस में भी कुर्सियां व टेबल हवा लेते दिखाई दिए। बाहर की लाइट भी जलती रही। यह हाल सिर्फ कुछ ही विभाग का है। अन्य विभागों में यह लापरवाही जारी है।

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