झोपड़ी में आग लगने से मां-बेटे जिंदा जले, जाने कैसे लगी आग

जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने परिवार को दैवीय आपदा राहत राशि और कृषक दुर्घटना योजना के तहत 8 लाख रुपए के मुआवजा देने का ऐलान किया।
आग लगने की घटना में मृत रामआशीष ई-रिक्शा चलाते थे। इससे होने वाली आमदनी से परिवार का गुजर-बसर होता था। करीब 1.25 एकड़ खेत है। इसे गिरवी रखकर उन्होंने ई-रिक्शा खरीदा था। गांव के उत्तरी छोर पर रामआशीष का घर है। एक कमरा, बरामद पक्का है आगे झोपड़ी थी।
मृत रामआशीष की पत्नी बबिता देवी सिंदुरिया थाना क्षेत्र के पिपराकल्याण गांव में अपने मायके भतीजे के जन्मदिन में शामिल होने गई थी। बेटी अनन्या (5) और पांच साल का बेटा दिव्यांयु (4) भी साथ ननिहाल में थे। बृहस्पतिवार को घटना की जानकारी होने पर बबिता दोनों बच्चों को साथ लेकर अमवा भैंसी पहुंची। तबाही का मंजर देखकर वह बेहोश हो गई। आसपास के लोग बच्चों की देखभाल कर रहे थे। महिलाएं बबिता को ढांढस बंधा रही थी। वह रोते-रोते बेहोश हो जा रही थीं।
अमवा भैसी गांव में अग्निकांड के बाद जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार और पुलिस अधीक्षक डॉ. कौस्तुभ मौके पर पहुंचे और घटना के बाद से प्रभावित परिवार से भेंट की। उन्होंने जिला प्रशासन की ओर से पी़ड़ित परिवार को सभी जरूरी सहायता दिलाने का आश्वासन दिया। जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी सदर को परिवार को दैवीय आपदा राहत राशि और कृषक दुर्घटना योजना के तहत तत्काल मुआवजा दिलवाने के निर्देश दिए। उप जिलाधिकारी मोहम्मद जसीम ने बताया कि मृतक की पत्नी बबिता को दैवीय आपदा राहत राशि और कृषक दुर्घटना योजना के तहत कुल आठ लाख मुआवजा दिया जाएगा। पशुओं के त्वरित इलाज की व्यवस्था हुई है। इस दौरान तहसीलदार राजेश कुमार श्रीवास्तव, थानाध्यक्ष भिटौली सुनील कुमार राय आदि मौजूद रहें।