रेत माफिया की मनमानी, जहां जगह मिली वहीं कर दिया डंप

बिलासपुर। सरकारी जमीन पर पहले रेत की डंपिंग फिर कब्जे का खेल, प्रशासन को परवाह नहीं है। वर्षाऋतु में अरपा सहित शिवनाथ व खारुन नदी में भारी भरकम मशीनों के जरिए रेत की अवैध खोदाई की जा रही थी।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों का माफिया ने धज्जियां उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जहां जगह देख रहे हैं वहीं रेत की डंपिंग कर दे रहे थे। अवैध खोदाई के साथ रेत की मनमानी कीमत भी वसूल रहे थे। पूरे प्रदेश में यह खेल अब भी चल रहा है।
रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन की शिकायत के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कलेक्टर व एसपी को चेतावनी भी दी थी। उनके जिले में शिकायत मिली तो सीधे जिम्मेदार होंगे। मुख्यमंत्री की चेतावनी और सख्ती का असर अब भी दिखाई नहीं दे रहा है। रेत डंप करने के साथ ही सरकारी जमीन पर कब्जे का खेल भी चल रहा है।
सीएम की चेतावनी तो बेअसर हो ही रही है साथ ही प्रशासन की मशक्कत को भी माफिया चूना लगाने में कोई कमी नहीं कर रहे हैं। जिन घाटों को पर्यावरण की दृष्टि से उत्खनन के लिए बंद कर दिया गया है वहां बेधड़क रेत की खोदाई और परिवहन हो रहा है।
परिवहन के बाद जहां खाली जगह देख रहे हैं वहीं पर रेत को डंप भी किया जा रहा है। गौर करने वाली बात ये कि रेत की डंपिंग में विवादित जमीन के अलावा शासकीय भूखंडों पर खासतौर पर नजर लगी हुई है। रेत डंप के बहाने सरकारी जमीन पर कब्जे का खेल भी चल रहा है। विवादित जमीन पर रेत डंप करने के बाद भूमि स्वामी या फिर जिनके स्वामित्व में जमीन है सवाल जवाब करने पर दबाव भी बनाने की शिकायतें मिल रही है। इसे लेकर भी एक बड़ा खेल चल रहा है।
उत्खनन और डंपिंग का गोरखधंधा
अरपा रिवाइवल समिति के साथ ही अरपा बेसिन विकास प्राधिकरण के जरिए अरपा के संरक्षण व संवर्धन को लेकर लगातार काम किया जा रहा है। प्राधिकरण व प्रशासन की कोशिशों को भी माफिया धता बता रहे हैं।
एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने रिवाइवल समिति बनाने और इसके जरिए अरपा नदी का संरक्षण और संवर्धन करने का निर्देश बिलासपुर कलेक्टर को दिया है। कोर्ट के निर्देश पर बिलासपुर और गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के कलेक्टरों की अध्यक्षता में रिवाइवल समिति का गठन किया गया है।