छग के इस बाड़े में असम से लाए 4 वन भैंसों को छोड़ा

बारनवापारा. कोठारी परिक्षेत्र के कक्ष क्रमांक 169 खैरछापर में वन भैंसा संरक्षण एवं संवर्धन केन्द्र के बाड़े में 15 अप्रैल को असम के मानस टाइगर रिजर्व से लाए गए चार मादा वन भैंसों को छोड़ा गया। इसके पहले भी साल 2020 में असम मानस टाइगर रिजर्व से वन भैंसा का एक नर-मादा जोड़े को यहां छोड़ा गया था।
जिसका बाड़े में पालन.पोषण किया जा रहा है। अब वन भैंसा संरक्षण एवं संवर्धन केन्द्र के बाड़ों में अब पांच मादा एवं एक नर वन भैंसा सहित कुल संख्या छह हो गई है। कसडोल पशु शल्यज्ञ चिकित्सा अधिकारी डॉ लोकेश वर्मा ने कहा कि करीब दो.ढाई साल उम्र के मादा वन भैंसों को बाड़े में छोड़ा गया।
वन अधीक्षक बारनवापारा आनंद कुदरिया व परिक्षेत्र अधिकारी कुषाणु चन्द्राकर ने कहा कि सभी स्वस्थ हैं। पीसीसीएफ सुधीर अग्रवाल, एपीसीसीएफ कौशलेंद्र एवं उपस्थित पशुचिकित्साधिकारियों की टीम के मार्गदर्शन एवं निर्देशन में वन भैंसों को बाड़े में छोड़ा गया है। आगे उच्च अधिकारियों के दिशा.निर्देश मिलने पर इन वन भैंसों को गरियाबंद उदंती टाइगर रिजर्व शिफ्ट किया जा सकता है।
वर्तमान में उदन्ती सीतानदी टायगर रिजर्व में विद्यमान वन भैंसों में केवल नर वन भैंसा ही बचे हैं एवं देश के मध्य भारत में वन भैंसें विलुप्त के कगार में हैं। इसके लिए माह फरवरी 2023 से वन विभाग छत्तीसगढ़ की टीम मानस टाइगर रिजर्व असम में जाकर सर्वेक्षण का कार्य किया। इसके बाद भारत शासन से अनुमति प्राप्त कर बोमा का निर्माण कर 4 मादा वन भैंसों को सफ लता पूर्वक कैप्चर किया गया।
वन भैंसों की सुरक्षा के लिए अनुकूलन के उद्देश्य से बाड़े के चारों ओर ग्रीन नेट तथा घांस की चटाई से काल को घेरा गया है। यह सीसीएमबी हैदराबाद एवं भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून के मार्गदर्शन एवं पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ राकेश वर्मा एवं डॉ पीके चंदन के निर्देशन में किया जा रहा है।