लू से सबसे अधिक खतरा वृद्ध, गर्भवती और नवजात शिशुओं को, गर्मी में इन बातों का रखें ध्यान

 हर दिन बढ़ते तापमान को देखते हुए लू से बचाव और संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिए लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है। लू लगने का सबसे अधिक खतरा वृद्ध, गर्भवती और नवजात शिशुओं को रहता है। इसके अलावा लगातार तेज धूप में रहने से भी लू का खतरा रहता है। लू तब लगती है जब व्यक्ति के शरीर का तापमान सामान्य तापमान से बढ़ जाता है।

लू लगने के कारण बुखार काफी तेज हो जाता है, आंखें व हाथ-पैरों के तलवों में जलन होती है। इससे आदमी बेहोश हो सकता है, बहुत अधिक गर्मी और जलन होने से रोगी के शरीर में बेचैनी हो जाती है, मुंह सूखना, गला सूखना, बार-बार प्यास लगना जैसे लक्षण उत्पन्न होने लगते हैं। सीएमएचओ ने बताया कि इन दिनों पारा उच्च स्तर पर होता है बहुत गर्म और शुष्क हवाएं बहती हैं। धूप के संपर्क में देर तक रहता है, या चेहरा देर तक धूप में गर्म हवा के संपर्क में आता है।

गर्मी में इन बातों का रखें ध्यान
काम करते समय हल्के सूती कपड़े फीके रंग के कपड़े पहने। काले या गहरे रंग के कपड़े ज्यादा ना पहने, सिर पर रुमाल या टोपी पहने जिससे न केवल सिर का ही नहीं बल्कि कान और चेहरे का धूप से बचाव हो सके, छोटे बच्चे और 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग अधिकांश समय छांव में ही रहें, शराब या मस्तिष्क पर असर डालने वाली दवाएं और नशीले पदार्थों का सेवन भूलकर भी न करें, जब धूप में काम करना बहुत जरुरी हो तभी जाएं तब धीरे धीरे गर्मी के माहौल में जाए, एकदम से न जाएं, हर दिन धूप में काम करने की 1-2 घंटे कोशिश करें जिससे शरीर गर्मी को सहने की आदत सीखे समेत अन्य सावधानियां बरतकर धूप से बचाव किया जा सकता है।

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