नौकरी दिलाने के नाम निलंबित सिपाही ने ठगे 16 लाख, रुपये वापस मांगने पर बोला- जो करना है कर लो नहीं दूंगा

रायपुर।  खुद को पुलिस अफसर होना बताकर नौकरी लगवाने का झांसा देकर एक युवती से 16 लाख रुपये निलंबित सिपाही ने ठग लिए। ठगी का यह मामला सिविल लाइन पुलिस थाने में आने के बाद पुलिस ने सीआइडी में पदस्थ निलंबित सिपाही संजीव मिश्रा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

जानिए ठगी का ये पूरा मामला
सिविल लाइन पुलिस थाना प्रभारी अर्चना धुरंधर ने बताया कि पंचशीलनगर में रूबी ब्यूटी पार्लर संचालित करने वाली पीड़ित रीना सोनी ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, कि उसके ब्यूटी पार्लर में निलंबति सिपाही संजीव मिश्रा आना-जाना लगा रहता था। खुद को पुलिस विभाग का बड़ा अधिकारी बताकर उसने परिचय बढ़ाया।
इसी दौरान पुलिस विभाग और वन विभाग में भर्ती का विज्ञापन निकला तब उसने कहा कि किसी की भर्ती करानी है तो अपने परिचितों से संपर्क कर लो मैं भर्ती करा दूंगा। उसके झांसे में आकर रीना ने अपने कुछ परिचितों और रिश्तेदारों से बात कर ली।
नौकरी दिलाने के नाम पर ले लिए 16 लाख
आरोपित ने कुछ रकम एडवांस ले लिया और शेष रकम नौकरी लग जाने पर देने को कहा था। 11 दिसंबर 2021 को रीना ने अपने परिचित कमलेश चंद्र से 10 लाख रुपये, सागर ठाकुर से तीन लाख रुपये और विपिन सिंह से तीन लाख रुपये कुल 16 लाख रुपये एडवांस लेकर कमलेश चंद्र और विक्की विश्वकर्मा के सामने संजीव को दिया था।
पैसे लेने के बाद संजीव मिश्रा ने रीना और उसके परिचितों को विश्वास दिलाया गया था, कि वन और पुलिस विभाग में निकाले गए पदों पर आसानी से वह भर्ती करा देगा पर जब भर्ती का परिणाम आया तो किसी का चयन नहीं हुआ।
पैसे मांगे तो देने से किया इंकार
रीना ने बताया कि संजीव मिश्रा से इस बारे में बात करने के लिए काल लगाया तो उसका मोबाइल स्वीच आफ हो चुका था। कुछ दिनों बाद जब संपर्क हुआ। संजीव से पूछने पर वह गोलमोल जवाब देने लगा। शंका होने पर रीना ने 16 लाख रुपये लौटाने को कहा।
संजीव ने कहा कि पैसे वापस नहीं करूंगा जो करना है कर लो। परेशान होकर रीना ने थाने में शिकायत की। पुलिस ने चार सौ बीसी का केस दर्ज कर जांच शुरू की। मामले को गंभीरता से लेते हुए संजीव मिश्रा की तलाश शुरू की। पुलिस मुख्यालय के सीआइडी. शाखा में संबद्ध संजीव वर्तमान में निलंबित और गैरहाजिर है। उसकी मूल पदस्थापना इकाई जिला दुर्ग है। पुलिस ने आखिरकार देवपुरी निवासी संजीव मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया।
जेल जा चुका है आरोपित
जांच के दौरान पता चला कि निलंबित होने के बाद से संजीव मिश्रा ने कई लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये ठगे हैं। उसके खिलाफ रायपुर के टिकरापारा थाने के साथ ही नारायणपुर, बीजापुर और सुकमा में पुलिस द्रोह उद्दीपन,अपराधिक षडयंत्र के प्रकरण दर्ज है। वह इस मामले में जेल भी जा चुका है। अपराधिक गतिविधियों को देखते हुए उसे विभाग से निलंबित किया गया था।

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