किसान की बेटी बनी पहले बैच की अग्निवीर

रायपुर. आप जब पढ़ाई कर रहे थे तो सोशल मीडिया से दूर कैसे रहते थे? आपकी सैलरी कितनी है? बारहवीं में कितना प्रतिशत था? यह सवाल यंगस्टर्स ने पहली बैच की अग्निवीर मुकेश्वरी निषाद से पूछे। दरअसल, मुकेश्वरी आईएनएस चिल्का से चार महीने की बेसिक ट्रेनिंग के बाद रायपुर आई। महादेव घाट स्थित एक ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में हमउम्र युवाओं को अपनी जर्नी सुर्नी सुनाकर मोटिवेट किया। जब सवाल-जवाब की पारी आई तो मुकेश्वरी को एक से बढक़र एक सवालों सामना करना पड़ा। मुकेश्वरी ने सभी की जिज्ञासा शांत की। इससे पहले मुकेश्वरी ने बताया कि मुझे नेवी या अग्निवीर की कोई जानकारी नहीं थी। मैंने फॉरेस्ट गार्ड के लिए अप्लाई किया था। मेरे दोस्त ने बताया कि अग्निवीर के लिए फॉर्म निकला है भर दो। मैंने भर दिया। स्टेप बाय स्टेप आगे बढ़ती गई और आज आपके सामने हाजिर हूं।
आपकी सैलरी कितनी है?
– सैलरी 30 हजार रुपए है लेकिन 21 हजार ही मिलेंगे। बाकी चार साल बाद मिलेंगे।
– बारहवीं में कितना प्रतिशत था?
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सोशल मीडिया से कैसे दूरी बनाएं
– पढ़ाई में मन लगाइए। दूरी खुद बन जाएगी।
आप पढ़ाई में होशियार थीं, फिजिकल में खुद को कैसे मोटिवेट किया?
– जब आप वहां तक पहुंच जाते हैं तो आपको खुद से मोटिवेशन मिलना शुरू हो जाता है।
इंग्लिश कैसे स्ट्रांग की?
मैं बारहवीं तक गांव के ही सरकारी स्कूल से पढ़ी हूं। इंग्लिश कमजोर थी। नेवी में अंग्रेजी बहुत जरूरी है इसलिए मैंने इसे सीखा। हालांकि सीखने के दौरान परेशानी हुई।
पत्रिका से कहा- गांव वाले कहते थे, लडक़ी है बाहर जाकर क्या करेगी
पैरेंट्स को कन्विंस किया: पापा किसान हैं। पांच बहनों में मैं सबसे बड़ी हूं। जब मैंने कॉलेज के लिए रायपुर आना चाहा तो पैरेंट्स ने हामी भर दी लेकिन गांव वाले उन्हें कहते थे कि लडक़ी को पढ़ाने के लिए बाहर भेजने की क्या जरूरत? हालांकि मैंने पैरेंट्स को कन्विंस किया और हॉस्टल में रहकर छत्तीसगढ़ कॉलेज ज्वाइन किया।
चार वर्षीय स्कीम पर बोलीं: अग्निवीर की चार वर्षीय स्कीम पर बोलीं- ऐसा सोचना ठीक नहीं है कि चार साल बाद बाहर कर देंगे। आप अपना बेस्ट देकर उस 25 प्रतिशत में शामिल हो सकते हैं जिन्हें कंटिन्यू किया जाएगा।
ऐसी रही ट्रेनिंग: तडक़े साढ़े तीन बजे उठाया जाता था। खूब दौड़ लगानी पड़ती थी। चिल्का पहुंचते ही मोबाइल जमा कर लिया गया। घर वालों से वहां के एसटीडी से महज तीन मिनट बात करने दिया जाता था। मैंने पहल बार विक्रमादित्य देखा। उसमें मिग-21 को उतरते देखना हमारी बड़ी उपलब्धि थी।
टाइम को वैल्यू समझो: यूथ को दिए मैसेज में बोलीं- घूमने-फिरने और मूवी में समय खराब मत करो। डिफेंस की तैयारी ग्राउंड में करें। मैं तो रक्षाबंधन और दिवाली में भी पढ़ाई के चलते घर नहीं गई थी।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
एक्स्पर्ट रिटायर्ड नेवी ऑफिसर आरके साहू ने कहा, जब कोई जहाज अपने गंतव्य स्थान के लिए रवाना होता है उससे पहले दस्तावेज में कुछ लोगों के हस्ताक्षर लगते हैं। बिना साइन के पायलट शिप स्टार्ट नहीं कर सकता। मुकेश्वरी का भी हस्ताक्षर लगेगा।