प्रदीप मिश्रा की शिवमहापुराण कथा में भक्तों का सैलाब: श्रद्धा ऐसी कि धूप में ही छतरी तानकर बैठ गए

भिलाई. जयंती स्टेडियम भिलाई में जीवन आनंद फाउंडेशन एवं श्रीराम जन्मोत्सव समिति द्वारा आयोजित श्रीशिव महापुराण कथा के दूसरे दिन बुधवार को कथा सुनने वालों की भीड़ दोगुनी हो गई। विश्वविख्यात कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा एकांतेश्वर महादेव की कथा सुना रहे हैं। भोलेनाथ की भक्ति से परिपूर्ण श्रद्धालुओं का उत्साह बढ़ता जा रहा है। भीषण गर्मी भी उनका उत्साह को कम नहीं कर सका। सिविक सेंटर कथास्थल, कथा का रसपान करने आए श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ था। पंडाल के अंदर जगह भर जाने के बाद बाहर भी श्रद्धालु बैठकर कथा सुनने लगे। कथावाचक पंडित मिश्रा ने इस दौरान भक्तों द्वारा भेजे गए पत्रों की जानकारी श्रद्धालुओं को दी। पंडित प्रदीप मिश्रा ने कथा में अपना जीवन सनातन संस्कृति के प्रसार में लगाने की बात कही। उन्होंने कहा कि पहले कई मंदिर खाली पड़े रहते थेए वहां कोई नहीं जाता था। कोई पूजा नहीं करता था। लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब भक्तगण नियमित रूप से मंदिर जाते हैं और भगवान शिव को जल एवं बेल पत्र अर्पित करते हैं।

एक श्रद्धालु के पत्र में लिखा था पहले मां अपने बच्चों को स्कूल लेने जाती थी तो गार्डन घुमा कर लाती थी। अब अपने बेटों को मंदिर ले जाती हैं। उन्होंने कहा कि आज सनातन धर्म के प्रति लोग जागरूक हुए हैं। अब लोगों में धर्म के प्रति आस्था जागी है। उन्होंने कहा कि महादेव की भक्ति करें क्योंकि सिर्फ भोलेबाब ही हैं जो आपका भविष्य तय करते हैं। शंकर भगवान का भजन करें वही दुनिया का भाग्य लिखने वाले हैं। कथा के आयोजक श्रीरामजन्मोत्सव समिति के संरक्षक प्रेमप्रकाश पाण्डेय एवं जीवन आनंद फाउंडेशन के प्रमुख विनोद सिंह के द्वारा भगवान शिव के अर्धनारीश्वर स्वरूप की आरती के पश्चात द्वितीय दिवस की कथा का समापन हुआ। कथा का रसपान करने दुर्ग लोकसभा सांसद विजय बघेल सपत्निक कथास्थल पहुंचे। वहीं दुर्ग विधायक अरूण वोराए पूर्व मंत्री रमशीला साहू, डॉ. दयाराम साहू ने भी कथा का रसपान किया।

सामाजिक संगठनों की रही महत्वपूर्ण भूमिका: दूरदराज के क्षेत्रों से आए श्रद्धालुओं की सहायता के लिए स्वयंसेवक, स्थानीय प्रशासन सहित अन्य सामाजिक संस्था अपना पूर्ण सहयोग देकर कथा संचालन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। पार्किंगए पेयजलए शौचालय, हेल्पडेस्क, भोजन के द्वारा श्रद्धालुओं की सहा

सहज सरल हैं छत्तीसगढ़ के लोग: कथा वाचक पंडित मिश्रा ने कहा कि छत्तीसगढ़ भगवान श्रीराम का ननिहाल है। भगवान राम का छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक आना रहा है। उन्होंने कहा छत्तीसगढ़ के लोग छलप्रपंच से दूर रहते हैं। सादा भोजन खाकर गुजारा कर लेते हैं पर किसी से छलकपट नहीं करते। भगवान को ऐसे लोग ही प्रिय हैं.मोहि कपट छल छिद्र न भावा।।

माता-पिता और गुरु हैं जीवन की असली पूंजी: पंडित प्रदीप मिश्रा ने अपने प्रवचन में बताया कि माता. पिता और गुरु जीवन की असली पूंजी हैं। चाहे कैसी भी विषम परिस्थिति हो माता-पिता और गुरु का चरण कभी नही छोडऩा चाहिए। माता-पिता और गुरु जीवन संवार देते हैं।

पुराणों में बताए गए हैं पांच महापाप: कथा में पंडित प्रदीप मिश्र ने बताया कि पुराणों के अनुसार 5 महापाप हैंए जिसमें बाल हत्याए पर स्त्री का संगए स्वर्ण की चोरीए घर में आग लगाना और किसी से विश्वासघात करना। निर्मल हृदय एवं श्रद्धा भाव से शिवलिंग के दर्शन से महापाप से मुक्ति मिलती हैं।
तपती धूप में छतरी लेकर पहुंचे भक्त: जयंती मैदान में भव्य तीन डोम बनाए गए हैं, लेकिन दूसरे दिन भक्तों की संख्या पहले दिन से दोगुनी हो गई। इस वजह से सामने और साइड में टेंट से पंडाल बनाया गया। बावजूद पंडाल छोटा पड़ गया। लोग छतरी की छांव में छोट-छोटे बच्चों को लेकर कथावाचक महराज को एलईडी में देखते रहे।

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