श्रमिकों के साथ जमीन पर बैठकर खाद्य मंत्री, आईजी-कलेक्टर व एसपी ने लिया बोरे बासी का स्वाद

अंबिकापुर. प्रदेश की उन्नति और विकास में श्रमिकों की मेहनत सबसे महत्वपूर्ण है। तेज धूप और गर्मी में जब काम के बीच छत्तीसगढ़ का मेहनतकश श्रमिक खाने के लिए गमछा बिछाकर अपना डिब्बा खोलता है तो उसमें टमाटर चटनी, प्याज के टुकड़ों के साथ बोरे बासी जरूर देखने को मिलता है। बोरे बासी से वैसे तो लोग परिचित हैं,
लेकिन इसे वैश्विक स्तर पर नई पहचान दिलाने की अहम भूमिका छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निभाई है। मुख्यमंत्री ने श्रमिकों और किसानों का मान बढ़ाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर पर लोगों से बोरे-बासी खाने की अपील की, जिसका परिणाम हुआ कि बीते वर्ष जो बोरे बासी खाने की पहल के रूप में शुरू हुआ, अब उसने त्यौहार का व्यापक रूप ले लिया है।
बीज प्रमाणीकरण बोर्ड के सदस्य अरविंद गुप्ता, कल्याण बोर्ड के सदस्य अनिल सिंह कर्नल, पार्षद दीपक मिश्रा, संध्या रवानी एवं श्रमिक बंधुओं सहित जिले के अधिकारियों-कर्मचारियों ने छत्तीसगढिय़ा संस्कृति के प्रमुख आहार बोरे बासी के साथ विभिन्न तरह की चटनी, मिर्ची, प्याज व अचार का स्वाद लिया।

खाद्य मंत्री ने इस अवसर पर श्रमिक बंधुओं को शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा कि श्रमिक बंधुओं की मेहनत और लगन से ही प्रदेश का विकास है।

स्वच्छता दीदियों एवं श्रमिकों को किया सम्मानित

श्रमिक दिवस पर नगर पालिक निगम अंबिकापुर के ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबन्धन केंद्रों में कार्यरत स्वच्छता दीदियों एवं श्रमिकों को साड़ी एवं शॉल-श्रीफल देकर सम्मानित किया गया। साथ ही श्रम विभाग के अंतर्गत विभिन्न योजनाओं में 12 हितग्राहियों को 4 लाख 88 हजार की राशि चेक के माध्यम से प्रदान किया गया।

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