रायपुर की प्रज्ञा नायक बनी सीजीपीएससी टॉपर

रायपुर । छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) में रायपुर की प्रज्ञा नायक ने पहली रैंक प्राप्त की है।
प्रज्ञा ने बताया कि उन्होंने वर्ष-2020 से लक्ष्य तय कर सिविल सर्विसेस परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी। खुद को साबित करने के लिए बिना कोचिंग के घर पर ही रहकर पढ़ाई की। 10 से 11 घंटे तक सेल्फ स्टडी की। जो चीजें समझ नहीं आती उसे बार-बार पढ़तीं। 12वीं में गणित विषय लेकर पढ़ाई की। परिवार के लिए यह दोहरी खुशी का पल है क्योंकि प्रज्ञा के भाई प्रखर नायक ने भी सीजीपीएससी में 20वां रैंक हासिल की है।
प्रज्ञा ने बताया कि पहली बार सीजीपीएससी की परीक्षा में कुछ अंक से ही रह गई। इसके बाद और लगन से तैयारी शुरू कर दी। दूसरी बार में परीक्षा में सफल हो गई हूं, पहली रैंक आना मेरे लिए गौरव की बात है।
उन्होंने बताया कि शाम पांच बजे से परिणाम का इंतजार कर रहे थे। रात में जब परिणाम आया तो सबसे पहले जोर से चीखी और आंसू निकल पड़े। भागते हुए जाकर जब मम्मी-पापा को बताया तो सब खुशी से झूम उठे। पिता महेश नायक स्कूल शिक्षा विभाग में सहायक संचालक और मां ज्योति नायक गृहणी हैं, जिन्होंने हमेशा उनका मार्गदर्शन किया।
राज्य सेवा आयोग की परीक्षा में सब रजिस्ट्रार से डिप्टी कलेक्टर बने रायपुर निवासी शशांक गोयल ने बताया कि वे पिछले छह-सात वर्षों से इसकी तैयारी कर रहे थे। पिछले वर्ष भी उनका चयन हो गया था,लेकिन रैंक ज्यादा आने के कारण उन्हें अच्छी पोस्ट नहीं मिली। इस वर्ष उनकी तैयारी रंग लाई और वे तीसरे स्थान पर रहे।
शशांक गोयल ने बताया कि उन्होंने एनआइटी से इंजीनियरिंग की है और आइआइएम रांची से एमबीए किया है। वर्तमान में वे बिलासपुर में सब रजिस्ट्रार हैं। उनके पिता प्राइवेट नौकरी में हैं और माता हाउस वाइफ है।
रायपुर के प्रखर नायक ने सीजीपीएससी में 20 वीं रैंक हासिल की है। प्रखर ने बताया कि एनआइटी रायपुर से 2028 में पासआउट होने के बाद सिविल सेवा की तैयारी के लिए वे दिल्ली चले गए। दो साल तक दिल्ली में रहकर तैयारी की। इसके बाद घर पर आकर खुद से पढ़ना शुरू कर दिया। कोचिंग के दौरान तैयार किए गए नोट्स काम आए।
सीजीपीएससी की तैयारी के दौरान पुराने प्रश्न पत्र भी हल करने का अभ्यास करता रहा। दो बार सीजीपीएससी की परीक्षा दी। इसमें सफल नहीं हुआ, लेकिन जो भी खामियां थी। उसे सुधारता गया आखिकार तीसरे प्रयास में सफलता मिल गई।
सीजीपीएससी में पहला रैंक पाने वाली प्रज्ञा नायक और प्रखर नायक भाई-बहन हैं। प्रखर व प्रज्ञा ने बताया कि परीक्षा की तैयारी के दौरान जो विषय जिसे कठिन लगता दूसरा उसे पढ़ाता। इस तरह से एकदूसरे की खामियों को निखारते गए। साथ मिलकर की गई पढ़ाई काम आई। प्रखर व प्रज्ञा के एक साथ चयन से घर वाले काफी खुश हैं।
भिलाई तालपुरी निवासी दो भाई बहनों ने भी पीएससी की परीक्षा में इतिहास रच दिया। बहन नेहा खलखो ने 13 वीं रैंक हासिल की है, वहीं निखिल 17 वीं रैंक पर रहे। उनके पिता अमृत कुमार खलखो छत्तीसगढ़ शासन में राज्यपाल के सचिव हैं। परिणाम की जानकारी मिलते ही खलखो परिवार में उल्लास का माहौल है।
नेहा व निखिल दोनों ने ही कहा कि बचपन से ही वे अपने पिता अमृत खलखो एवं मां शार्मिला खलखो से प्रभावित थे और जन सेवा का लक्ष्य तय कर पीएसपी की परीक्षा दी थी।
तालपुरी ए ब्लाक निवासी नेहा खलखो ने बताया कि उन्होंने 2013 में यूपीएससी की परीक्षा दी थी। इसके बाद से वे बेहतर रैंक लाने लगातार प्रयासरत रहीं। कोरोना काल में उन्होंने ड्राप लेते हुए पीएसपी की तैयारी शुरू की।
नेहा ने बताया कि पीएसपी में दूसरे प्रयास में वह सफल हुईं। वे स्वयं अध्ययन करने के साथ ही एक कोचिंग संस्थान में भी पढ़ाती थी। उन्होंने बताया कि पिता अमृत खलखो का मार्गदर्शन हम दोनों भाईबहनों को मिला। घर में बेहतर पढ़ाई का माहौल मां शार्मिला खलखो से मिला।
उन्होंने बताया कि जीवन में अनुशासन एवं लगन के साथ मेहनत करें तो सफलता मिलनी तय है। परीक्षा में असफल होने पर कभी हार नहीं मानना चाहिए वरन आने वाली परीक्षा के लिए और भी बेहतर तैयारी करनी चाहिए।