नकली नोट की फैक्ट्री पर पुलिस की रेड

दिल्ली की स्पेशल सेल पुलिस ने फेक इंडियन करेंसी छापने वाले एक मास्टरमाईंड को गिरफ्तार किया है. आरोपी के कब्जे से दिल्ली पुलिस ने 2 हजार, 500 और 200 के डेनोमिनेशन में कुल 6 लाख 71 हजार रुपये के नकली नोट और 5 करोड़ की कीमत के प्रिंटर, वाटर मार्क, इंक एवं अन्य उपकरण बरामद किए. इस मामले में गिरफ्तार आरोपी की पहचान, प्रशांत उर्फ विराट के रूप में हुई है. ये मूल रूप से चेन्नई का रहने वाला है. आरोपी गाजियाबाद के लोनी में सेटअप किये गए अपने नकली नोट की फैक्ट्री में फेक नोटों की छपाई करता था. इससे पहले भी गाजियाबाद और मेरठ में नकली नोटों के दो मामलों में आरोपी शामिल रहा है.

डीसीपी राजीव रंजन सिंह ने बताया कि स्पेशल सेल की टीम आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों की जांच के लिए राष्ट्रीय राजधानी और देश के अन्य हिस्सों में गैंगस्टरों, नारकॉटिक्स ड्रग्स सिंडिकेट और नकली नोटों के सप्लायर पर नजरें बनाये रखने के साथ ही उनके बारे में जानकारी भी जुटाती रहती है. इसी दौरान टीम को गुप्त सूचना मिली कि गाजियाबाद के लोनी में एक रैकेट नकली नोट बनाने और उसके सप्लाई में लिप्त है. खुफिया सूचना पर कार्रवाई करते हुए एसीपी ललित मोहन नेगी और हृदय भूषण की देखरेख में इंस्पेक्टर विनय पाल और अरविंद सिंह की एक टीम का गठन किया गया. सूचना के आधार पर पुलिस टीम रैकेट के बारे में जानकारी जुटाने में लगी हुई थी.

30 रुपये की दर से खरीदारों को नकली नोटों की सप्लाई 

दिल्ली पुलिस स्पेशल टीम को रिंग रोड, महात्मा गांधी रोड और इंद्रप्रस्थ पार्क के पास एक शख्स के नकली नोट की डिलीवरी के लिए आने की सूचना मिली थी. जिस पर तत्काल एक्शन लेते हुए पुलिस टीम ने सूचना के आधार पर घात लगाया और जैसे ही आरोपी वहां पहुंचा, उसे नकली नोटों की खेप सहित दबोच लिया. पूछताछ में उसकी पहचान के बाद आरोपी ने बताया कि वह 30 रुपये की दर से नकली नोट खरीदारों को देता है. उसने बताया कि वो गाजियाबाद के लोनी में उन नकली नोटों की छपाई करता है.

5 करोड़ नकली नोट छापने की थी योजना

आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने उसकी लोनी स्थित फैक्ट्री में छापेमारी की. पुलिस की टीम ने 2,72,500 रुपयों के 2000, 500 और 200 के तैयार नकली नोट अपने कब्जे में लिए. इसके अलावा नोट बनाने में उपयोग होने वाला -182 A4 साईज का पेपर, A4 साईज के पेपर के 35 रिम्स,एक प्रिंटर, एक A4 साईज का पेपर, जिस पर 500 और 200 के असली नोट लगे थे, जिसे स्कैन किया जाता था, महात्मा गांधी का वॉटरमार्क बनाने के लिए एक स्क्रीन प्रिंटिंग फ्रेम, नोट काटने के लिए पारदर्शी ग्लास स्लैब, पांच पेपर कटर आदि भी मिले. पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि उसकी योजना 5 करोड़ रुपए मूल्य का नकली नोट छापने और मार्केट में बेचने की योजना थी.

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