राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर डॉ. पटेल ने दी लक्षण व उपचार की जानकारी

खरसिया । राज्य शासन से प्राप्त निर्देशानुसार प्रत्येक वर्ष के भांति इस वर्ष भी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.मधुलिका सिंह ठाकुर के निर्देशन तथा खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ.अभिषेक पटेल के मार्गदर्शन में 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस आयोजित हुआ। इस दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चपले में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित हुई। इसमें बीएमओ डॉ.अभिषेक पटेल ने विभाग के समस्त अधिकारी, कर्मचारीयों और आमजनों को डेंगू से संबंधित विस्तृत जानकारी प्रदान की। कार्यशाला में बताया गया कि डेंगू बीमारी एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलती है।

ये हैं डेंगू के लक्षण
अचानक तेज सिर दर्द व तेज बुखार, मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द होना, आँखों के पीछे में दर्द होना, जी मिचलाना एवं उल्टी होना, गंभीर मामलों में नाक व मुंह से खून आना, त्वचा पर चकत्ते उभरना आदि डेंगू के लक्षण होते हैं। वहीं गंभीर अवस्था पर डेंगू हेमोरेजिक फिवर एवं डेंगू शॉक सिन्ड्रोम की उपचार तीनों पद्धति में एलोपैथिक, आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक के अनुसार चिकित्सकिय परामर्श एवं इलाज संबंधित निदान के बारे में चर्चा करते हुए जानकारी दी गई। तत्पश्चात् डेंगू से बचाव के उपाय बताया गया और खरसिया विकासखण्ड़ की आमजनता को जागरूक करते हुए साथ ही अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अवगत कराते हुए स्वास्थ्य शिक्षा एवं जागरूकता हेतु भी विशेष सुझाव डॉ.अभिषेक पटेल के द्वारा दिए गए।

डेंगू से बचाव के उपाय
डेंगू मच्छर से बचने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने घर के आस-पास साफ-सफाई रखनी चाहिए, नालियों में जला हुआ मोबिल, मिट्टी तेल का छिडकाव करना चाहिए। हमेशा फूलआस्तीन के वस्त्र पहनना चाहिए, रात को सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए, कुलर में स्थिर पड़े हुए पानी का निष्कासन, टायर, नारियल खोल इत्यादि में ठहरे हुए पानी को खाली करना चाहिए। वहीं बताया गया कि कोरोना वायरस संपूर्ण रूप से समाप्त नहीं हुआ है। अभी भी आमजनता कोरोना वायरस रोग के दौरान डेंगू को नजरअंदाज न करें एवं खरसिया विकासखण्ड को डेंगू मुक्त बनाने में सहयोग प्रदान करें। वहीं राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत वर्तमान में वैश्विक महामारी ब्व्टप्क्.19 संक्रमण को देखते हुए तथा कोरोना गाईडलाईन का पालन करते हुए वैश्विक महामारी कोरोना काल में भी डेंगू नियंत्रण किया जाना आवश्यक है।

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