रबी फसल धान कटाई का काम जोर पकड़ लिया

राधेश्याम सोनवानी, रितेश यादव-
गरियाबंद:- इन दिनों अंचल में रबी फसल धान कटाई का काम जोर पकड़ लिया है। हरूना धान के साथ अब देर-देर से पकने वाली धान की कटाई भी शुरू हो गई है। किसान सुबह से शाम तक खेतों में नजर आने लगे हैं। किसान रवि फसल में धान की कटाई हार्वेस्टर एवं थ्रेसर मशीन से कर रहे हैं।
रबी सीजन में धान फसल लेने वाले 70 प्रतिशत किसानों की धान फसल पककर खेतों में तैयार है। खेतों में अर्ली वैराइटी के रूप में तैयार धान की किस्म आइआर 64, 1001 धान की कई किसानों ने कटाई भी शुरू कर दी है।
गरियाबंद जिले के गांवों में जहां सिंचाई के लिए नहर कुछ जगहों पर ही पहुंचती हैं तथा स्वयं के सिंचाई का साधन हैं। ऐसे किसान समय से पहले ही धान की रोपाई पूरी कर लेते हैं। इन फसलों की कटाई अब जोरों से शुरू हो गई है, वहीं देर से पकने वाले धान की कटाई भी शुरू हो गई है, धान के कटाई के बाद किसान ट्रैक्टर या गाड़ा फसल को खलिहान तक पहुंचाने में जुटे हुए हैं।
गांवों में धान कटाई के लिए मजदूरों की मांग बढ़ गई है। इन दिनों कृषि उपज मंडी में नए धान की आवक शुरू हो गई है।
1800 – 1900 रुपए प्रति क्विंटल तक धान की बिक्री हो रही है।
जिले के गरियाबंद, छुरा, राजिम, फिंगेश्वर,मैनपुर और कोपरा पाण्डुका क्षेत्र में रबी सीजन में बोर सिंचाई सुविधा और अन्य माध्यम से लगभग 60 हजार हेक्टेयर से अधिक रकबे पर किसानों ने रबी धान की पैदावार ली है। सिंचाई सुविधा से धान फसल लेने वाले 70 प्रतिशत किसानों की धान फसल पककर खेतों में तैयार है।
रबी धान की कटाई-मिंजाई तेजी से जारी है। विगत दिनों हुए खराब मौसम ने किसानों की चिंता बढ़ा दी थी। क्योंकि रबी धान फसल खेतों में पक कर तैयार है। किसान मंशा राम साहू, पुष्कर साहू, नारद देवांगन ने कहा कि यदि गर्मी के इस मौसम में बेमौसम बारिश होती है, तो किसानों को भारी नुकसान होगा, क्योंकि धान फसल तैयार है।
रबी फसल में धान कटाई करने दूसरे प्रांत से हार्वेस्टर पहुंचे हैं। धान की कटाई व मिंजाई एक साथ करने के लिए स्थानीय के अलावा कंबाइन हार्वेस्टर पंजाब, हरियाणा से आए हैं। इसमें मजदूरों की अपेक्षा काम सस्ते में होता है और किसान सीधे धान को खेत में खलिहान ले जाने के बजाए घर में या फिर खरीदी केंद्र में ले जाते हैं।
नर-नारी धान की खेती कर ले रहे अधिक आमदनीः जिले के अधिकांश गांवों में किसानों ने अधिक आमदनी कमाने एवं फसल चक्रण अपनाने के लिए रबी सीजनों में नर-नारी धान की बहुतायत में खेती कर रहे है। यह बीज कंपनी की माध्यम से पहले तो स्वयं की खर्चे से कंपनी दवाई एवं खाद की लागत को कंपनी वाहन करती है, लिहाजा बाद में एकमुश्त धान बेचने के बाद यह राशि लागत हुए पैसा को काट लेते हैं।
कहने का मतलब यह राशि कृषि कार्य के लिए कंपनी पैसा को ब्याज के रूप में एकमुश्त काटते है। विगत तीन चार सालों से रबी फसल के मौसम में यह धान की बोवाई की जाने वाली धान की बुवाई कर उपज लिया जाता है। नर-नारी एक अलग किस्म का धान है। जिसे रोपाई एवं निंदाई गुड़ाई से लेकर अंत तक अलग ही प्रक्रिया होती है। धान की रोपाई के वक्त नर-नारी धान में दो किस्म का धान होता है।
नर व नारी धान को एक के बाद एक की रोपाई करते है। जिसे बालियाँ निकलने के समय नर व नारी धान को एक दूसरे से टकराना होता है तभी नर व नारी धान की अच्छी फसल होती है मजदूरी बढ़ने से किसानों को हो रही परेशानीकटाई करने वाले मजदूरों की मजदूरी बढ़ जाने से किसानों को थोड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इन दिनों तेज गर्मी के चलते क्षेत्र में बमुश्किल से धान कटाई के लिए मजदूर मिल रहे हैं। क्षेत्र के किसान रामलाल साहू एवं मनोहर सिन्हा ने बताया कि मजदूर शुरूआत में अपने फसल की कटाई कर लेते हैं। इसके बाद ही दूसरे के खेतो में जाते हैं।