क्या गौतम अडानी को मिल गई हरी झंडी? जानिए सुप्रीम कोर्ट के पैनल ने क्या कहा

नई दिल्ली: अडानी ग्रुप (Adani Group) पर लगे आरोपों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक्सपर्ट्स का एक पैनल बनाया था। उसका कहना है कि शेयरों की कीमतों में हेराफेरी के आरोपों की जांच में मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) के स्तर पर असफलता का निष्कर्ष निकालना संभव नहीं है। पैनल ने समूह की संबंधित इकाइयों के बीच लेनदेन के खुलासे के संबंध में भी यह बात कही। विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 24 जनवरी को जब हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट पेश की तो उसके बाद भारतीय शेयर बाजार में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं आया। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अरबपति गौतम अडानी की अगुवाई वाले ग्रुप पर ‘शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी’ में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। हालांकि ग्रुप ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे पूरी तरह से आधारहीन बताया है।

छह सदस्यों वाले पैनल ने कहा, ‘सेबी ने जो स्पष्टीकरण दिया है और जो डेटा सामने आए हैं, उनसे पहली नजर में यह निष्कर्ष निकालना संभव नहीं है कि कीमतों में छेड़छाड़ के आरोपों में रेगुलेटरी फेल्योर हुआ है।’ सेबी ने 13 ऐसे खास ट्रांजैक्शंस की पहचान की है जिन्हें संदिग्ध माना गया है। इनकी जांच हो रही है। सुप्रीम कोर्ट के पैनल की अगुवाई पूर्व जस्टिस एएम सप्रे कर रहे हैं। पैनल का कहना है कि सेबी इन ट्रांजैक्शंस के बारे में डेटा इकट्ठा कर रहा है और उसे समयबद्ध तरीके से इस मामले की जांच करनी है। सेबी ने अडानी ग्रुप पर लगे आरोपों की जांच के लिए और छह महीने का समय मांगा था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसे 14 अगस्त तक यह काम पूरा करने को कहा।

रेगुलेटरी फेल्योर के सवाल पर पैनल ने कहा कि इस निष्कर्ष पर पहुंचना संभव नहीं है। पैनल ने कहा कि आर्टिफिशियल ट्रेडिंग का कोई पैटर्न सामने नहीं आया है और ट्रेडिंग में गड़बड़ी का भी कोई पैटर्न नहीं मिला है। सेबी ने पाया कि कुछ कंपनियों ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने से पहले शॉर्ट पोजीशन ली थी और शेयरों की कीमत में गिरावट के बाद इसका फायदा उठाया था।

कमेटी ने कहा कि मार्केट ने अडानी ग्रुप के स्टॉक्स को re-priced और re-assessed किया है। ये शेयर 24 जनवरी से पूर्व की स्थिति में नहीं लौटे हैं लेकिन अपनी नई कीमत पर स्थिर हैं। समिति ने कहा कि डेटा के मुताबिक 24 जनवरी, 2023 के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में रिटेल इनवेस्टर्स का निवेश बढ़ा है। इसके आधार पर यह कहा जा सकता है कि इस दौरान पूरे शेयर मार्केट में वैसी उथलपुथल नहीं रही। समिति ने कहा कि अडानी ग्रुप के शेयरों में काफी उतारचढ़ाव रहा। इसकी वजह हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट रही।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button