शिक्षा विभाग की लापरवाही से जिले के 172 उच्च श्रेणी शिक्षक पदोन्नति से वंचित

राधेश्याम सोनवानी, रितेश यादव-
गरियाबंद – जिले में शिक्षा विभाग केे लापरवाही से उच्च श्रेणी केे शिक्षक पदोन्नति से वंचित हो रहे है। विभागीय लेतलतीफी और लारपवाही का खाजियाजा 172 शिक्षको को भुगतना पड़ रहा है जबकि जिम्मेदारी अधिकारी मामले को लेकर गंभीरता दिखाने के बजाय गैर जिम्मेदाराना हरकत करते नजर आ रहे है।
उल्लेखनीय है कि जिले के शिक्षा विभाग मंे शिकायतो और लापरवाही का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा। बीते दो सालो से तबादला, सामाग्र्री क्रय के मामले में अनियमितता को लेकर लगातार सुर्खियो में रहने वाला शिक्षा विभाग एक बार फिर अपने लापरवाही को लेकर सुर्खियो में है। जानकारी के मुताबिक जिले में प्राथमिक शाला प्रधान पाठक के पदो पर पदोन्नति की प्रक्रिया विगत 31 अक्टूबर 2022 से प्रारंभ हुई है जिसके अन्तर्गत अधिकांश सहायक शिक्षको को विभागीय जांच के नाम से परिभ्रमण सूची में रखा गया है। किन्तु आज छः महीने बीत जाने के बाद भी विभागीय जांच पूर्ण नही किया जा सका है। जिसके चलते शिक्षको की पदोन्नती रुक गई है।
जानकारी के मुताबिक संविलयन के उपरान्त शिक्षा विभाग में उक्त सहायक शिक्षको का विभागीय जांच संबंधी कोई भी मामला लंबित नही है, उसके बावजूद पात्र सहायक शिक्षकों का पदोन्नति में विलंब होने से भारी आक्रोश व्याप्त है। जिले के सहायक शिक्षक, प्रधान पाठक को पदोन्नति में परिभ्रमण के नाम सेे गुमराह किया जा रहा है। इसके चलते शिक्षक पदोन्नति से वंचित हो रहे है।
मामले में विभागीय लापरवाही का दंस जेल रहे शिक्षको का कहना है कि शिक्षा विभाग के जिम्मेदारी अधिकारी कर्मचारी के द्वारा बेवजह उन्हे परेशान किया जा रहा है। किसी प्रकार की विभागीय जांच, शिकायत या अन्य कोई कारण नही होने के बाद भी उन्हे परिभ्रमण सुची में जोड़ा गया है। विभाग से जब इस संबंध में जानकारी चाही गई तो वे जबाव देने की स्थिति में नही है लगातार गुमराह कर रहे और टाल मटोल जबाव दे रहे है। इसके चलते हमारा भविष्य और पदोन्नति लंबित हो गया है। इसके चलते संभागीय कार्यालय द्वारा जारी आदेश में पदोन्नति हो रहे 152 उच्च श्रेणी शिक्षको का पेंच भी अटक गया है।
शिक्षको ने मामले को लेकर सोमवार को कलेक्टर प्रभात मलिक से मुलाकात की। इस दौरान कलेक्टर को मामले की जानकारी देते हुए शीघ्र ही सहायक शिक्षकों को परिभ्रमण से मुक्त करने और विभागीय जांच पूर्ण पदोन्नति प्रक्रिया शुरू करने की मांग रखी। इसके साथ ही लेतलतीफी होने और प्रक्र्रिया त्वरित शुरू नही होने पर शिक्षको ने आंदोलन की चेतावनी भी दी।