छत्तीसगढ़ / गरियाबंद

पीढ़ियों से सार्वजनिक निस्तार के नया तालाब का अस्तित्व खत्म होने के कगार पर...

- राधेश्याम सोनवानी
गरियाबंद :  यह मामला गरियाबंद का जहां का एक तालाब जिसे स्थानीय लोग नया तालाब के नाम से जानते हैं,  नगर का यह तालाब जिसका 4.05 हेक्टेयर क्षेत्र ग्राम आमदी (म) तथा 2.16 हेक्टेयर क्षेत्र नगर पालिका में है, 6.21 हेक्टेयर के क्षेत्र में फैले यह तालाब जिसमे कई सालों से कई पीढ़ियां अपने निस्तार के लिए उपयोग करते आ रहे थे धीरे धीरे इस तालाब का अस्तित्व अब खत्म हो चला है, गरियाबंद में इस तालाब को कई पीढ़ियों ने देखा है,पूर्व में आस–पास धीरे धीरे इस तालाब में कुछ कब्जाधारियों ने इसे अपने कब्जे में लेने का प्रयास किया, पूर्व में इस तालाब का सौंदर्यीकरण का कुछ कार्य ग्राम पंचायत आमदी (म) के माध्यम से कराया गया था,अब इस तालाब की स्थिति यह है कि बेजुबान जानवर भी इसमें लोटने नहीं जाते। 6.21 हेक्टयर में फैले इस सुंदर तालाब में नाली का गंदा पानी आज भी भरता है, पूरा तालाब आज जलकुंभी और गंदगी से पटा हुआ पड़ा है।
आपको बताते चलें कि गत 1 वर्ष पूर्व इस तालाब के गहरीकरण एवं सफाई को लेकर नगर पालिका में तकरीबन 1 करोड़ का टेंडर भी हुआ, जिसका ठेका किसी अनुराग केला को दी गई है, किंतु टेंडर निविदा की प्रक्रिया पूरा हो जाने के बावजूद आज 1 वर्ष बाद भी इस तालाब में एक ढेले का कार्य नहीं कराया गया है। इसकी क्या वजह रही होगी ? या फिर उक्त ठेकेदार को नगर पालिका ने कार्य प्रारंभ या कार्य पूर्ण की तिथि उक्त कार्य आदेश में जारी ही नहीं किया है ? नगर पालिका को प्राप्त स्वीकृति के बावजूद क्या यह पालिका की उदासीन रवैया नहीं है, जिसके चलते आज नगर का एक प्रमुख तालाब का अस्तित्व खत्म होने की कगार में पहुंच गया है । यह सिलसिला गरियाबंद में बदस्तूर सुर्खियों में देखा जाता है, जिसका जीता–जागता उदाहरण नगर के विकास पर स्थानीय मीडिया के माध्यम से उठता सवाल है। 
 
नगर का इकलौता सांई गार्डन अव्यवस्थाओं से जूझ रहा है
नगर का एक मात्र सांई मंदिर के पास स्थित सांई गार्डन इन दिनों कई महीनों से अव्यवस्थाओं से जूझ रहा है,  पर्याप्त साफ-सफाई का अभाव है ।

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