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धातुओं की डिजिटल खरीद में एमएसएमई को बड़ा सहारा बना वेदांता मेटल बाजार

 धातुओं की डिजिटल खरीद में एमएसएमई को बड़ा सहारा बना वेदांता मेटल बाजार


40,000 करोड़ रुपए के कारोबार के साथ बनाया नया रिकॉर्ड

छोटे कारोबारों के लिए धातुओं की खरीदी अब पहले जैसी जटिल नहीं रही। कभी जिस प्रक्रिया में कीमतों के उतार-चढ़ाव से लेकर बिचौलियों की दखल तक कई दिक्कतें आती थीं, अब वेदांता मेटल बाजार ने उसे बेहद आसान बना दिया है। एमएसएमई दिवस के मौके पर वेदांता लिमिटेड ने स्पष्ट किया कि उसके नॉन-फेरस मेटल्स ई-स्टोर ने 40,000 करोड़ रुपए की कुल बिक्री का आँकड़ा पार कर लिया है।

यह दुनिया का सबसे बड़ा नॉन-फेरस मेटल्स प्लेटफॉर्म है, जहाँ एल्युमीनियम, जिंक, लेड और कॉपर जैसे धातुओं के 1200 से ज्यादा वैराइटीज़ उपलब्ध हैं। खास बात यह है कि इस प्लेटफॉर्म पर खरीद के लिए कोई न्यूनतम सीमा नहीं है, जिससे छोटे कारोबारी अपनी जरूरत के हिसाब से ही खरीद कर सकते हैं।

प्रणव इलेक्ट्रिकल इंडस्ट्रीज़ प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर श्री गौरव वर्मा ने कहा, "वेदांता मेटल  बाजार ने मेटल की खरीद को हमारे जैसे एमएसएमई के लिए बहुत आसान बना दिया है। बिना किसी न्यूनतम ऑर्डर की बाध्यता के साथ यह प्लेटफॉर्म बेहद सुविधाजनक है।"

कोठारी मेटसोल के वीपी-ऑपरेशन्स श्री नीलेश पाटिल ने कहा, "यह प्लेटफॉर्म ऑर्डर से लेकर भुगतान और फॉलो-अप तक हमारी पूरी प्रक्रिया को आसान बनाता है, जहाँ सब कुछ एक ही जगह मिल जाता है।"

अलवर के संत एल्युमिनियम के मालिक श्री अभिषेक अग्रवाल ने कहा, "हम जैसे छोटे व्यापारियों के लिए यह प्लेटफॉर्म भरोसेमंद है। ऐप से हम ट्रैकिंग कर सकते हैं और फीडबैक से प्लानिंग में मदद मिलती है।"

वेदांता मेटल बाजार में लाइव प्राइस, शिपमेंट ट्रैकिंग, फाइनेंशियल सपोर्ट और आसान ऑर्डर प्रोसेस जैसी सुविधाएँ शामिल हैं। व्हाट्सऐप चैटबॉट और मोबाइल ऐप ने इसे और आसान बना दिया है। अब एमएसएमई कारोबारी भी बिना किसी दलाल के, सीधे मेटल की खरीद कर सकते हैं।

वेदांता का यह प्लेटफॉर्म छोटे कारोबारियों के लिए एक भरोसेमंद साथी बनकर उभरा है, जो उन्हें न सिर्फ आसान एक्सेस देता है, बल्कि मेटल कारोबार को और व्यवस्थित भी बनाता है।
 

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