छत्तीसगढ़ / कोंडागांव

नालसा द्वारा संचालित मध्यस्थता ‘राष्ट्र के लिए‘ अभियान को लेकर हुई बैठक

 कोंडागांव । 4 जुलाई को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर द्वारा संचालित योजना के तहत प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोण्डागांव किरण चतुर्वेदी की अध्यक्षता एवं उनकी उपस्थति में नालसा द्वारा संचालित मध्यस्थता ष्राष्ट्र के लिएष् अभियान (भारत के सभी तालुका न्यायालयों, जिला न्यायालयों और उब न्यायालयों में लंबित मामलों को निपटाने के लिए 90 दिनों का मध्यस्थता अभियान) के संबंध में बैठक का हुआ। 

इस बैठक में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विक्रम प्रताप चन्द्रा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोण्डागांव रेशमा वैरागी पटेल, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी कोण्डागांव शिव प्रकाश त्रिपाठी, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोण्डागांव के सचिव गायत्री साय और मिडिएटर अधिवक्ताओं व अधिकार मित्र उपस्थित रहे।

मध्यस्थता राष्ट्र के लिए अभियान के सफल क्रियान्वयन हेतु आयोजित इस बैठक का मुख्य उद्देश्य न्यायिक अधिकारियों और अधिवक्ताओं के साथ समन्वय स्थापित कर न्यायालयों में लंबित मामलों को मध्यस्थता के माध्यम से सौहार्दपूर्वक और त्वरित रूप से निपटाने की रणनीति तैयार करना था।

बैठक में न्यायाधीश महोदया ने इस 90 दिवसीय अभियान की पृष्ठभूमि एवं उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह अभियान न्यायिक प्रणली में लंबित मामलों को सौहार्दपूर्ण, शीघ्र एवं व्यावहारिक तरीके से सुलझाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने अधिवक्ताओं से कहा कि वे अधिक से अधिक मामलों को मध्यस्थता के लिए उपयुक्त मानते हुए न्यायालय को जानकारी दे ताकि दोनो पक्षों की सहमति से समाधान की प्रक्रिया को बल मिल सके।

अधिवक्ताओं ने भी इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि मध्यस्थता के माध्यम से मामलों का शीघ्र और संतोषजनक निपटारा संभव है, जिससे पक्षकारों का समय, श्रम और धन की बचत होती है।

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि न्यायालय द्वारा चयनित उपयुक्त मामलों को प्राथमिकता के आधार पर मध्यस्थता केन्द्र को संदर्भित किया जाएगा तथा पक्षकारों की मध्यस्थता की प्रक्रिया, लाभ और परिणामों के बारे में जागरूक किया जाएगा। साथ ही संचिव महोदया ने अधिकार मित्रों को मध्यस्थता के प्रक्रिया को मजबूत करने दोनो पक्षों के आपसी राजीनामा के माध्यम से विवादों को निपटारा करने के लिए अपने-अपने कार्य क्षेत्रों में शिविर के माध्यम से प्रचार-प्रसार करने हेतु निर्देशित किया गया।

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