छत्तीसगढ़ / बलरामपुर

बिना अनुमति आरक्षकों को भेजा बंगाल, टीआई समेत 3 निलंबित...

 बलरामपुर । बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के कुसमी थाने में गंभीर अनुशासनहीनता का मामला सामने आया है। एसपी ने थाना प्रभारी (टीआई) ललित यादव और दो प्रधान आरक्षकों विष्णुकांत मिश्रा व प्रांजुल कश्यप को सस्पेंड कर दिया है। आरोप है कि थाना प्रभारी ने बिना उच्चाधिकारियों की अनुमति के दो हेड कांस्टेबल को बंगाल भेजा और एक व्यापारी से केस निपटाने के नाम पर कथित रूप से चार लाख रुपये की डील की।

क्या है पूरा मामला?
कुछ दिन पहले कुसमी क्षेत्र के एक पीड़ित व्यापारी ने बंगाल के आसनसोल निवासी एक बड़े व्यापारी के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करानी चाही थी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, शिकायत पर एफआईआर दर्ज नहीं की गई, बल्कि थाना प्रभारी ने कथित रूप से केस को “सेटल” करने के बदले पीड़ित से ₹4 लाख में सौदा तय किया।

बिना अनुमति भेजी टीम, आसनसोल पुलिस को हुआ शक
डील के बाद टीआई ने बिना किसी सूचना या अनुमति के थाने के दो हेड कांस्टेबलों को आसनसोल भेज दिया। वहां आरोपी व्यापारी की गिरफ्तारी के बाद उसके परिजनों ने स्थानीय पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद आसनसोल पुलिस ने दोनों प्रधान आरक्षकों से एफआईआर की जानकारी मांगी। जवाबों में विरोधाभास मिलने पर बंगाल पुलिस को शक हुआ और उन्होंने सीधे बलरामपुर एसपी से संपर्क किया।

एसपी ने मानी गंभीर लापरवाही, तत्काल निलंबन
घटना की जानकारी मिलते ही बलरामपुर-रामानुजगंज एसपी ने पूरे मामले को गंभीर अनुशासनहीनता मानते हुए तुरंत कार्रवाई की। टीआई ललित यादव, प्रधान आरक्षक विष्णुकांत मिश्रा, और प्रधान आरक्षक प्रांजुल कश्यप को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

क्या है अगला कदम?
    जांच शुरू: विभागीय जांच के आदेश जारी किए गए हैं।
    लेनदेन की जांच: चार लाख की कथित डील की भी वित्तीय जांच की जा रही है।
    अन्य अधिकारियों की भूमिका: मामले में और किसी की भूमिका रही है या नहीं, इसकी भी जांच की जा रही है।

Leave Your Comment

Click to reload image