छत्तीसगढ़ / बिलासपुर

केंद्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष ने ली जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक

 जनजातीय क्षेत्रों में योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा, विकास कार्यों में पारदर्शिता और तत्परता के निर्देश

 

बिलासपुर । केंद्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष  अंतर सिंह आर्या ने आज जिला कार्यालय के मंथन सभाकक्ष में जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में उन्होंने अनुसूचित जनजातियों के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं में प्रगति की समीक्षा करते हुए प्रभावी क्रियान्वयन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में कलेक्टर  संजय अग्रवाल, एसएसपी  रजनेश सिंह, आयोग के वरिष्ठ अधिकारी सहित जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।

     बैठक की शुरुआत में कलेक्टर  संजय अग्रवाल ने जिले में जनजातीय क्षेत्रों में संचालित योजनाओं, विकास कार्यों, और हितग्राहियों की स्थिति की जानकारी दी। बैठक में विशेष रूप से वनाधिकार पट्टे वितरण, पीएम जनमन योजना, जनजातीय छात्रावासों की स्थिति, पोषण आहार वितरण, स्वास्थ्य सुविधाएँ, रोजगार सृजन, और आदिवासी युवाओं के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों पर विस्तार से चर्चा की गई।

श्री आर्या ने अधिकारियों को स्पष्ट रूप से निर्देशित किया कि जनजातीय समुदाय तक योजनाओं की सीधी पहुँच सुनिश्चित की जाए, ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति लाभ से वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि वनाधिकार अधिनियम के अंतर्गत लंबित व्यक्तिगत और सामुदायिक पट्टों के आवेदनों का शीघ्र निराकरण किया जाए। यह केंद्र और राज्य की प्राथमिकता में है। उन्होंने पीएम जनमन योजना में सैचुरेशन लेवल जल्द हासिल करने के निर्देश दिए।  कलेक्टर  संजय अग्रवाल ने बताया कि दिसंबर माह तक पीएम जनमन योजना के तहत स्वीकृत मकान पूर्ण कर लिए जाएंगे। इसी प्रकार मार्च 2026 तक सभी स्वीकृत सड़कों का निर्माण कर लिया जाएगा।

  श्री आर्या ने छात्रावास, आश्रम की मॉनिटरिंग के लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपने के निर्देश दिए। जनजातीय क्षेत्रों का लगातार दौरा करने कहा ताकि योजनाओं के क्रियान्वयन में गति और पारदर्शिता आए। उन्होंने वृहद पौधारोपण पर भी जोर दिया। मनरेगा के तहत करंज, नीम जैसे छायादार पौधे लगाने कहा। उन्होंने निर्देश दिए कि शैक्षणिक संस्थानों की स्थिति में सुधार, विशेष रूप से दूरस्थ क्षेत्रों के आदिवासी बच्चों के लिए छात्रावास, पाठ्यपुस्तक व छात्रवृत्ति जैसी सुविधाएँ समय पर उपलब्ध कराई जाएं। आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता दी जाए, खासकर मातृ और शिशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में।इस दौरान एसएसपी  रजनेश सिंह ने आदिवासी इलाकों में कानून व्यवस्था की स्थिति और सुरक्षा इंतज़ामों पर जानकारी दी, वहीं आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त ने योजनाओं की अद्यतन स्थिति प्रस्तुत की। श्री आर्या ने कहा कि आयोग स्वयं विभिन्न जिलों में जाकर जमीनी हकीकत का मूल्यांकन कर रहा है। स्थानीय प्रशासन को पूर्ण पारदर्शिता एवं संवेदनशीलता के साथ कार्य करना चाहिए।

बैठक में नगर निगम कमिश्नर  अमित कुमार, जिला पंचायत सीईओ  संदीप अग्रवाल, एडीएम  शिव कुमार बनर्जी,सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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