छत्तीसगढ़ / गरियाबंद

8 लाख की इनामी महिला नक्सली ने किया सरेंडर, 20 साल से थी सक्रिय

राधेश्याम सोनवानी,रितेश यादव

शासन की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर किया सरेंडर।

नक्सली संगठन को एक बार फिर बड़ा झटका।

गरियाबंद। गरियाबंद सहित बस्तर में सुरक्षा बल के जवानों द्वारा लगातार लाल आतंक पर प्रहार किया जा रहा है। इस नक्सल विरोधी अभियान में सुरक्षा बलों को सफलताएं मिल रही है। गरियाबंद में लगभग 20 सालों से सक्रिय रही महिला नक्सली जानसी उर्फ वछेला मटामी ने सोमवार को सरेंडर किया है। जिस पर 8 लाख रुपए का इनाम घोषित था। जानसी अपने साथ एसएलआर रायफल लेकर चलती थी। सुरक्षा बल और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में नक्सलियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है, जिससे कि अब संगठन से जुड़े नक्सली सरेंडर करने मजबूर हो रहे हैं। वहीं नक्सली जंगल में दर–दर भटकने व मुठभेड़ में मरने के बजाय सरकार की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित हो रहे हैं और समाज की मुख्यधारा में जुड़कर खुशहाली की जिंदगी जी रहे हैं। 

मालूम हो कि नक्सल संगठन से जुड़ी नगरी एरिया कमेटी की सचिव जानसी उर्फ वछेला मटामी ने आखिरकार मुख्यधारा में लौटने का निर्णय ले लिया। लगभग 20 वर्षों तक संगठन में सक्रिय रही जानसी ने गरियाबंद पुलिस के घर वापसी अभियान से प्रेरित होकर आत्मसमर्पण कर दिया है। जिससे कि नक्सली संगठन को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। महिला नक्सली जानसी पर सरकार द्वारा 8 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया था। मिली जानकारी के मुताबिक, जानसी वर्ष 2005 में जनमिलीशिया से जुड़ी थी और तब से कई नक्सली घटनाओं में सक्रिय भूमिका निभाती रही। वह नगरी एरिया कमेटी की महत्वपूर्ण सदस्य और बाद में सचिव बन गई थी।जानसी, नक्सली सत्यम गावड़े की पत्नी थी, जो कि  जनवरी में भालूडिग्गी मुठभेड़ में मारा गया था। पति की मौत के बाद वह मानसिक तनाव से गुजर रही थी और इसी बीच गरियाबंद पुलिस द्वारा चलाए जा रहे पुनर्वास अभियान से प्रभावित होकर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया।

–बॉक्स में–  आत्मसमर्पण नीति का लाभ लेकर समाज की मुख्यधारा से जुड़े–

गरियाबंद एसपी निखिल राखेचा ने कहा कि जानसी की आत्मसमर्पण से नक्सल नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है। वहीं उन्होंने भरोसा दिलाया है कि आत्मसमर्पण करने वालों को सभी सरकारी योजनाओं का लाभ और पुनर्वास की सुविधा दी जाएगी। उन्होंने अपील भी किया है कि जंगल में दर–दर भटकने की बजाय नक्सली समाज की मुख्यधारा में लौटकर खुशहाली की जिंदगी जिए।

–आत्मसमर्पित महिला नक्सली जानसी ने भी किया साथियों से अपील–
सरेंडर महिला नक्सली जानसी ने चर्चा में बताया कि पुलिस जवानों की कार्यवाही से नक्सल संगठन पूरी तरह से कमजोर हो चुका है। जंगल में लगातार पुलिस जवानों का दबाव बढ़ते ही जा रहा है। उन्हें समय में खाना भी नसीब नहीं हो पा रहा है, बासी खाना खाने मजबूर हैं। उन्होंने अपने अन्य साथियों से भी अपील की है कि जंगल में दर–दर भटकने व मरने की बजाए सरेंडर करें। उन्हें शासन द्वारा आत्मसमर्पण नीति के तहत सभी सुविधाएं दी जा रही है, जिससे समाज की मुख्यधारा से जुड़कर बेहतर और खुशहाली की जिंदगी जी सकते हैं

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