संस्कृति

Chaitra Navratri 2025 Day 4: आज है चैत्र नवरात्र का चौथा दिन, इस नियम से करें पूजा, जानें प्रिय भोग से लेकर सबकुछ

नई दिल्ली। चैत्र नवरात्र के चौथे दिन मां दुर्गा के चतुर्थ स्वरूप मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है। मां कूष्मांडा को सृष्टि की आदि शक्ति माना जाता है। मान्यता है कि उन्होंने अपनी मंद मुस्कान से ब्रह्मांड की रचना की थी, इसीलिए उन्हें कूष्मांडा कहा जाता है। मां कूष्मांडा आठ भुजाओं वाली हैं और अपने हाथों में कमंडल, धनुष-बाण, कमल, अमृत कलश, चक्र और गदा धारण करती हैं। कहते हैं कि उनकी पूजा से आयु, यश, बल और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।

आज चैत्र नवरात्र का चौथा दिन (Chaitra Navratri 2025 Day 4) है, तो चलिए पूजा विधि से लेकर पूरी डिटेल्स यहां जानते हैं।

पूजा मुहूर्त  (Chaitra Navratri 2025 Day 4 Puja Muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार, सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन रहेगा। रवि योग सुबह 06 बजकर 10 मिनट से 08 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से दोपहर 03 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। इस दौरान आप पूजा-पाठ से लेकर कई भी शुभ व मांगलिक काम कर सकते हैं।

पूजा विधि (Chaitra Navratri 2025 Day 4 Puja Vidhi)

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

मां कूष्मांडा की पूजा का संकल्प लें।

मां कूष्मांडा की प्रतिमा स्थापित कर, उनका ध्यान करें।

मां कूष्मांडा का आह्वान करें।

मां को पीले या सफेद रंग के पुष्प अर्पित करें।

उन्हें कुमकुम, अक्षत, हल्दी और चंदन आदि चीजें अर्पित करें।

धूप और दीप जलाएं।

देवी के मंत्रों का जाप करें।

दुर्गा सप्तशती के चतुर्थ अध्याय का पाठ करें।

मां कूष्मांडा को मालपुआ का भोग बहुत प्रिय है, इसके अलावा, आप उन्हें दही और हलवा भी अर्पित कर सकते हैं।

मां कूष्मांडा की आरती करें।

अंत में मां से अपने और अपने परिवार के लिए अच्छे स्वास्थ्य, दीर्घायु और सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें।

पूजन मंत्र ( Maa Kushmanda Puja Mantra)

"या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥"

देवी का प्रिय भोग (Chaitra Navratri 2025 Day 4 Bhog)

मां कूष्मांडा को मालपुआ बेहद प्रिय है। ऐसी मान्यता है कि इस भोग को अर्पित करने से मां प्रसन्न होती हैं और भक्तों को आरोग्य का आशीर्वाद देती हैं। इसके साथ ही आप मां को दही और हलवा भी चढ़ा सकते हैं, जो लोग श्रद्धा भाव से मां की आराधना कर से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

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