छत्तीसगढ़ / दुर्ग
पशुपालकों के साथ गोकुल नगर के संबंध में बैठक
भिलाईनगर । नगर पालिक निगम भिलाई के आयुक्त राजीव कुमार पाण्डेय के कक्ष में गोकुल नगर कुरूद के पशुपालकों के साथ बैठक आयोजित की गई।
बैठक में चर्चा अनुसार गोकुल नगर के 164 पशुपालकों को वर्ष 2007 में निगम द्वारा भूमि आबंटित किया गया था। जिसमें से 03 पशुपालकों द्वारा प्रब्याजी की पूर्ण राशि जमा कर दिया गया है। शेष 161 पशुपालकों द्वारा प्रथम किश्त की राशि जमा की गई है।
प्रथम किश्त की राशि जमा करने पश्चात पशुपालकों एवं नगर निगम भिलाई के मध्य अनुबंध पत्र निष्पादित किया गया था। पशुपालकों को आबंटित भूमि के संबंध में मामला माननीय उच्च न्यायालय एवं सुप्रीम कोर्ट में लंबित रहने से पूर्व में राशि जमा नहीं की गई है। माननीय न्यायालय द्वारा प्रकरण का निराकरण किया गया है।
वर्तमान में आबंटित भूखण्डों की बकाया शेष राशि एवं भू-भाटक वर्ष 2024-25 तक की राशि जमा कराये जाने हेतु 149 आबंटितो को सूचना पत्र जारी किया गया है।
सूचना पत्र मिलते ही सभी पशुपालक निगम आयुक्त से मिलने पहुंचे। पशुपालकों द्वारा निवेदन किया गया कि कोर्ट के अवधि एवं ब्याज की राशि में छूट दिया जावे। सभी पशुपालक राशि जमा करने सहमति दिये है।
आयुक्त ने यह भी बताया कि गोकुल नगर के भूमि आबंटन की राशि निगम में जमा होने पश्चात उस राशि को गोकुल नगर के मूलभूत सुविधाओं जैसे- सड़क, नाली, बिजली, पानी एवं साफ-सफाई के लिए उपयोग किया जायेगा, जिससे वहां का बसाहट सुव्यवस्थित हो सके।
कुछ पशुपालकों द्वारा जमीन आबंटन की राशि निगम में जमा नहीं किये है और जमीन अन्य व्यक्ति को बेच दिए है। ऐसे पशुपालकों का आबंटन निरस्त किया जायेगा। बैठक के दौरान राजस्व अधिकारी जे.पी.तिवारी, पशुपालक पप्पू यादव, दिलावर यादव, दिनेश राय, महेन्द्र यादव, रामप्रसाद यादव आदि उपस्थित रहे।
नई पीढ़ी को संविधान की हत्या के बारे में बताने के लिए यह आयोजन : बघेल
देश का संविधान सर्वोपरि है जिसे आज से 50 वर्ष पूर्व तत्कालीन प्रधानमंत्री द्वारा रौंदा गया
दुर्ग। वर्ष 1975 में आज ही के दिन तत्कालीन सरकार द्वारा संपूर्ण देश में आपातकाल लगाया गया था। इस आपातकाल के 50 वर्ष पूर्ण होने पर आज संविधान हत्या दिवस के तौर पर मनाया गया। इस दौरान जिले के लोकतंत्र प्रहरी और उनके परिजनों को सम्मानित किया गया, साथ ही आपातकाल पर परिचर्चा की गई। इस अवसर पर तिरंगा यात्रा निकाली गई और छायाचित्र प्रदर्शनी के माध्यम 1975 काल के आपातकाल दौर को रेखांकित किया गया। कार्यालय लोक निर्माण विभाग के सभागार में आयोजित संगोष्ठी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सांसद विजय बघेल तथा विशिष्ट अतिथि के तौर पर विधायक गजेन्द्र यादव और ललित चन्द्राकर उपस्थित थे। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ तेलघानी आयोग के अध्यक्ष जितेन्द्र साहू, पूर्व मंत्री जागेश्वर साहू एवं श्रीमती रमशीला साहू, सतीश कौशिक और गणमान्य नागरिक मौजूद थे। इस विशेष अवसर पर लोकतंत्र प्रहरी लक्ष्मीनारायण रॉठी और रामचंद चिन्तामणी पाटणकर तथा लोकतंत्र प्रहरी के परिजन विशाल राजहंस, डॉ. शरद पाटणकर, राम पाटणकर, मनोज जैन एवं छत्रपाल चन्द्राकर को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर आयोजित परिचर्चा को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि सांसद विजय बघेल ने कहा कि आज से 50 वर्ष पूर्व की घटना को याद कर, मन पीड़ा से भर जाता है। तत्कालीन शासक द्वारा संविधान को दरकिनार कर लगाये गये आपातकॉल से हर वर्ग परेशान थे। आज उनकी बाते सुने तो दिल दहल जाता है। सांसद बघेल ने कहा कि देश की आजादी के बाद कांग्रेस के अगुवाई में ही भारतीय संविधान तैयार किया गया, लेकिन तत्कालीन शासक ने संविधान की हत्या कर देश को फिर गुलाम बना दिया। न्यायपालिका, पत्रकारिता जो भी विरोध में आये क्रूरतापूर्वक दमन किया गया। सांसद बघेल ने कहा कि सन् 1975 बाद के नई पीढ़ी को देश की पीड़ा को अवगत कराने यह आयोजन किया गया। आज देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है। देश की अर्थव्यवस्था विश्व के चौथे क्रम पर आ गई है। उन्होंने आयोजन के लिए जिला प्रशासन को साधुवाद दिया।
विधायक गजेन्द्र यादव ने कहा कि आज से 50 वर्ष पूर्व भारतीय संविधान की हत्या कर दी गई। तत्कालीन प्रधानमंत्री द्वारा देश में आपातकाल लागू कर दिया गया। उन्होंने बताया कि इस दौरान मेरे पिता जी भी पन्द्रह दिनों के लिए जेल में बंद रहे, वहीं बड़े भैया जी अट्ठारह माह के लिए जेल में बंद थे। आज हम भारतीय इतिहास के काला दिन का वर्षगांठ मना रहे हैं। विधायक ललित चन्द्राकर ने कहा कि लोकतंत्र को शर्मसार करने वाला आपातकॉल का तत्कालीन समय में सभी वर्ग ने इसका विरोध किया। इसका सुखद परिणाम वर्ष 1977 के चुनाव में आपातकॉल के विरूद्ध बहुत बड़ी जनादेश मिला। इस अवसर पर लोकतंत्र प्रहरी के परिजन मनोज जैन, डॉ. शरद पाटणकर ने आपातकॉल के दौरान जो कष्ट उनके परिजनों ने झेले और अपनी व्यथा शेयर किये।
कलेक्टर अभिजीत सिंह ने कहा कि संविधान देश का सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है। देश की आजादी के समय देश कई रियासतों में बटा था। अंग्रेजों को संदेह था कि कभी भारत एक देश बन पाएगा। लेकिन आज हम जिस मजबूती से खड़े हैं संविधान का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने अवगत कराया कि भारतीय संविधान में ही ऐसी शक्तियां प्रदत्त की गई है, उन शक्तियों का प्रयोग करते हुए आज से 50 वर्ष पूर्व 25 जून 1975 को आपातकॉल लागू किया गया। जिसकी आज हम 50वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। आयोजन के दौरान आपातकाल पर आधारित लघु फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल, जिला पंचायत के सीईओ बजरंग दुबे, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती शिल्ली थामस एवं हरवंश सिंह मिरी, डिप्टी कलेक्टर उत्तम ध्रुव सहित अन्य विभागों के अधिकारी, एनसीसी, एनएसएस, स्काउट्स गाइड के विद्यार्थी, मीडिया के प्रतिनिधि और गणमान्य उपस्थित थे।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका के लिए रिक्त पद, आवेदन 10 जुलाई तक
दुर्ग । एकीकृत बाल विकास परियोजना भिलाई 02 के अंतर्गत संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों में रिक्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका पद के लिए 26 जून 2025 से 10 जुलाई 2025 तक आवेदन आमंत्रित किये गये हैं। जिसमें आंगनबाड़ी केन्द्र नगर पालिक निगम भिलाई के कुंदरापारा वार्ड क्रमांक 24 में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सिरसाकला वार्ड क्रमांक 36 में आंगनबाड़ी सहायिका की रिक्त पदों की भर्ती की जानी है। आवेदन सीधे अथवा पंजीकृत डाक से एकीकृत बाल विकास परियोजना भिलाई 02 नगर पालिक निगम भिलाई-चरोदा रोड भिलाई 03 को भेजे जा सकते हैं।
आंगनबाड़ी में भर्ती हेतु प्रक्रिया आवेदिका की आयु 18 से 44 वर्ष के मध्य होनी चाहिए। (एक वर्ष या अधिक सेवा करने का अनुभव रखने वाली कार्यकर्ता / सहायिका / सह-सहायिका/संगठिका को आयु सीमा में 03 वर्ष की छुट दी जाएगी ।) आवेदिका उसी वार्ड की स्थायी निवासी होना चाहिए। जिस वार्ड में आंगनबाड़ी केन्द्र स्थित है। निवासी होने के प्रमाण में (1) वार्ड की अद्यतन मतदाता सूची में दर्ज नाम एवं नगरीय क्षेत्र में होने पर संबंधित वार्ड की अद्यतन मतदाता सूची में नाम दर्ज हो तो आवेदन पत्र में उसके कमांक का उल्लेख कर प्रतिलिपि लगायी जाए अथवा (2) वार्ड पार्षद अथवा पटवारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र जिसमें वार्ड में निवासरत रहने का पता सहित स्पष्ट उल्लेख हो, मान्य किया जाएगा। आवेदिका की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के लिए 12वीं और सहायिका के लिए 08वीं उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
छत्तीसगढ़ में सजा कान्स जैसा रेड कार्पेट फैशन फेस्टिवल, हर साल होगा आयोजन
दुर्ग । छत्तीसगढ़ की धरती पर पहली बार कान्स फिल्म फेस्टिवल की तर्ज पर एक भव्य रेड कार्पेट फैशन फेस्टिवल का आयोजन हुआ। दुर्ग स्थित पृथ्वी पैलेस में एसएस फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम ने प्रदेश के फैशन प्रेमियों को ग्लैमर, क्रिएटिविटी और आत्मविश्वास से भरी शाम दी। आयोजक शिखा साहू ने ऐलान किया कि यह इवेंट अब हर साल आयोजित किया जाएगा और इसका मकसद छत्तीसगढ़ को फैशन की राष्ट्रीय पहचान दिलाना है।
डिज़ाइनर्स और प्रतिभाओं की शानदार झलक
कार्यक्रम में फैशन डिज़ाइनर, मेकअप आर्टिस्ट और राज्यभर से आए 55 प्रतिभागियों ने भाग लिया। फिनीस इंस्टीट्यूट द्वारा प्रस्तुत डिज़ाइनर ड्रेस में जब रैंप पर प्रतिभागी उतरे तो दर्शकों ने तालियों से उनका स्वागत किया। लैकमे की प्रोफेशनल टीम ने मेकअप की जिम्मेदारी संभाली, जिससे आयोजन में अंतरराष्ट्रीय स्तर की चमक दिखी।
पांच कैटेगरी, पांच सितारे
प्रतियोगिता को किड्स, मिस टीन, मिस, मिसेज और मिस्टर — इन पाँच श्रेणियों में बांटा गया था। विजेताओं में ईशिता कर्माकर (किड्स), प्रकृति चौहान (मिस टीन), पुष्पलता साहू (मिस), दीप्ति देवांगन (मिसेज) और रोहित साहू (मिस्टर) को उनके प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया।
अमृता प्रकाश की मौजूदगी बनी खास
फैशन फेस्टिवल की शोभा बढ़ाई बॉलीवुड अभिनेत्री अमृता प्रकाश ने, जो सेलिब्रिटी गेस्ट के तौर पर शामिल हुईं। उनकी उपस्थिति ने आयोजनों को और भव्यता दी और युवाओं को मंच पर आत्मविश्वास से प्रस्तुत होने की प्रेरणा दी।
शिखा साहू का सपना: छत्तीसगढ़ बने फैशन का नया हब
आयोजिका शिखा साहू ने कहा कि रेड कार्पेट का कॉन्सेप्ट फ्रांस के कान्स फिल्म फेस्टिवल से प्रेरित है और अब छत्तीसगढ़ में इसकी नींव रख दी गई है। “यह मेरा सपना है कि हमारे प्रदेश की प्रतिभा फैशन की मुख्यधारा में आए,” उन्होंने कहा। “पांच साल की मेहनत और संकल्प के बाद इस आयोजन की शुरुआत हुई है, और अब हर साल इसे और भी बड़े स्तर पर किया जाएगा।”
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दुर्ग विधायक गजेंद्र यादव थे, जिन्होंने इस पहल की सराहना की और आयोजन को छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक और रचनात्मक शक्ति का प्रतीक बताया।
वीरांगना रानी दुर्गावती बलिदान दिवस पर दिखा लोकसंस्कृति का संगम
100 से अधिक महिलाओं और कलाकारों को किया गया सम्मानित
भिलाई। वीरांगना रानी दुर्गावती बलिदान दिवस एवं सम्मान समारोह का भव्य आयोजन बैकुंठ धाम मड़ोदा नेवई में किया गया, जिसमें छत्तीसगढ़ की समृद्ध आदिवासी परंपरा और लोककला की जीवंत झलक देखने को मिली। कार्यक्रम में प्रदेश भर से जुटे लोक कलाकारों और समाजसेवियों को विभिन्न श्रेणियों में सम्मानित किया गया।
रानी दुर्गावती के बलिदान को किया नमन
आयोजन की शुरुआत वीरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान को स्मरण करते हुए की गई। संयोजक पद्मश्री डॉ. राधेश्याम बारले ने बताया कि 24 जून 1564 को रानी ने स्वतंत्रता के लिए लड़ते हुए वीरगति प्राप्त की थी। उन्होंने इसे "हमारी अस्मिता का प्रतीक" बताया।
मुख्य अतिथि तिमिरेंद्र शेखर सिंह कंवर ने रानी दुर्गावती को स्वतंत्रता संग्राम की अग्रणी योद्धा बताया। विशिष्ट अतिथि मोना सेन (अध्यक्ष, केश शिल्प कल्याण बोर्ड) ने उनके महिला शिक्षा के प्रयासों को ऐतिहासिक बताया।
कलाकारों ने बाँधा समा
कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण रहे काकसार नृत्य (नारायणपुर), सुवा नृत्य (नेवई महिला मंडली) और पंथी नृत्य (डुमर अहिवारा)। लोकगायक तुषांत बारले, चंद्रिका आर्या, खुमेश मानिकपुरी, और कल्याणी बारले ने शानदार प्रस्तुति दी। लोकगायक तुषांत बारले के गीत "वंस मोर" ने आयोजन स्थल को गुंजायमान कर दिया।
सम्मान समारोह में छाया महिला सशक्तिकरण
इस अवसर पर 15 ख्याति प्राप्त लोक कलाकारों को पुरोधा सम्मान, 30 महिला स्व-सहायता समूहों को रानी दुर्गावती नारी शक्ति सम्मान, और 32 महिलाओं को व्यक्तिगत उत्कृष्ट कार्य हेतु सम्मानित किया गया।
प्रमुख सम्मानित हस्तियां:
डॉ. विनीत ध्रुवे (दुर्ग), चंद्रिका आर्या (बालोद), सुशील साहू (नंदकट्ठी), कविता वासनिक, हिरदेश सिन्हा, तुषांत बारले, पुष्पा शंकर साहू, विनीता ढीमर, कल्याणी बांधे, डॉ. गार्गी पांडेय, गीता कोठारी सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षाविद और लोक कलाकार शामिल रहे।
समापन पर जताया आभार
समिति अध्यक्ष राजू लाल नेताम ने समस्त अतिथियों, कलाकारों और सहभागी समाजसेवियों का आभार जताया। इस आयोजन ने वीरांगना रानी दुर्गावती की गौरवगाथा को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के साथ ही आदिवासी लोक संस्कृति और महिला सशक्तिकरण को एक सशक्त मंच प्रदान किया।
आदर्श औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था भिलाई में प्रवेश, 25 तक आवेदन
दुर्ग। आदर्श औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था भिलाई में शैक्षणिक सत्र 2025-26 एवं 2026-27 में प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ हो गया है। इच्छुक अभ्यर्थी 25 जून 2025 तक वेबसाईट cgiti.admissions.nic.in पर ऑनलाईन आवेदन कर सकते हैं। आदर्श औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था भिलाई से प्राप्त जानकारी अनुसार इस वर्ष संस्थान में कुल 1180 सीटें 26 विभिन्न व्यवसायों पर उपलब्ध है, जिसमें कोपा फाउन्ड्रीमेन, मेसन, स्टेनो हिन्दी, स्टेनो अंग्रेजी, डीजल मैकेनिक, ट्रेक्टर मैकेनिक, वेल्डर, वेल्डर डीएसटी, वेल्डर एवं वुड वर्क टेक्निीशियन, एडिटिव मैनुफेक्चिरिंग टेक्नीशियन (3डी प्रिटिंग), मैनुफेक्चरिंग प्रोसेस कंट्रोल एंड ऑटोमेशन, डीसीएम, असिस्टेंट टेक्नीशियन ड्राईवाल एंड फॉल-सीलिंग, मैकेनिक इलेक्ट्रिक व्हीकल, डीएमसी, डीएमएम, विद्युतकार, इलेक्ट्रानिक्स, फिटर, उपकरण यांत्रिकी, मशीनिष्ट, मोटर मैकेनिक व्हीकल, आरएसी, टर्नर, वायरमेन शामिल है। प्रवेश से संबंधित अधिक जानकारी संस्थान की वेबसाईट या सीधे आईटीआई भिलाई से प्राप्त किया जा सकता है।
बीआईटी दुर्ग में ई-ऑफिस प्रशिक्षण आज
दुर्ग । कलेक्टर अभिजीत सिंह के निर्देशानुसार जिला कार्यालयों में ई-ऑफिस के सुचारू संचालन के लिए 24 जून 2025 को बीआईटी ऑडिटोरियम दुर्ग में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम में पूर्वान्ह 10.30 बजे से अपरान्ह 12.30 बजे तक तथा अपरान्ह 02 बजे से 04 बजे तक दो पालियों में ट्रेनर्स द्वारा ई-ऑफिस विषय पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। 10.30 से 12.30 बजे तक आयोजित प्रशिक्षण सत्र में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दुर्ग, एस.डी.ओ.पी. (पुलिस) सर्व जिला दुर्ग, डिप्टी कलेक्टर/संयुक्त कलेक्ट (समस्त) जिला दुर्ग, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत दुर्ग/जनपद पंचायत दुर्ग/धमधा/पाटन, प्रभारी अधिकारी भू-अभिलेख/तहसीलदार (सर्व) जिला दुर्ग, आयुक्त, नगर पालिक निगम (सर्व)/मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद् (सर्व)/नगर पंचायत (सर्व) जिला दुर्ग, जिला शिक्षा अधिकारी/खण्ड शिक्षा अधिकारी (सर्व)/खण्ड स्त्रोत समन्वयक (सर्व) जिला दुर्ग, जिला कार्यकम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग/परियोजना अधिकारी (सर्व) जिला दुर्ग, ई.डी.एम. (चिप्स) जिला कार्यालय दुर्ग एवं तकनीकि स्टाफ एवं जिला कोषालय अधिकारी दुर्ग इत्यादि शामिल होंगे।
इसी प्रकार अपरान्ह 02 से 04 बजे आयोजित प्रशिक्षण सत्र में निर्वाचन शाखा, उद्यान विभाग, जल संसाधन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, आयुष विभाग, आदिम जाति कल्याण विभाग, कृषि विभाग, श्रम विभाग, खेल एवं युवा कल्याण विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, खाद्य विभाग/मत्स्य विभाग, जिला रोजगार अधिकारी, सहकारिता विभाग, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, सड़क विकास अभिकरण, बीज निगम, रजिस्ट्रार, जिला अंतव्यवसायी सह विकास समिति, बी.एस.एन.एल., जनसंपर्क विभाग, योजना एवं सांख्यिकीय विभाग, समाज कल्याण, जिला प्रबंधक छ.ग. स्टेट, सि.सप्लाईज कार्पाे. लिमिटेड, मार्कफेड, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, आबकारी विभाग/खनिज विभाग, नगर तथा ग्राम निवेश, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग, आयुर्वेद विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, लोक निर्माण विभाग (सर्व), जिला उद्योग विभाग, औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग, प्रथम वाहिनी छ.स.ब., उच्च शिक्षा विभाग/परिवहन विभाग, गृह निर्माण मंडल विभाग, कृषि उपज मंडी, नाप तौल विभाग, प्रदूषण विभाग, हाथकरघा विभाग, सी.जी.एम.एस.सी. दुर्ग, वाणिज्य कर विभाग, सी.एस.पी.डी.सी.एल., ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, संबंधित विश्वविद्यालय, रक्षित निरीक्षक दुर्ग, वन विभाग, कंमाडेंट/एन.सी.सी., जिला सत्र न्यायालय दुर्ग, छ.ग. राज्य विपणन संघ तथा लीड बैंक/पशु चिकित्सा सेवा विभाग दुर्ग के अधिकारी/कर्मचारी शामिल होंगे। जिला स्तर के संबंधित प्रत्येक विभाग से कम से कम 02 अधिकारी/कर्मचारी को विशेष रूप से विभाग प्रमुख, एक कम्प्यूटर ऑपरेटर तथा एक लिपिक (स्थापना) को उपस्थिति सुनिश्चित करने कहा गया है।
ग्रामीण क्षेत्र के युवक-युवतियों को निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण
दुर्ग। बैंक ऑफ बड़ौदा ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान, दुर्ग भारत सरकार द्वारा संचालित एक प्रशिक्षण संस्थान है जो ग्रामीण क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करता है। आरसेटी का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के बेरोजगार युवक युवतियों को निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण प्रदान कर रोजगार विकास को सुगम बनाना है। आरसेटी द्वारा प्रदान किए जाने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम आत्म-उत्पादकता, सशक्तीकरण, कौशल विकास, उद्यमिता, बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं के बारे में शिक्षण प्रदान करते हैं। आरसेटी द्वारा प्रदान किए जाने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से, ग्रामीण क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता को बढ़ाने में मदद मिलती है। इसी उद्देश्य प्राप्ति हेतु संस्थान द्वारा जिला दुर्ग, बालोद एवं बेमेतरा के ग्रामीण क्षेत्र के युवक/युवतियों हेतु निःशुल्क आवासीय (भोजन व्यवस्था के साथ) जून माह में फोटोग्राफी एवं विडिओग्राफी (31 दिन) दिनांक 21 जून 2025 से प्रशिक्षण प्रारंभ किया जा चुका है जिसमे प्रवेश हेतु अंतिम तिथि 24 जून 2025 है। आगामी दिनों में प्रशिक्षण 25 जून 2025 से कंप्युटर हार्डवेयर नेटवर्किंग (45 दिन), 30 जून 2025 से मोबाईल रिपेयरिंग (30 दिन) का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उक्त प्रशिक्षण हेतु दुर्ग, बालोद एवं बेमेतरा के ग्रामीण क्षेत्र के 18 से 45 वर्ष के युवक/युवतियों से आवेदन आमंत्रित है। प्रशिक्षण हेतु आवश्यक दस्तावेज आधार कार्ड, राशन कार्ड, नरेगा जॉब कार्ड. मार्कशीट, 4 पासपोर्ट फोटो की छायाप्रति अनिवार्य है। फोन 0788-2961973, ऑनलाइन लिंक https://forms.gle/vsMyXTTwb7mEwdbX6 पता शंकराचार्य हॉस्पिटल के पास, जुनवानी. भिलाई, जिला दुर्ग (छ.ग.) में संपर्क कर सकते हैं।
विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा किया गया योग कार्यक्रम का आयोजन
दुर्ग । राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर द्वारा प्लान ऑफ एक्शन के तहत जारी वार्षिक कैलेन्डर के अनुसार माननीय मुख्य न्यायाधिपति/मुख्य संरक्षक छ.ग. उच्च न्यायालय के मार्गदर्शन में 21 जून 2025 को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, दुर्ग द्वारा जिला एवं सत्र न्यायालय दुर्ग के नवीन सभागार में "योगा फोर वन अर्थ वन हेल्थ" की थीम पर आधारित एक विशेष योग सत्र का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना तथा विधिक सेवाओं के प्रति नागरिकों को जागरूक करना था।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रातः समय 07:00 बजे हुई, जिसमें प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उनके साथ जिला न्यायालय के समस्त सम्मानीय न्यायाधीशगण, समस्त अधिवक्तागण, प्राधिकरण के सचिव, न्यायालयीन कर्मचारीगण, प्राधिकरण के कर्मचारीगण तथा पैरालीगल वालंटियर्स उपस्थित हुए। उक्त योग कार्यक्रम में सम्मिलितजनों को योगासन सिखाए जाने के लिए आर्ट ऑफ लिविंग भिलाई के मास्टर ट्रेनर को योग प्रशिक्षक के रूप में विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। योग गुरू/प्रशिक्षक द्वारा प्रतिभागियों को विभिन्न योगासनों, प्राणायाम तथा ध्यान तकनीकों का अभ्यास कराया गया। कार्यक्रम के दौरान योग के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक लाभों पर प्रकाश डाला गया।
मास्टर ट्रेनर के द्वारा उपस्थितजनों को योग के विभिन्न योगासन सिखाते हुए योग से होने वाले लाभों की जानकारी देकर तकनीक के साथ योगासन का अभ्यास करना सिखाया गया एवं बताया गया कि उक्त सिखाये गये अभ्यास का दिन-प्रतिदिन अभ्यास नियमित रूप से करने से स्वस्थ व निरोगी शरीर प्राप्त कर सकते हैं, योग शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक रूप से भी उपयोगी है, इससे शरीर लचीला बना रहता है तथा इस तनाव भरे जीवन में तनाव रहित जीवन जीने की कला योग से ही संभव है।
मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कहा कि "योग न केवल हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि यह हमें आत्म-अनुशासन, मानसिक संतुलन और सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने में भी सहायता करता है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग जन-कल्याणकारी गतिविधियों में सदैव अग्रणी रहा है।" अंत में कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद देते हुए प्राधिकरण सचिव ने कहा कि योग को दैनिक जीवन में अपनाकर हम तनाव मुक्त जीवन जी सकते हैं।
सांसद के मुख्य आतिथ्य में योगाभ्यास किया गया
ग्यारहवां अंतराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर जिला प्रशासन का आयोजन
दुर्ग । ग्यारहवां अंतराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आज जिला प्रशासन द्वारा खालसा पब्लिक स्कूल परिसर में योग कार्यक्रम आयोजित की गई । दुर्ग सांसद विजय बघेल के मुख्य आतिथ्य में आयोजित इस कार्यक्रम में विधायक डोमन लाल कोर्सवाड़ा, पूर्व मंत्री श्रीमती रमशीला साहू, संभाग आयुक्त सत्यनारायण राठौर, आईजी आर. जी. गर्ग, कलेक्टर अभिजीत सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल तथा समस्त विभाग के अधिकारी / कर्मचारी , गणमान्य नागरिक और नगर के विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों ने संयुक्त रूप से योगाभ्यास किये।
इससे पूर्व कलेक्टर अभिजीत सिंह ने मुख्य अतिथि श्री बघेल एवं अन्य अतिथियों को पौधे भेंट कर स्वागत किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए अपने संक्षिप्त उदबोधन में मुख्य अतिथि सांसद श्री बघेल ने सभी को योग दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि योग जीवन जीने की प्राचीन ऋषि परम्परा है। आज योग को देश के प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठा दिलाई। प्रधानमंत्री जी के प्रयासों से पूरी दुनिया योग के महत्व को समझ रही है। उन्होंने कहा कि 21 जून अंतराष्ट्रीय योग दिवस आज 190 से अधिक देशों में मनाया जा रहा है। सांसद ने लोगों का आह्वान किया कि करे योग और रहे निरोग। उन्होंने योग दिवस पर प्रधानमंत्री के संदेश का वाचन भी किया।
योग प्रशिक्षक प्राची भट्टाचार्य एवं डिलिमा मजूमदार ने कपाल भारती प्रयाणाम, अनुलोम विलोम प्रयाणाम, शिति प्रयाणाम, भ्रामरी प्राणायाम सहित योग संगम हरित योग के थीम पर योगा के विभिन्न आसन का अभ्यास कराए। उन्होंने ॐ के सुमधर उच्चारण और शांति पाठ वाचन के साथ योगाभ्यास का समापन किया।
शिवनाथ नदी में बाढ़ बचाव के लिए मॉकड्रिल का आयोजन
कलेक्टर ने तैयारियों की सराहना की
दुर्ग । कलेक्टर अभिजीत सिंह के मार्गदर्शन में बाढ़ आपदा से बचाव की आवश्यक तैयारियों का जायजा लेने के लिए शिवनाथ नदी में आज मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। नगर सेना विभाग द्वारा जिला स्तर पर उपलब्ध समस्त बाढ़ बचाव सामग्रियों का मॉकड्रिल किया गया। कलेक्टर ने राज्य आपदा मोचन दल की तैयारियों की सराहना की। मॉकड्रिल में अतिवृष्टि के दौरान शिवनाथ नदी में ग्रामीण जन लकड़ी या छोटे-छोटे बोट के माध्यम से नदी पार करते समय बोट पल्टी हो जाने एवं गांव में पानी भर जाने की स्थिति में किस प्रकार से जिले में उपलब्ध मोटर बोट, स्क्यूबा डायविंग, अंडरवाटर कैमरा, लाइफ जैकेट, लाइफ बॉय आस्का लाइट, पेलिकन लाइट, सर्च लाइट विभिन्न प्रकार के वस्तुओं का प्रयोग कर बाढ़ बचाव कार्य का लाइव डेमो (मॉकड्रिल) का आयोजन किया गया।
मॉकड्रिल के दौरान राज्य आपदा मोचन बल ;एसडीआरएफ) की टीम ने नदी में डूब रहे व्यक्तियों को बचाने, तेज बहाव में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने और गांव में पानी भरने की स्थिति में राहत पहुंचाने जैसे महत्वपूर्ण अभियानों का अभ्यास किया। इस मौके पर आधुनिक उपकरणों जैसे मोटर बोट, स्क्यूबा डाइविंग किट, अंडरवाटर कैमरा, लाइफ जैकेट, लाइफ बॉय, आस्का लाइट, पेलिकन लाइट और सर्च लाइट का उपयोग कर लाइव डेमो प्रस्तुत किया गया।
कलेक्टर सिंह ने एसडीआरएफ की तैयारियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस तरह के मॉकड्रिल से आपदा के समय त्वरित और समन्वित कार्यों में मदद मिलेगी। इस अभ्यास में ग्रामीणों को जागरूक करने हेतु घरेलू सामग्री जैसे टीपा, भगोना, ड्रम, मटका, ट्यूब आदि से राफ्ट बनाना, और पानी की बोतल को एयरटाइट कर अस्थायी लाइफ जैकेट के रूप में उपयोग करना सिखाया गया। एसडीआरएफ और जिला बचाव दल के जवानों ने इन उपायों का प्रदर्शन कर ग्रामीणों को जीवन रक्षक तकनीकों की जानकारी दी। इस अवसर पर एडीएम विरेन्द्र सिंह, संयुक्त कलेक्टर हरवंश सिंह मिरी व श्रीमती लता उर्वशा, डिप्टी कलेक्टर हितेष पिस्दा एवं उत्तम धु्रव, नगर सेना पुलिस नागेन्द्र सिंग, स्वास्थ्य विभाग अधिकारी सहित राज्य आपदा मोचन बल और नगर सेना के दल एवं ग्रामीणजन उपस्थिति थे।
बीएसपी कर्मचारी की बेटी आद्या को मुख्यमंत्री ने किया सांस्कृतिक उत्कृष्टता के लिए सम्मानित
भिलाई । छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के 15वें स्थापना दिवस के अवसर पर रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में भिलाई की प्रतिभाशाली नृत्यांगना आद्या पांडे को भारतीय शास्त्रीय नृत्य भरतनाट्यम में उनके योगदान के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आगे बढऩे का आशीर्वाद दिया और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। बाल आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा एवं अन्य गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति में यह सम्मान समारोह सम्पन्न हुआ। आद्या के पिता दिनेश पांडे सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के मर्चंट मिल विभाग में कार्यरत हैं, जबकि उनकी माता श्रीमती सोनिया पांडे एक गृहिणी हैं।
यह सम्मान उन्हें छत्तीसगढ़ शासन द्वारा ऐसे प्रतिभाशाली बच्चों के चयन के तहत प्रदान किया गया, जो शैक्षणिक उपलब्धियों के साथ-साथ विशिष्ट प्रतिभा के धनी हैं। आद्या पांडे का चयन उन पाँच बच्चों में हुआ, जिन्हें राज्य भर से विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए चुना गया। 15 वर्षीय आद्या पांडे, डी.पी.एस रिसाली भिलाई की कक्षा 11वीं की छात्रा हैं। उन्होंने हाल ही में सीबीएसई 10वीं बोर्ड परीक्षा में 93त्न अंकों के साथ सफलता प्राप्त की है। भरतनाट्यम में उनकी कला साधना महज 4 वर्ष की आयु से प्रारंभ हुई, जब उन्होंने नृत्य चूडामणि से अलंकृत गुरू डॉ. जी. रतीश बाबू से प्रशिक्षण प्राप्त करना शुरू किया।
वे ‘नृत्यति कलाक्षेत्रम’ संस्थान से जुड़ी हुई हैं। अब तक वे 25 राष्ट्रीय एवं 1 अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी हैं, जिनमें ‘नृत्य मंजरी’, ‘नृत्य प्रतिभा’, ‘नृत्य श्रेष्ठ’ एवं ‘नृत्य गौरव सम्मान’ जैसे प्रतिष्ठित अलंकरण शामिल हैं। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ से भरतनाट्यम में डिप्लोमा प्राप्त कर चुकी आद्या को वर्ष 2023 में भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय अंतर्गत सेंटर फॉर कल्चरल रिसोर्सेज एंड ट्रेनिंग (सीसीआरटी) द्वारा जूनियर स्कॉलरशिप के लिए भी चयनित किया गया है, जो उन्हें आगामी आठ वर्षों तक प्राप्त होती रहेगी।
ऑक्सीजन प्लांट-2 में आपदा प्रबंधन मॉक ड्रिल का सफल आयोजन
भिलाई । भिलाई इस्पात संयंत्र के ऑक्सीजन प्लांट-2 में आपदा प्रबंधन मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस अभ्यास का उद्देश्य आकस्मिक परिस्थितियों में त्वरित, समन्वित और प्रभावी प्रतिक्रिया की संस्थागत तैयारी का परीक्षण करना था। यह मॉक ड्रिल वैधानिक दिशा-निर्देशों एवं विभागीय प्रोटोकॉल के अनुसार आयोजित की गई, जिसमें संयंत्र के विभिन्न विभागों के बीच आपसी तालमेल और आपात स्थितियों में उनकी क्रियान्वयन क्षमता का मूल्यांकन किया गया।
ऑक्सीजन प्लांट-2 एक अति संवेदनशील क्षेत्र है, जहाँ 2000 टन क्षमता वाले दो तरल ऑक्सीजन टैंक स्थित हैं। मॉक ड्रिल के दौरान यह परिकल्पित किया गया कि टैंक-2 से जुड़े पंप नंबर-3 में विद्युत फॉल्ट उत्पन्न हो गया है, जिसकी मरम्मत हेतु छह सदस्यीय इलेक्ट्रिकल टीम भेजी गई। इसी बीच पंप नंबर-1 में बेल्ट घर्षण के कारण अचानक आग लग गई, जो लिक्विड ऑक्सीजन के रिसाव के चलते तीव्र हो गई। इस आग के फैलाव से कंट्रोल पैनल कक्ष के बाहर की संरचना प्रभावित हुई और तीन कर्मचारी कक्ष में फंस गए।
उनमें से एक को सहकर्मियों द्वारा सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए साइट इंचार्ज योगेश शर्मा ने तत्क्षण शिफ्ट इंचार्ज गौरव चौधरी को सूचित किया, जिन्होंने विभागाध्यक्ष पी.सी. बाग को जानकारी दी। इसके बाद कंट्रोल रूम से आपातकालीन सायरन बजाया गया और सभी आपातकालीन एजेंसियों को सूचित किया गया। स्थिति को नियंत्रित करने के पश्चात 10:57 बजे “ऑल क्लियर” सायरन बजाया गया।
सेल ने भारतीय नौसेना के आईएनएस अर्नाला के लिए विशेष स्टील की आपूर्ति की
भिलाई । देश की महारत्न और सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी इस्पात उत्पादक कंपनी, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने रक्षा क्षेत्र में देश की आत्मनिर्भरता और आयात प्रतिस्थापन की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाया है। सेल ने भारत के पहले स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और निर्मित एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट, ‘आईएनएस अर्नाला’ के लिए विशेष स्टील की पूरी ज़रूरत को सफलतापूर्वक पूरा किया है। आईएनएस अर्नाला को 18 जून, 2025 को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया।
सेल ने गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स द्वारा बनाए जा रहे, अन्य सात एएसडब्ल्यू-एसडब्ल्यूसी कोरवेट के लिए भी विशेष स्टील की पूरी आपूर्ति की है। रक्षा स्वदेशीकरण की दिशा में, भारत के प्रयासों में एक प्रमुख भागीदार के रूप में, सेल ने इस परियोजना के लिए आवश्यक जरूरत की पूरी विशेष स्टील की आपूर्ति की है।
यह देश की ‘आत्मनिर्भर भारत’ की पहल को लागू करने और आयात पर निर्भरता को कम करने में सेल की प्रतिबद्धता का एक और प्रभावशाली उदाहरण है। इसी दिशा में, सेल ने पहले भी आईएनएस विक्रांत, आईएनएस विंध्यगिरि, आईएनएस नीलगिरी, आईएनएस सूरत जैसी कई उल्लेखनीय परियोजनाओं के लिए विशेष स्टील की आपूर्ति की है।
एसएचआरपी : मोबाईल नंबर अपडेट कराना जरूरी
दुर्ग । केन्द्रीय मोटरयान अधिनियम 1988 एवं केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989 के दिये गये प्रावधानों, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के साथ समय-समय पर जारी अन्य निर्देशों के अतिरिक्त माननीय उच्च न्यायालय द्वारा जारी आदेश के पालन में छत्तीसगढ़ में 01 अप्रैल 2019 के पूर्व के वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगाया जाना अनिवार्य किया गया है।
आम जनता/कार्यालीथीन अधिकारी कर्मचारियों की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए जिला के विविध स्थानों पर शिविर आयोजित कर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाये जाने की कार्यवाही संबंधित कंपनी यथा रोस्मेर्टा सेफ्टी सिस्टम लिमिटेड के कर्मचारी किया जा रहा है। आगामी दिनों में भी शिविर आयोजित किया जाएगा। एसएचआरपी हेतु मोबाईल नंबर अपडेट कराना अनिवार्य है। आम जनता व कार्यालीयीन सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय दुर्ग द्वारा मोबाईल/वाट्सअप नंबर पर आरसी कार्ड, आधार कार्ड एवं मोबाईल नंबर को प्रेषित करने पर संबंधित द्वारा मोबाईल नंबर को अपडेट किया जा सकेगा। जानकारी के लिए मो.नं. 8109562811, मो.नं. 9302833719, मो.नं. 8602089599, मो.नं. 9285359915 और मो.नं. 8305169850 मोबाईल नंबर जारी किया गया है।
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी दुर्ग से मिली जानकारी अनुसार एसएचआरपी हेतु परिवहन मुख्यालय द्वारा निर्धारित शुल्क दो पहिया वाहनों के लिए 365 रूपए, तीन पहिया वाहनों के लिए 427.16, चार पहिया वाहनों के लिए 656.08 और अन्य वाहनों के लिए 705.64 दर निर्धारित की गई है। साथ ही इस शुल्क के अलावा सभी वाहनों में 100 रूपए सर्विस चार्ज भी देना होगा। एसएचआरपी हेतु निर्धारित दर के अतिरिक्त राशि वसूली की शिकायत पर होगी कड़ी कार्यवाही की जाएगी। एसएचआरपी कार्य में प्रगति लाने हेतु संबंधित कंपनी एवं जिला के समस्त डीलरों को त्वरित कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया है।
निशुल्क योग शिविर में समनवित सामूहिक योग का प्रदर्शन
शिविर में जनसमुदाय को आहार विहार की जानकारी दी
दुर्ग। जिला आयुष अधिकारी डॉ. दिनेश चंद्रवंशी के मार्गदर्शन में नाना नानी, दादा दादी पार्क में योग संगम थीम के अंतर्गत कार्यक्रम का आयोजन किया गया, इसमें डॉ. जया साहू के द्वारा योग गतिविधियों के बारे में बताया गया। डॉ. मनीन्द्रमोहन श्रीवास्तव के द्वारा हरित योग की जानकारी देकर वृक्षारोपण के लिए प्रेरित किया। डॉ. नम्रता यादव के द्वारा प्रोटोकॉल का प्रशिक्षण किया गया। आज का थीम योग संगम का यही उद्देश्य है कि कॉमन योगा प्रोटोकॉल पर अधारित एक समनवित सामूहिक योग प्रदर्शन सुनिश्चत करना है।
इसी थीम के अंतर्गत भिलाई 03 के शिव पब्लिक स्कूल में योग चिकित्सक डॉ. अकांक्षा मिश्रा द्वारा अष्टांग योग पर व्याख्यान दिया एवं डॉ. सरला बांधे द्वारा जीवन शैली मे योग के महत्व को बताया गया। जिले के विभिन्न संस्थाओं में 17 से 21 जून तक निशुल्क योग शिविर जारी है जिसके अंतर्गत रोजाना हजारों लोग लाभांवित हो रहे है एवं जनसमुदाय को आहार विहार की जानकारी देते हुए अंकुरित चना, गुड़, सत्तु बांटा जा रहा है। इसी क्रम में जिला आयुर्वेद चिकित्सालय दुर्ग एवं आयुषविंग जिला दुर्ग द्वारा आज योगा अभ्यास के पश्चात् सफाई कर लोगों को स्वच्छता के लिए जागरूक किया गया।
संयंत्र स्तरीय यूनिकोड एवं वॉइस टाइपिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न
भिलाई। सेल -भिलाई इस्पात संयंत्र के राजभाषा विभाग द्वारा 14 जून को संयंत्र स्तरीय “यूनिकोड एवं वॉइस टाइपिंग प्रशिक्षण” कार्यक्रम का आयोजन ‘मानव संसाधन विकास केन्द्र’ के भूतल स्थित सभागार में किया गया। प्रशिक्षण में भिलाई इस्पात संयंत्र के विभिन्न विभागों से नामांकित कार्मिक सम्मिलित हुए। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन का उद्देश्य कार्मिकों को कार्यालयीन कामकाज में राजभाषा हिंदी का अधिकाधिक प्रयोग करने को प्रेरित करने की दिशा में यूनिकोड एवं ऑनलाइन वॉइस टाइपिंग की सहायता से कंप्यूटर में हिंदी टंकण को आसान बनाना है। महाप्रबंधक (संपर्क, प्रशासन एवं जनसंपर्क व प्रभारी राजभाषा) सौमिक डे ने अपने उद्बोधन में कहा कि, भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग द्वारा निर्धारित राजभाषा नीति के कार्यान्वयन एवं अनुपालन में भिलाई इस्पात संयंत्र सदैव ही अग्रणी रहा है। राजभाषा नीति का सर्वाधिक महत्वपूर्ण बिंदु है कि, समस्त पत्राचार, नोटिंग, टिप्पण आदि कार्यालयीन कार्य राजभाषा हिंदी में ही किये जाएँ।
हिंदी में कार्यालयीन कामकाज को सरल व सहज बनाने सहित कम से कम समय में हिंदी टायपिंग के लिए सबसे आसान उपाय है यूनिकोड एवं ऑनलाइन वॉइस टाइपिंग। आज टेक्नोलॉजी का दौर है, अतः कार्यालयीन कामकाज के लिए यूनिकोड एवं ऑनलाइन वॉइस टाइपिंग की सहायता लेना अत्यंत ही प्रासंगिक एवं लाभदायक है। अतः हमें इसमें कोई संकोच नहीं होना चाहिए। कार्यक्रम के आरंभ में उप प्रबंधक (संपर्क व प्रशासन – राजभाषा) जितेन्द्र दास मानिकपुरी ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि, कार्यालयीन कामकाज में विशेषकर पत्रव्यवहार व अन्य लेखन कार्यों को हिंदी में संपादित करने में सर्वाधिक कठिनाई हिंदी में टंकण करने में आती है। इसी कठिनाई को दूर करने और हिंदी टंकण को सरल व सहज बनाने की सबसे आसान विधि है यूनिकोड एवं ऑनलाइन वॉइस टाइपिंग।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में कंप्यूटर में यूनिकोड इंस्टालेशन की विधि के साथ ऑनलाइन वॉइस टाइपिंग का प्रशिक्षण दिया गया, साथ ही सैप सिस्टम में नोटशीट बनाने में आने वाली व्यवहारिक कठिनाइयों एवं उनके समाधान के विषय में भी जानकारी दी गई। मानिकपुरी ने राजभाषा के सांविधिक प्रावधानों की जानकारी दी एवं वॉइस टाइपिंग के विषय में बताया कि मात्र कुछ ऐप्स को अपने कंप्यूटर में इन्स्टाल करके केवल बोलकर बिना किसी वायर कनेक्शन के सीधे अपने मोबाइल तथा कंप्यूटर पर हिंदी भाषा में देवनागरी लिपि में आसानी से टाइपिंग की जा सकती है।
वरिष्ठ स्टाफ सहायक धनंजय कुमार मेश्राम ने ऑनलाइन वॉइस टाइपिंग का प्रशिक्षण दिया तथा ऑनलाइन नोटशीट सिस्टम सैप (SAP) में हिंदी में नोटशीट बनाने का प्रदर्शन किया। उपस्थित प्रतिभागियों ने “यूनिकोड एवं वॉइस टाइपिंग प्रशिक्षण” को कार्यालयीन कार्यों सहित दैनंदिन जीवन के लिए भी अत्यंत उपयोगी बताया और अपने विभाग व कार्यक्षेत्र सहित अपने साथियों के बीच इसका अधिकाधिक प्रचार-प्रसार करने की बात कही।
“यूनिकोड एवं वॉइस टाइपिंग प्रशिक्षण” कार्यक्रम के आयोजन में राजभाषा विभाग के धनंजय कुमार मेश्राम, वरिष्ठ स्टाफ सहायक, तथा मनोज सोनी, कनिष्ठ अनुवादक सह समन्वयक तथा नितिशा साहू, एडमिनिस्ट्रेटिव एसोसिएट का विशेष योगदान रहा।