छत्तीसगढ़ / बिलासपुर
बिलासपुर में राहुल की चुनावी सभा, देवेंद्र यादव के पक्ष में करेंगे प्रचार
बिलासपुर , कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सोमवार को छ्त्तीसगढ़ प्रवास पर रहेंगे। इस दौरान वे न्यायधानी बिलासपुर के सकरी में चुनावी सभा को संबोधित करेंगे। बिलासपुर लोकसभा प्रत्याशी देवेंद्र यादव के पक्ष में तखतपुर विधानसभा क्षेत्र के तहत सकरी सिंचाई कॉलोनी मैदान में सभा लेकर प्रचार करेंगे। इस मौके पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट, पीसीसी चीफ दीपक बैज, पूर्व सीएम भूपेश बघेल सहित प्रदेश कांग्रेस के सीनियर नेता मौजूद रहेंगे। सभा को लेकर सभी तैयारियां कर ली गई हैं।
इससे पहले राहुल गांधी की सभा की तैयारी को लेकर पार्टी के सीनियर नेताओं का बिलासपुर दौरा हो चुका है। कांग्रेस के सचिव और पीसीसी के सह प्रभारी विजय जांगिड़, महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा और महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य फूलोदेवी नेताम ने दौरा कर सभा की तैयारियों का जायजा लिया था। राहुल गांधी की सभा में भीड़ जुटाने के लिये पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है। करीब 1 लाख भीड़ जुटाने का टारगेट दिया गया है। इस सभा में बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र के लोरमी, मुंगेली, तखतपुर, बिल्हा, बिलासपुर, बेलतरा, मस्तूरी और कोटा विधानसभा क्षेत्र से बड़ी संख्या में कांग्रेसी और ग्रामीण पहुंचेंगे।
शांतिपूर्ण निर्वाचन सम्पन्न कराने शहर में सुरक्षाबलों ने किया फ्लैग मार्च
कलेक्टर एवं एसपी भी हुए फ्लैग मार्च में शामिल
बिलासपुर ,शांतिपूर्ण एवं भयमुक्त निर्वाचन सम्पन्न कराने हेतु आज शहर में सुरक्षाबलों द्वारा फ्लैग मार्च किया गया। फ्लैग मार्च में जवानों के साथ कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अवनीश शरण, एसपी राजनेश सिंह भी साथ-साथ चले। फ्लैग मार्च पुलिस परेड ग्राउण्ड से शुरू होकर शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरा। इस फ्लैग मार्च में सुरक्षा बलों की विभिन्न टुकड़ियों के सैकड़ो जवान शामिल हुए।
कलेक्टर ने जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि शांतिपूर्ण एवं भयमुक्त निर्वाचन सम्पन्न कराने के लिये आप पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। कलेक्टर ने कहा कि इस फ्लैग मार्च का उद्देश्य 07 मई को होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर शहरवासियों को अधिक से अधिक संख्या में मतदान हेतु जागरूक करते हुए स्वतंत्र, सुरक्षित और शांतिपूर्ण मतदान के लिए प्रेरित करना है। उन्होंने उम्मीद जताई कि शहर के मध्य स्थित घनी आबादी वाले इन इलाकों में पुलिस और प्रशासन का संयुक्त फ्लैग मार्च निर्वाचन के प्रति मतदाताओं के विश्वास को बढ़ाएगा, साथ ही चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए किसी भी प्रकार के असामाजिक तत्वों को सुरक्षा बलों की तैनाती से साफ संदेश देने का प्रयास किया गया है। एसपी श्री राजनेश सिंह ने कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया में सुरक्षाबलों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। निर्वाचन प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए जिले में सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि 07 मई को आयोजित होने वाले लोकसभा निर्वाचन की प्रक्रिया निर्बाध रूप से संपन्न कराई जाएगी।
शहर के इन मार्गो में हुआ फ्लैग मार्च
फ्लैग मार्च पुलिस परेड ग्राउंड से शुरू होकर ईदगाह चौक, सिम्स चौक, सदर बाजार, कोतवाली चौक, हटरी चौक, गांधी चौक, दयालबंद नारियल कोठी, जगमल चौक, गुरूनानक चौक, तोरवा थाना होकर रेलवे स्टेशन इंदिरा चौक, टैगोर चौक, पुराना बस स्टैण्ड, सीएमडी चौक, गायत्री मंदिर, मैग्नेटो मॉल, महिमा तिराहा, भारतीय नगर चौक, तैयबा नगर चौक, मगरपारा चौक, राजीव गांधी चौक, महाराणा प्रताप चौक होते हुए शहर के प्रमुख मार्गो से गुजरा।
प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी हुए शामिल
नगर निगम आयुक्त अमित कुमार, एडिशनल एसपी उमेश कश्यप, सीएसपी आईपीएस पूजा कुमार, बिलासपुर एसडीएम पीयूष तिवारी सहित कई प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी सहित बड़ी संख्या में जवान उपस्थित रहें।
किसानों का धान बेचने के प्रयास में पकड़ाया व्यापारी, 225 कट्टा अवैध धान जब्त
बिलासपुर । कलेक्टर शरण ने धान खरीदी व्यवस्था की मॉनिटरिंग करने के सख्त निर्देश खाद्य विभाग को दिए है। निर्देशों का पालन करते हुए खाद्य विभाग की ओर से इस पर पैनी निगाह रखी जा रही है। इसी कड़ी में केंदा सेवा सहकारी समिति में 3 किसानों की पर्ची पर धान बेचने का प्रयासर करते हुए एक व्यापारी से 225 कट्टा अवैध धान जब्त किया गया है।
सिलपहरी के किसान कृपाल सिंह एवं विजय कुमार, इसी प्रकार बरपाली के किसान रामसिंह का धान बेचने 1 दिसम्बर को केंदा समिति से पर्ची काटी गई थी। टोकन के आधार पर तीन किसान से 225 कट्टा धान ड्राईवर पारस जैन, हरिश्चंद्र, सोमदेव प्रजापति एवं अनिल पटेल द्वारा लाया गया था। इस दौरान जांच अधिकारी खाद्य निरीक्षक अब्दुल कादिर खान ने मौके पर पहंुचकर पूछताछ की चारों ड्राईवरों द्वारा इस धान को व्यापारी से लाना स्वीकार किया गया। इन सभी से 225 कट्टा धान जब्त की गई है।
दो ग्रामीणों की जान लेने वाले घायल भालू की मौत
कानन पेंडारी जू में इलाज के दौरान दम तोड़ा
बिलासपुर। मरवाही वन मंडल में दो ग्रामीणों की जान लेने और पांच अन्य को घायल करने वाले भालू की कानन पेंडारी जू में उपचार के दौरान मौत हो गई। रविवार की रात गंभीर रूप से घायल इस भालू को जू में इलाज के लिए लाया गया था, जहां सोमवार रात को उसकी हालत बिगड़ गई और करीब 11 बजे उसकी मौत हो गई।
वन विभाग के अनुसार, भालू की मौत उसके शरीर पर गहरे घावों की वजह से हुई, जो उसे ग्रामीणों द्वारा हमले के दौरान लगे थे। भालू पर चार स्थानों पर टांगी से हमले के निशान पाए गए थे, जो अत्यधिक घातक साबित हुए। जू के वन्य प्राणी चिकित्सक पीके चंदन ने भालू का इलाज किया, लेकिन उसकी हालत में सुधार नहीं हो सका।
रेस्क्यू के बाद उपचार के लिए लाया गया था जू
मरवाही वन मंडल के अधिकारियों ने भालू की आक्रामकता के चलते रेस्क्यू अभियान चलाने के निर्देश दिए थे। कुछ घंटों की मशक्कत के बाद रेस्क्यू टीम ने भालू को ट्रैंक्यूलाइजर गन से बेहोश किया और उपचार के लिए कानन पेंडारी जू भेजा। वहां रात 10:30 बजे उसकी हालत अचानक बिगड़ने लगी, लेकिन आधे घंटे के भीतर उसने दम तोड़ दिया।
पोस्टमार्टम के बाद होगा अंतिम संस्कार
जू के वन्य प्राणी चिकित्सालय में भालू का पोस्टमार्टम किया जा रहा है, जिसके बाद वन विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा। भालू नर था और उसकी उम्र लगभग 9 से 10 वर्ष के बीच बताई जा रही है।
वन विभाग की पूरी प्रक्रिया और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, जिससे मौत के सही कारणों की पुष्टि हो सके।
शराब घोटाला मामले में त्रिपाठी-ढिल्लन की जमानत याचिका खारिज...
बिलासपुर। कथित 2200 करोड़ के शराब घोटाले में आरोपी आबकारी विभाग के निलंबित अफसर अरुणपति त्रिपाठी और त्रिलोक ढिल्लन की जमानत अर्जी को हाईकोर्ट ने एक बार फिर से खारिज कर दिया है।
जस्टिस अरविन्द कुमार वर्मा की कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज की है। कोर्ट ने माना, भ्रष्टाचार वास्तव में मानव अधिकारों का उल्लंघन है। भ्रष्ट लोकसेवकों का पता लगाना और ऐसे व्यक्तियों को दंडित करना ही भ्रष्टाचार अधिनियम का मकसद है। उल्लेखनीय है कि, बीते माह हाईकोर्ट ने जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। उल्लेखनीय है कि, EOW ने शराब घोटाला, नकली होलोग्राम मामले में एफआईआर दर्ज की है। EOW द्वारा गिरफ्तारी के बाद एपी त्रिपाठी और कारोबारी त्रिलोक ढिल्लन ने हाईकोर्ट में जमानत के लिए अलग- अलग अर्जी लगाई थी।
साप्ताहिक जनदर्शन में कलेक्टर ने सुनी लोगों की समस्याएं
बिलासपुर। कलेक्टर अवनीश शरण ने साप्ताहिक जनदर्शन में दूर-दराज से आये लोगों की समस्याएं सुनी। जनदर्शन में आज मांग और शिकायतों से संबंधित लगभग 80 आवेदन मिले। कलेक्टर ने सभी की समस्याओं को इत्मीनान से सुना और निराकरण योग्य आवेदनों का मौके पर ही निराकरण किया। कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को आवेदन भेजते हुए जल्द निराकरण करने के निर्देश दिए।
साप्ताहिक जनदर्शन में मस्तूरी तहसील के ग्राम पंचायत पोड़ी के ग्रामवासी और सरपंच ने आवास योजना में गड़बड़ी करने के संबंध में रोजगार सहायक मन्नू यादव को हटाये जाने की मांग की है। कलेक्टर ने सीईओ जनपद पंचायत मस्तूरी को पत्र भेजते हुए आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए। शासकीय हाई स्कूल खुरदुर के व्याख्याता श्री किरण कुमार गरघट ने 10 माह से लंबित वेतन दिलाने की गुहार कलेक्टर से लगाई । उन्होंने बताया कि वेतन नहीं मिलने से पारिवारिक समस्याओं से जूझ रहें है। कलेक्टर ने डीईओ को आवेदन भेजते हुए उचित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। जनपद पंचायत तखपुर के वन प्रबंधन समिति द्वारा पौधारोपण स्थल से बेजा कब्जा हटाने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया है। कलेक्टर ने मामले को तखतपुर एसडीएम को सौंपते हुए आवश्यक कार्रवाई करने कहा। ग्राम पंचायत खम्हरिया के सरपंच एवं ग्रामवासियों ने बताया कि वे विगत 6 माह से ट्रांसफार्मर के जल जाने से बिजली की समस्याओं से जूझ रहे है। उन्होंने बताया कि बिजली विभाग को लिखित में जानकारी देने के बाद भी उचित कार्रवाईन नहीं की गई है। कलेक्टर ने आवेदन बिजली विभाग को भेजते हुए आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए है।
बिल्हा ब्लॉक के ग्राम पंचायत चोरहा देवरी की संरपंच ने स्कूल में पदस्थ भूपेन्द्र बंजारे का अन्यत्र ट्रांसफर करने की मांग की। बेलतरा तहसील के लखराम गांव निवासी चंडीबाई ने जमीन पर अवैध कब्जा करने की शिकायत की। ग्राम मोहरा निवासी देवी लाल रजक 13 वर्षाे से तेंदूपत्ता कार्यालय वनविभाग के गोदाम में चौकीदार के पद पर कार्य कर रहे है। उन्होंने कलेक्टर से गुहार लगाई है कि पारिवारिक समस्याओं को देखते हुए उन्हे चौकीदार पद से नहीं निकाला जाए। कलेक्टर ने इस आवेदन को डीएफओ को भेजते हुए आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
ढाई हजार किलो गांजा जलाया फैक्ट्री में, 83 हजार टेबलेट किए नष्ट
बिलासपुर। रेंज के सभी थानों में जब्त गांजा और नशीले पदार्थों को सोमवार की सुबह मोहतराई स्थित फैक्ट्री में नष्ट कर दिया गया। इस दौरान करीब 2588 किलो गांजा फैक्ट्री भट्ठी में झोंका गया। साथ ही करीब 93 हजार टेबलेट नष्ट किए गए।एएसपी अर्चना झा ने बताया कि जिन मामलों का न्यायालय से निराकरण हो चुका है ऐसे प्रकरण में जब्त नशीले पदार्थों को नष्ट करने रेंज स्तरीय समिति बनाई गई है।
समिति के अध्यक्ष आइजी डा संजीव शुक्ला हैं। इसमें सदस्य के रूप में एसपी रजनेश सिंह, कोरबा एसपी सिद्धार्थ तिवारी और क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी हैं। उन्होंने बताया कि बिलासपुर जिले के 72 मामलों में जब्त नशीले पदार्थों को नष्ट करने के निर्देश मिले। इसके अलावा कोरबा जिले के 96, जांजगीर-चांपा के 37, मुुुंगेली के 13, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के 35, सारंगढ़ बिलाईगढ़ के 10, सक्ती जिले के 12 मामलों में जब्त नशीले पदार्थों को नष्ट किया जाना था।
समिति ने सोमवार को रेंज के सभी थानों से लाए नशीले पदार्थों को मोहतराई स्थित एक फैक्ट्री में नष्ट कर दिया गया है। इसमें 2588 किलो गांजा, 367 गांजा के पौधे, तीन ग्राम ब्राउन शुगर, 440 ग्राम चरस, चार ग्राम एमडीएमए, एक हजार 271 नग प्रतिबंधित सिरप, 93 हजार 641 नशीले टेबलेट और पांच हजार 638 नशीले इंजेक्शन के एंपुल को नष्ट किया गया है।
सोलर पावर के विस्तार में सबसे बड़ी बाधा बन रही एकमुश्त आने वाली लागत
बिलासपुर। बिजली की बढ़ती खपत और भविष्य में इसकी संभावित कमी को देखते हुए सरकारें सोलर पावर को प्रमोट कर रही हैं। इसके बावजूद घरेलू स्तर पर सोलर पैनल लगाने वालों की संख्या में अपेक्षित वृद्धि नहीं हो रही। शहरी क्षेत्र में हर साल 40 से 45 लोग ही इसे अपना रहे हैं।
एकमुश्त लागत और त्वरित लाभ न मिलने के कारण लोग सोलर पावर अपनाने में हिचक रहे हैं।स्थानीय लोगों का मानना है कि सोलर पैनल लगाने में एकमुश्त आने वाली लागत सबसे बड़ी बाधा है। एक किलोवाट सोलर पैनल लगाने के लिए लगभग एक लाख रुपये तक का खर्च आता है।
इसमें सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी के बाद भी 80-85 हजार रुपये खर्च करने पड़ते हैं। यह खर्चा अधिकांश परिवारों के लिए भारी साबित हो रहा। इसी के विपरीत कृषि और कमर्शियल क्षेत्रों में सोलर पावर की डिमांड तेजी से बढ़ी है।
बैटरी रिन्यूअल का खर्च भी चिंता का कारण
स्थानीय निवासी अखिलेश तिवारी ने बताया कि उनके घर पर रूफटाप सोलर पावर लगा हुआ था। लेकिन बैटरी खराब हो जाने के चलते वह लंबे समय तक निष्क्रिय पड़ी रही। वह कहते हैं कि सोलर पावर सिस्टम में बैटरी की नियमित देखभाल और समय-समय पर बैटरी बदलने का खर्च वहन करना पड़ता है। एक नई बैटरी के लिए लगभग 20 से 30 हजार रुपये खर्च करने होते हैं, जो कि सामान्य बिजली बिल के मुकाबले महंगा पड़ता है।
सब्सिडी के बावजूद सोलर पावर महंगा
स्थानीय निवासी रमेश सूर्यकांत कहते हैं कि सरकार सोलर पैनल पर सब्सिडी प्रदान करती है, लेकिन इसके बावजूद लागत बहुत अधिक है। एक किलोवाट सोलर सिस्टम पर 85 हजार रुपये खर्च होते हैं, जबकि औसत घर का बिजली बिल 500 से 1000 रुपये प्रति माह होती है। इस हिसाब से इस निवेश की भरपाई में लगभग 7 से 8 साल का समय लग जाता है।
पत्नी से अवैध संबंध की आशंका पर पेट्रोल पंप संचालक की पिटाई
बिलासपुर। पेट्रोल पंप के मालिक का उसके ही कर्मचारी ने पत्नी से अवैध संबंध की आशंका पर अपहरण कर लिया।
इसके बाद पेट्रोल पंप मालिक और उसके ड्राइवर की पिटाई कर सेंदरी के पास छोड़ दिया। इधर कर्मचारी की पत्नी ने अपने पति के खिलाफ अपहरण की शिकायत कर दी।
मामले की जांच के बाद पुलिस ने घटना में शामिल तीन आरोपित को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया है। मामले में एक आरोपित फरार है। उसकी तलाश की जा रही है।
कोतवाली सीएसपी पूजा कुमार ने बताया कि जगमल चौक के पास रहने वाली दुर्गा यादव (32) ने अपहरण की शिकायत की है। महिला ने बताया कि उसका पति भोला उर्फ शेखर यादव (47) बिल्हा मोड़ के पास स्थित पेट्रोल पंप पर काम करता है, जिसके संचालक जीतू अग्रवाल हैं।
पेट्रोल के मालिक जीतू अग्रवाल अपने साथ दुर्गा, उसके पति भोला व बच्चों को वृंदावन घुमाने लेकर गए थे। वहां पर भोला को दुर्गा और मालिक जीतू अग्रवाल के बीच अवैध संबंध का शक हो गया। इसी बात को लेकर भोला ने कटनी के पास मालिक से विवाद किया। इससे नाराज जीतू अग्रवाल ने भोला को कार से उतार दिया। वे दुर्गा और बच्चों को लेकर शहर आ गए।
उनको घर पर छोड़कर वे अपने घर चले गए। दूसरे दिन 26 जून को भोला किसी तरह बिलासपुर पहुंचे। यहां आते ही उसने अवैध संबंध की बात कहते हुए पत्नी से मारपीट की। इसकी जानकारी होने पर जीतू अग्रवाल ने दुर्गा और उसके बच्चों को चकरभाठा स्थित एक होटल में रुकवा दिया।
इधर भोला ने जीतू अग्रवाल को बातचीत करने के लिए अपने घर बुलाया। यहां पर उसने जीतू अग्रवाल की पिटाई की। इसके बाद मालिक और उसके ड्राइवर त्रिलोचन की अपने दोस्तों के साथ पिटाई करते हुए अपने साथ लेकर गया। इसके बाद जीतू और भोला का मोबाइल बंद बताने लगा।
महिला की शिकायत पर पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। जांच के दौरान पता चला कि जीतू अग्रवाल और उनका ड्राइवर सेंदरी के पास हैं। पुलिस ने घायल पेट्रोल पंप संचालक को अस्पताल में भर्ती कराया।
कार बिगड़ी तो मोबाइल लूटकर भागे
पुलिस की पूछताछ में पीड़ित जीतू अग्रवाल ने बताया कि सेंदरी के पास कार खराब होने पर भोला और उसके साथी उन्हे छोड़कर भाग निकले। इस बीच आरोपित युवकों ने पेट्रोल पंप संचालक का मोबाइल लूट लिया। घायल से पूछताछ के बाद पुलिस की टीम ने भोला और उसके साथियों की तलाश शुरू कर दी।
पुलिस ने मामले में भोला यादव, रोहन श्रीवास उर्फ नान्हे (20) जगमल चौक, अजीत विश्वास (24) निवासी देवरीखुर्द को पकड़ लिया। मामले में एक आरोपित लल्ला यादव फरार है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
वृंदावन में भी हुआ था विवाद
पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि वृंदावन में ही भोला को अपनी पत्नी पर शक होने लगा। उसने अपनी पत्नी से वृंदावन में भी विवाद किया। इसके बाद रास्ते में भी इसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद हुआ। इसी दौरान पेट्रोल पंप संचालक ने कर्मचारी की पत्नी का पक्ष लेते हुए उसे रास्ते में ही कार से उतार दिया। बिलासपुर में विवाद होने पर उसने कर्मचारी की पत्नी और बच्चों को लेकर चकरभाठा स्थित होटल में ठहरा दिया। इससे कर्मचारी भोला का गुस्सा और बढ़ गया।
नए साल का जश्न मनाने तालाब के किनारे छिपा रखे थे भारी मात्रा में शराब, दो अरोपित पकड़े गए
बिलासपुर। नए साल का जश्न मनाने के लिए कोचियों ने तालाब किनारे 100 डिब्बों में एक हजार 500 किलो महुआ लहान छिपा रखी थी। इसके साथ ही मौके पर 45 लीटर शराब मिली। इसे आबकारी विभाग ने जब्त कर नष्ट कर दिया। कार्रवाई के दौरान दो लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।
आबकारी सहायक आयुक्त दिनकर वासनिक ने बताया कि कोनी और कोटा क्षेत्र में महुआ शराब बिक्री की सूचना मिली थी। इस पर सहायक जिला आबकारी अधिकारी कल्पना राठौर को कार्रवाई के निर्देश दिए गए। सहायक जिला आबकारी अधिकारी की टीम ने कोनी क्षेत्र के ग्राम निरतू करहीपारा में दबिश देकर श्रीराम लोनिया के कब्जे से नौ लीटर महुआ शराब जब्त की है। वहीं, गांव में रहने वाली जानकी लोनिया के कब्जे से सात लीटर शराब जब्त की गई।
दोनों के खिलाफ आबकारी एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। आरोपित को न्यायालय के आदेश पर जेल भेजा गया है। टीम ने कोटा क्षेत्र के ग्राम गनियारी में दबिश देकर तालाब किनारे छिपाए 45 लीटर शराब जब्त की है। मौके पर 100 डिब्बों में रखे एक हजार 500 किलो लहान को जब्त कर नष्ट किया गया है।
हाई कोर्ट में सिम्स के ओएसडी का कबूलनामा, ज्यादा ध्यान प्राइवेट प्रैक्टिस पर, डॉक्टरों में नहीं है वर्क कल्चर
ओएसडी ने माना कि सिम्स के डॉक्टरों का ज्यादा ध्यान प्राइवेट प्रैक्टिस पर रहता है, संज्ञान याचिका पर हाईकोर्ट की बेंच ने सुनवाई की. सुनवाई के दौरान ओएसडी माना कि सिम्स के डॉक्टरों में वर्क कल्चर नहीं है. हाई कोर्ट ने अगली सुनवाई 6 दिसंबर को निर्धारित की है, डीन और एमएस को व्यवस्था बनाने में असफल बताया इस पर बीते दिनों सिम्स की अव्यवस्था को लेकर मीडिया में आ रही खबरों को लेकर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने संज्ञान लिया था. इसके बाद एक जनहित याचिका के रूप में इस मामले की सुनवाई की जा रही है. पूर्व में हुई सुनवाई में हाई कोर्ट ने राज्य शासन के सीनियर आईएएस आर प्रसन्ना को सिम्स के ओएसडी के रूप में काम करते हुए अपनी विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे. ओएसडी ने चीफ जस्टिस व जस्टिस रविन्द्र अग्रवाल की डीबी में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की. इसमें स्वीकार किया गया है कि सिम्स में वर्क कल्चर पूरी तरह प्रभावित हो गया है. इसे वापस पटरी पर लाने में अभी बहुत समय लगेगा. हाई कोर्ट ने एडवोकेट सूर्या कंवलकर डांगी, अपूर्व त्रिपाठी और संघर्ष पाण्डेय को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर सिम्स में पूरी जांच कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था. कोर्ट कमिश्नरों ने भी अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की. रिपोर्ट में बताया गया कि बहुत से डॉक्टर प्रायवेट प्रैक्टिस भी करते हैं.
इस पर चीफ जस्टिस ने पूछा कि इन्हें नॉन प्रैक्टिस अलाउंस तो मिलता होगा. इस पर बताया गया कि शासन जिला अस्पताल में तो यह देता है, लेकिन सिम्स के एक मेडिकल कालेज होने के कारण यहां का प्रावधान स्पष्ट नहीं है. सुनवाई के दौरान कोर्ट कमिश्नर अपूर्व त्रिपाठी ने बताया कि सिम्स के ठीक सामने ही कई निजी डायग्नोस्टिक सेंटर भी चल रहे हैं. कई जांच सिम्स न होने पर मरीजों को यहां आना पड़ता है.
छात्रों का दुश्मन बना मोबाइल
बिलासपुर । छात्रों का दुश्मन बना मोबाइल, सरकंडा के अशोक नगर में रहने वाले देवानंद जायसवाल निजी संस्थान में काम करते हैं। उनका बेटा सोम जायसवाल(13) सातवीं कक्षा का छात्र था। देवानंद ने बताया कि उनके बेटे की मंगलवार को तबीयत खराब थी। रात को पिता-पुत्र एक ही कमरे में सो रहे थे। रात को सोम ने अपने पिता से मोबाइल मांगा।
तबीयत खराब होने के कारण देवानंद ने मोबाइल देने से मना किया। साथ ही उसे जल्दी सो जाने के लिए कहा। इसी बात से बालक नाराज हो गया। कुछ देर बाद वह कमरे से निकल गया। इधर देवानंद की भी नींद लग गई। रात करीब ढाई बजे देवानंद की मां बाथरूम जाने के लिए उठी। बाथरूम में सोम का शव फांसी के फंदे पर लटक रहा था। महिला ने अपने बेटे को इसकी जानकारी दी।
इसके बाद सोम को फांसी के फंदे से उतारकर सिम्स ले जाया गया। वहां पर डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर शव चीरघर भेज दिया। घटना की सूचना पर पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पीएम कराया है। प्राथमिक पूछताछ के बाद शव स्वजन को सौंप दिया गया है।
दो साल पहले भी 10वीं के छात्र दे दी थी जान
करीब दो साल पहले जून 2022 में सिविल लाइन क्षेत्र के मंगला बापजी रेसीडेंसी में रहने वाले 10वीं के छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस की पूछताछ में पता चला कि छात्र मोबाइल पर गेम खेलता था। इसके कारण उसकी मां ने मोबाइल छीन लिया था। इसी बात से नाराज होकर उसने फांसी लगा ली थी। उसे फांसी पर झूलता देख स्वजन ने फंदा काटकर नीचे उतारा। इसके बाद उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
बच्चों को वर्चुअल दुनिया से निकालें बाहर
सातवीं कक्षा के बच्चे ने जो आत्मघाती कदम उठाया है, कहीं न कहीं जरूरत से ज्यादा आधुनिकता इसकी जड़ है। यह कहना है कि जिला अस्पताल में पदस्थ साइकोलाजिस्ट डा गामिनी वर्मा का। उन्होंने कहा कि बच्चे आजकल बिना मोबाइल देखे खाना नहीं खा रहे हैं। मोबाइल में गेम खेलते खेलते उसको सही मान लेते हैं।
मोबाइल के कारण ही बच्चों में चिड़चिड़ाहट और गुस्से की प्रवृति बढ़ती जा रही है। मोबाइल में देखकर ही बच्चे आत्महत्या क्या होती है यह समझ रहे हैं। एक तरह से कहें तो वे उम्र से ज्यादा बड़े हो गए हैं। ऐसे में पालकों को उन्हें प्यार से समझाना चाहिए। पालक अपने बच्चों को बताएं कि मोबाइल का अत्यधिक प्रयोग उनके लिए ठीक नहीं है।
पालकों को यह समझना चाहिए कि बच्चे को बचपन से मोबाइल की लत उन्होंने ही लगवाई है। अब इसे जल्दी से खत्म नहीं किया जा सकता। इसके लिए कुछ प्रयास करना होगा। पालक खुद बच्चों को वर्चुअल दुनिया की तरफ धकेल रहे है जो सत्य से कोसों दूर है। ऐसे में बच्चों का ध्यान मोबाइल से हटाकर वर्चुअल दुनिया से दूर कर सकते हैं।