छत्तीसगढ़ / मनेन्द्रगढ़ – चिरिमिरी – भरतपुर
छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव के अवसर पर केल्हारी महाविद्यालय में योगा कार्यक्रम
विद्यार्थियों व शिक्षकों को कराया गया योगाभ्यास, प्राणायाम के महत्व पर दी गई जानकारी
एमसीबी/16 सितंबर 2025
छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव के अवसर पर आज नवीन महाविद्यालय केल्हारी में विशेष योगा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकगणों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञों एवं प्रशिक्षकों ने विभिन्न योगासन और प्राणायाम का अभ्यास कराया। साथ ही प्रतिभागियों को यह भी बताया गया कि नियमित योगाभ्यास से शरीर स्वस्थ, मन शांत और जीवन अनुशासित होता है।
छात्रों को समझाया गया कि प्रातःकाल नित्यकर्म के उपरांत प्रतिदिन योग और प्राणायाम करने से मानसिक एकाग्रता बढ़ती है, तनाव कम होता है और स्वास्थ्य दीर्घकाल तक अच्छा रहता है। महाविद्यालय परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने योगासन किए और प्राणायाम का अभ्यास किया। शिक्षकगणों ने भी विद्यार्थियों के साथ मिलकर योगाभ्यास किया और नियमित रूप से इसे जीवनशैली का हिस्सा बनाने का संकल्प लिया।
विशेष लेख : एमसीबी जिले पर विशेषः लगभग दो सौ वर्षों बाद हुआ पुनः विभाजन
एमसीबी/09 सितम्बर 2025
छत्तीसगढ़ के 32वें जिले के रूप में 9 सितम्बर 2022 को अस्तित्व में आया मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिला, जो कोरिया जिले से विभाजित होकर बना और जिसका मुख्यालय मनेंद्रगढ़ में स्थापित किया गया। जिले के नोडल अधिकारी पर्यटन, पुरातत्व एवं इतिहासकार डॉ. विनोद कुमार पांडेय बताते हैं कि पूर्व में कोरिया रियासत में 1600 ई. तक राजा बालंद का शासन था। 1750 में मैनपुरी के चौहान वंश के दलथम्मन शाही व धारमलशाही कोरिया पहुंचे और वहां कोल जाति व गोंडों के बाद चौहान वंश का राज्य स्थापित हुआ।
यह वंश स्वयं को सम्राट पृथ्वीराज चौहान का वंशज मानता है। कुछ समय उपरांत ईस्ट इंडिया कंपनी के हाथों नागपुर के मोड़ेजी भोसले के परास्त हो जाने के बाद छत्तीसगढ़ के अधिकांश राज्य ईस्ट इंडिया कंपनी के अधीन आ गए और उसी के साथ कोरिया राज्य भी ईस्ट इंडिया कंपनी के अधीन आ गया। 24 दिसंबर 1819 में राजा गरीब सिंह के स्वीकृत करारनामा के अनुसार राज्य को 400 रुपये वार्षिक अंग्रेजों को देने का प्रावधान किया गया, साथ ही चांगभखार रियासत (जनकपुर) कोरिया की सामंती अधीनता होने के कारण 386 रुपये कोरिया राज्य के माध्यम से कंपनी को देना तय हुआ। आगे डॉ. पांडेय बताते हैं कि राजा गरीब सिंह के बाद राजा अमोल सिंहदेव का शासन प्रारंभ हुआ।
सन् 1848 में हुए एक अन्य अनुबंध के अनुसार चांगभखार रियासत ने देय राशि सीधे ईस्ट इंडिया कंपनी को देना शुरू कर दिया और इस प्रकार वह कोरिया रियासत से अलग होकर स्वतंत्र अस्तित्व में आ गया तथा उसे ‘भैया’ की उपाधि दी गई। कालांतर में इतिहास ने करवट ली और लगभग 200 वर्षों बाद 25 मई 1998 को रियासत के इसी हिस्से में कोरिया जिले का गठन हुआ, जिसका मुख्यालय बैकुंठपुर बनाया गया और इसका क्षेत्रफल 5977.70 वर्ग किलोमीटर निर्धारित किया गया। जिस प्रकार 1848 में कोरिया रियासत से अलग होकर चांगभखार रियासत का स्वतंत्र अस्तित्व बना था, उसी प्रकार इतिहास दोहराया गया और 9 सितंबर 2022 को कोरिया जिले से अलग होकर नवीन मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिला अस्तित्व में आया, जिसका मुख्यालय मनेंद्रगढ़ बनाया गया। इसमें पूर्व चांगभखार रियासत तथा कोरिया रियासत का कुछ भाग शामिल किया गया।
मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले का गठन कोरिया जिले के उपखंड मनेंद्रगढ़ (तहसील मनेंद्रगढ़ व केल्हारी), उपखंड भरतपुर (तहसील भरतपुर), उपखंड खड़गवां-चिरमिरी (तहसील खड़गवां एवं चिरमिरी) को समाविष्ट करते हुए किया गया। इसकी सीमाएं उत्तर में तहसील कुसमी जिला सीधी-सिंगरौली (मध्यप्रदेश), दक्षिण में तहसील पोड़ी उपरोड़ा जिला कोरबा एवं तहसील रामानुजनगर जिला सूरजपुर, पूर्व में तहसील बैकुंठपुर एवं सोनहत तथा पश्चिम में गौरेला-पेंड्रा-मरवाही व अनूपपुर (मध्यप्रदेश) जिले से मिलती हैं। जिले का क्षेत्रफल 1726.39 वर्ग किलोमीटर तथा जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 4,22,248 थी।
जिले के नामकरण के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए डॉ. पांडेय बताते हैं कि वास्तव में मनेंद्रगढ़ का मूल नाम कारीमाटी था, क्योंकि यहां के आसपास कोयले का विशाल भंडार था तथा इस भूभाग की मिट्टी काली थी। सन 1927 में कारीमाटी में भीषण आग लग गई, जिससे संपूर्ण क्षेत्र जलकर राख हो गया। 1930 में रेलवे लाइन आने के बाद तत्कालीन कोरिया राजा रामानुज प्रताप सिंह ने रेलवे स्टेशन के निकट नगर बसाने का निर्णय लिया और इस स्थान का नाम अपने तृतीय पुत्र महेंद्र प्रताप सिंहदेव के नाम पर मनेंद्रगढ़ रखा।
चिरमिरी नाम की उत्पत्ति का कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं है, फिर भी एक मत के अनुसार यहां चेरी माई की स्मृति में स्थित एक सती मंदिर था, जो भग्नावस्था में था और उसी के नाम पर इस क्षेत्र का नाम चिरमिरी पड़ा होगा। इसी प्रकार जनकपुर का संबंध चांगभखार रियासत से रहा है और इसका नामकरण रियासत की कुलदेवी माता चांगदेवी के नाम पर किया गया था।
चिरमिरी-नागपुर रेल परियोजना के अंतर्गत छह ग्रामों की भूमि अधिग्रहण सर्वेक्षण 8 सितम्बर से होगी प्रारंभ
एमसीबी / 06 सितम्बर 2025
कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी (रा०) मनेंद्रगढ़ द्वारा सर्वसाधारण आमजनता, ग्रामीणजन और कृषकजनों को सूचित किया गया है कि चिरमिरी-नागपुर रोड हाल्ट रेल परियोजना (17 किलोमीटर) हेतु प्रस्तावित ग्राम बंजी, चिरईपानी, चित्ताझोर (तहसील चिरमिरी), खैरबना, सरोला और सरभोका में भूमि अधिग्रहण के संबंध में धारा 20E का प्रकाशन किया जा चुका है। अधिसूचना के उपरांत रेल अधिनियम 1989 की धारा 20(च) अंतर्गत मुआवजा निर्धारण हेतु आवश्यक सर्वेक्षण कार्य संपन्न किया जाएगा। इस सर्वेक्षण में प्रस्तावित भूमि पर स्थित संरचनाओं, भूमि उपयोग प्रवर्ग, पेड़, कुआं, नलकूप आदि का पंचनामा, फोटोग्राफ और अक्षांश-देशांतर सहित प्रतिवेदन तैयार किया जाएगा।
संयुक्त सर्वे टीम द्वारा यह सर्वेक्षण 08 सितम्बर 2025, सोमवार को प्रातः 11 बजे ग्राम बंजी से प्रारंभ किया जाएगा। सर्वेक्षण में लगने वाला समय प्रत्येक ग्राम में प्रभावित खसरों और उनमें निर्मित संरचनाओं की संख्या पर निर्भर करेगा। ग्राम बंजी की 56 प्रभावित खसरा और सरोला की 11 प्रभावित खसरा का सर्वेक्षण 08 से 12 सितम्बर 2025 तक होगा। इसके साथ ग्राम चिरई पानी की 45 प्रभावित खसरा एवं सरभोका की 14 प्रभावित खसरा का सर्वेक्षण 15 से 20 सितम्बर 2025 तक होगा। वहीं ग्राम खैरबना की 57 प्रभावित खसरा एवं चित्ताझोर की 23 प्रभावित खसरा का सर्वेक्षण 22 से 26 सितम्बर 2025 तक किया जाएगा। कुल मिलाकर इन छह ग्रामों में 206 खसरे भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में प्रभावित होंगे।
इस संबंध में सभी भूमि स्वामी, सह-स्वामी और कृषकगण को निर्देशित किया गया है कि वे अपने-अपने भूमि संबंधी दस्तावेज जैसे खसरा, बी-1, ऋण पुस्तिका, विक्रय पत्र, नामांतरण, डायवर्जन, न्यायालयीन प्रकरणों से संबंधित जानकारी एवं अन्य आवश्यक दस्तावेजों सहित स्थल पर अनिवार्य रूप से उपस्थित होकर सहयोग प्रदान करें। यदि कोई भूमिस्वामी सर्वेक्षण के समय अनुपस्थित रहता है और आवश्यक तथ्य प्रस्तुत नहीं करता तो भविष्य में वादबहुल्यता की स्थिति में उसकी स्वयं की जिम्मेदारी होगी। ऐसे मामलों में आगे की कार्यवाही स्थल जांच और उपलब्ध राजस्व अभिलेखों सहित अन्य आवश्यक दस्तावेजों के आधार पर ही की जाएगी।
मनेंद्रगढ़ में सड़क सुरक्षा सप्ताह पर जिला स्तरीय वाद-विवाद प्रतियोगिता हुई संपन्न
नव्या गुप्ता ने हासिल की प्रथम स्थान
एमसीबी/01 सितम्बर 2025
सड़क सुरक्षा सप्ताह के अंतर्गत जिला स्तरीय वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी विद्यालय मनेंद्रगढ़ में उत्साहपूर्वक संपन्न हुआ। इस प्रतियोगिता में विकासखंड स्तर पर चयनित छात्र-छात्राओं ने भाग लिया और सड़क सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए। निर्णायकों द्वारा परिणाम घोषित किए गए, जिसमें प्रथम स्थान नव्या गुप्ता (वीएसएसएन विद्यालय भरतपुर), द्वितीय स्थान शिवेंद्र तिवारी (सेजेस भरतपुर) तथा तृतीय स्थान साक्षी सिंह (शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बेलबहरा) को प्रदान किया गया।
प्रतियोगिता में छात्र-छात्राओं ने सड़क दुर्घटनाओं की भयावहता पर प्रकाश डालते हुए मृत्यु दर के आंकड़े प्रस्तुत किए और दुर्घटनाओं में कमी लाने के उपायों पर विस्तार से सुझाव दिए। उन्होंने सड़कों पर बैठे आवारा पशुओं, जगह-जगह गड्ढों और यातायात नियमों की अनदेखी जैसी समस्याओं को भी प्रमुखता से उठाया तथा दुर्घटना पीड़ितों को बचाने के लिए जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया। प्रतियोगिता में विजेताओं को सम्मानित करते हुए प्रथम स्थान प्राप्त छात्रा को 7000 रुपए, द्वितीय स्थान को 5000 रूपये। और तृतीय स्थान को 3000 रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की गई, वहीं सांत्वना पुरस्कार स्वरूप प्रत्येक प्रतिभागी छात्र-छात्रा को 2000 रुपए का चेक दिया गया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में डिप्टी कलेक्टर इंदिरा मिश्रा, जिला शिक्षा अधिकारी आर.पी. मिरे, पुष्कर तिवारी, अनीता फरमानिया, अभिषेक पांडे, नीलम दुबे, मधुमिता चौधरी, रामाश्रय शर्मा, डॉ. विनोद पांडेय, द्वारिका मिश्रा और सूर्याेदय सिंह सहित अनेक शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही। कार्यक्रम के समापन अवसर पर नशा मुक्ति अभियान के अंतर्गत डिप्टी कलेक्टर इंदिरा मिश्रा ने उपस्थित सभी लोगों को नशा मुक्ति की शपथ दिलाई। आभार प्रदर्शन जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा किया गया।
‘दीदी के गोठ’ से गूँजी महिलाओं की सफलता की कहानियाँ, जिलेभर में उत्साहपूर्वक हुआ प्रसारण
मुख्यमंत्री ने बिहान की दीदियों को सराहा, ‘‘दीदी के गोठ’’ बना सशक्तिकरण का मंच
एमसीबी /01 सितम्बर 2025
जिले में महिलाओं की आजीविका और सशक्तिकरण को नई दिशा देने वाले रेडियो प्रसारण ‘‘दीदी के गोठ’’ का आयोजन बड़े उत्साह के साथ किया गया। यह कार्यक्रम माननीय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ‘बिहान’ की दीदियों की सफलता की कहानियों पर आधारित है, जिसका शुभारंभ रायपुर से किया गया। कार्यक्रम के माध्यम से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, माननीय केंद्रीय मंत्री (पंचायत एवं ग्रामीण विकास) शिवराज सिंह चौहान तथा छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने स्व-सहायता समूह की महिलाओं को संदेश देते हुए उन्हें आजीविका संवर्धन और आत्मनिर्भरता की दिशा में और अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित किया।
नेताओं ने कहा कि ‘‘बिहान’’ की दीदियों ने अपने कार्यों से न केवल आर्थिक आत्मनिर्भरता हासिल की है, बल्कि समाज में महिला सशक्तिकरण की मिसाल भी कायम की है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती अंकिता सोम शर्मा के मार्गदर्शन में जिले के सभी संकुल संगठन एवं ग्राम संगठन स्तर पर ‘‘दीदी के गोठ’’ का प्रसारण सुनवाया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्व-सहायता समूह की महिलाएं और कम्युनिटी कैडर शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान महिलाओं ने अपनी कहानियों से प्रेरणा ली और नई योजनाओं को आत्मसात कर भविष्य में और बेहतर कार्य करने का संकल्प लिया।
जिले के जनप्रतिनिधियों, पंचायत प्रतिनिधियों और जिला पंचायत के अधिकारी-कर्मचारियों की भी सक्रिय भागीदारी रही। माहौल उत्साह और ऊर्जा से भरा रहा, जहां हर महिला ने यह महसूस किया कि उनकी मेहनत और संघर्ष को न केवल राज्य स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा जा रहा है। ‘‘दीदी के गोठ’’ का यह प्रसारण ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने, उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने और आजीविका संवर्धन की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहा है। जिले में इस कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि यदि अवसर और मंच मिले तो महिलाएं हर क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू सकती हैं।
MCB जिले में ₹35 करोड़ की लागत से बनेगा आधुनिक अस्पताल
मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर।
मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में 220 बिस्तर के अस्पताल भवन के निर्माण के लिए राज्य शासन ने प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है। इस परियोजना पर कुल ₹35.36 करोड़ की लागत आएगी। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आदेश में बताया गया है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के मुख्य बजट प्रावधान के तहत यह राशि स्वीकृत की गई है।
इस अस्पताल के निर्माण से स्थानीय लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी। लंबे समय से इस अंचल के मरीजों को गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए अन्य शहरों पर निर्भर रहना पड़ता था।
स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में मनेंद्रगढ़ जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता दी गई है। मनेंद्रगढ़ में 220 बिस्तर के अस्पताल का निर्माण इसी संकल्प का हिस्सा है। इससे इस अंचल की जनता को इलाज के लिए अब दूर नहीं जाना पड़ेगा और यहां के लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होंगी।
ब्रह्मकुमारी दीदियों ने हितग्राहियों को नशामुक्त रहने दियाला संकल्प
नशामुक्त रहने प्रतिदिन योग, मेडिटेशन और मन की एकाग्रता बढ़ाने की दी सलाह
एमसीबी । समाज कल्याण विभाग के तत्वाधान में संस्था ग्राम विकास समिति द्वारा संचालित नशामुक्ति पुनर्वास केन्द्र खोंगापानी में ब्रह्मकुमारी दीदियों ने संस्था में निवासरत हितग्राहियों को राखी बांध कर नशा मुक्त भारत अभियान के तहत हितग्राहियों को नशामुक्ति जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया।
ब्रम्हकुमारी दीदियों ने बताया कि आधुनिक समय में बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, शराब, पान-मसाला, अफीम, गांजा, चरस, कोकेन, हेरोइन, एवं ब्राउन शुगर इत्यादि चीजों का नशा हो रहा है। इस तरह के नशे को केवल दवाईयो से ठीक नहीं किया जा सकता है। इसके लिए प्रतिदिन योग, मेडिटेशन एवं अपने मन की एकाग्रता को बढ़ाकर नशे से मुक्त रह सकते है।
नियमित योग और मेडिटेशन अभ्यास से तनाव कम होता है, मन शांत होता है और लत से उबरने में मदद मिलती है। इसके अतिरिक्त, एकाग्रता बढ़ाने से व्यक्ति को अपनी आदतों पर नियंत्रण पाने और सकारात्मक जीवनशैली अपनाने में मदद मिलती है। कार्यक्रम में उपस्थित ब्रह्मकुमारी दीदियों तथा समाज कल्याण विभाग के द्वारा हितग्राहियों तथा अन्य कर्मचारियों को नशा मुक्त भारत अभियान के लिए संकल्प दिया गया। इसके साथ विभाग के कर्मचारी द्वारा बताया गया कि हमारे जिले में नशामुक्ति पुनर्वास केन्द्र में हितग्राहियों को विभिन्न सुविधा मुहैया कराया गया है, इसमें निःशुल्क भोजन, आवास, योग, परामर्श, चिकित्सा एवं मनोरंजन सुविधा प्रदान किया गया है।
सरकार की महत्वाकांक्षी योजना से प्रतिमाह 10 से 15 नशा पीड़ित हितग्राही स्वस्थ होकर पुनर्वास हो रहे है। इस कार्यक्रम में उपस्थित ब्रह्मकुमारी दीदी और संस्था संचालक प्रभाकर द्विवेदी एवं संस्था के कर्मचारीगण धर्मेंद्र, ममता देवी, दिलीप ,सरिता सिंह, अश्विनी, विशाल, राजेश, संजय, सूर्य प्रकाश, शिवराज, दीपमाला इत्यादि उपस्थित रहे।
जल जीवन मिशन से बदल गई प्यारेलाल की दुनिया, अब हर घर तक पहुंचा स्वच्छ जल
एमसीबी 11 अगस्त 2025/
जिले की लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अंतर्गत संचालित जल जीवन मिशन ने ग्राम पंचायत गढ़वार, विकासखंड भरतपुर, जिला मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर के ग्रामीणों के जीवन में अभूतपूर्व बदलाव लाया है। यह योजना केवल जल आपूर्ति की सुविधा नहीं, बल्कि ग्रामीण जीवन में खुशहाली और स्वास्थ्य का नया अध्याय साबित हो रही है।
पहले पानी के लिए करना पड़ता था लंबी जद्दोजहद
ग्राम गढ़वार के निवासी प्यारेलाल बताते हैं कि पहले स्वच्छ और सुरक्षित पानी के लिए उन्हें प्रतिदिन लंबी दूरी तय कर कुएं या तालाब से पानी लाना पड़ता था। यह न केवल समय और श्रम की बर्बादी थी, बल्कि असुरक्षित पानी से बीमारियों का खतरा भी बना रहता था। गर्मी के मौसम में स्थिति और भी गंभीर हो जाती थी, जिससे गांव के लोगों को काफी परेशानी होती थी।
हर घर नल से जल योजना बनी बदलाव की नींव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में लागू “हर घर नल से जल” योजना ने इन समस्याओं का स्थायी समाधान प्रदान किया है। अब हर घर में पाइपलाइन के माध्यम से शुद्ध, सुरक्षित और पर्याप्त मात्रा में पेयजल उपलब्ध है। नल से साफ पानी मिलने से ग्रामीणों में संतोष और प्रसन्नता का माहौल है।
महिलाओं और बच्चों के जीवन में आई बड़ी राहत
प्यारेलाल का कहना है कि इस योजना से महिलाओं और बच्चों को सबसे अधिक लाभ हुआ है। पहले महिलाएं और बच्चे घंटों पानी ढोने में लगाते थे, जिससे पढ़ाई और अन्य कार्य प्रभावित होते थे। अब बच्चे नियमित रूप से स्कूल जा रहे हैं और महिलाएं परिवार की आय बढ़ाने वाले कार्यों में समय दे पा रही हैं। स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में भी उल्लेखनीय कमी आई है, जिससे परिवार का खर्च घटा है। अब गांव के लोग इस परिवर्तन के लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहते हैं कि जल जीवन मिशन ने उनके गांव के भविष्य को नई दिशा दी है। यह योजना स्वच्छ जल, स्वस्थ जीवन और खुशहाल समाज की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगी।
हर घर तिरंगा अभियान: छात्रों ने निकाली तिरंगा रैली
एमसीबी । 79 वें स्वतंत्रता दिवस पर 'हर घर तिरंगा' कार्यक्रम का आयोजन 2 से 15 अगस्त, तक तीन चरणों में (प्रथम चरण 02 से 08 अगस्त, द्वितीय चरण 09 से 12 अगस्त, तृतीय चरण 13 से 15 अगस्त) तक किया जाना है, जो “हर घर तिरंगा, हर घर स्वच्छता स्वतंत्रता का उत्सव, स्वच्छता के संग“ थीम पर आधारित होगा।
इसी तारतम्य में हर घर तिरंगा कार्यक्रम के अंतर्गत शासकीय हाई स्कूल पिपरिया में तिरंगा यात्रा निकाली गई। प्राचार्य डॉ. विनोद पांडेय ने बताया कि छात्र-छात्राओं के साथ ग्रामवासियों को इस यात्रा का उद्देश्य विस्तार से बताया गया। यह हमारे देश की शान व हमारे स्वतंत्रता का परिचायक है। यह हमारे मजबूत लोकतंत्र को बताता है, कि हम सभी भारत के लोग एक संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विश्वास और धर्म की स्वतंत्रता और अवसर की समानता प्राप्त करने के लिए है जिससे छात्र-छात्राओं के मन में राष्ट्रभक्ति की भावना विकसित हो। भारत सरकार द्वारा चरणबद्ध दिए गए गतिविधियों जैसे समस्त शासकीय भवनों एवं संस्थानों आवासीय भवनों में तिरंगा लाईटिंग, रंगोली, सेल्फी जोन एवं तिरंगा फहराना एवं पैम्पलेट, बैनर, स्टैण्डज़ आदि के माध्यम से “हर घर तिरंगा, हर घर स्वच्छता : स्वतंत्रता का उत्सव, स्वच्छता के संग“ कार्यक्रम को सफल बनाने स्थानीय भाषाओं में प्रमुखता से प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं। रैली कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने विभिन्न प्रकार के नारे लगाते हुए ग्राम के प्रमुख चौराहे पर एकत्रित हुए, रैली में प्रमुख रूप से उषा किरण सिंह, जरीना परवीन, अबुल कमर, शर्मिष्ठा दत्ता, कदम कुंवर प्रधान पाठक एवं संगीता तिवारी, गौरी शंकर सिंह व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
अब बकाया ऋण नहीं चुकाने पर होगी कुर्की, जमानतदार भी होंगे उत्तरदायी
एमसीबी । जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति मर्यादित एमसीबी द्वारा संचालित राष्ट्रीय निगमों की योजनाओं के अंतर्गत अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक वर्ग एवं सफाई कामगार वर्ग के हितग्राहियों को ट्रेक्टर-ट्रॉली, जीप-टैक्सी, पैसेन्जर वाहन, गुड्स कैरियर, स्वावलंबन दुकान सहित अन्य स्वरोजगार के लिए 30,000 से 5,00,000 लाख तक का ऋण मात्र 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर प्रदान किया गया है ।
समिति द्वारा बताया गया है कि ऋण वसूली के लिए कार्यालय से कई बार पत्राचार कर व्यक्तिगत रूप से हितग्राहियों के निवास तक सूचना भेजी गई, लेकिन कई ऋण धारकों द्वारा जानबूझकर ऋण अदायगी में रुचि नहीं दिखाई गई है। ऐसे सभी बकायेदारों को अंतिम चेतावनी देते हुए सूचित किया जाता है कि यदि वे शीघ्र ही ऋण की बकाया राशि जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति मर्यादित, एमसीबी के कलेक्ट्रेट परिसर स्थित द्वितीय तल, कक्ष क्रमांक 20 में जमा नहीं करते हैं, तो उनके विरुद्ध भू-राजस्व की भांति कुर्की की कठोर कार्रवाई की जाएगी।
यह कार्रवाई ऋणधारक के साथ-साथ उनके द्वारा नामांकित जमानतदार के विरुद्ध भी समान रूप से कार्यवाही की जाएगी, जिसके लिए दोनों उत्तरदायी होंगे, वहीं समिति ने सभी ऋण धारकों से अपील की है कि वे ऐसी स्थिति से बचने के लिए तुरंत बकाया ऋण राशि जमा करें और शासन की कल्याणकारी योजनाओं को सफल बनाने में सहयोग दें ।
खाद्य-औषधि प्रशासन विभाग कर रहा मिष्ठान दुकानों की जांच
एमसीबी। रक्षाबंधन का त्यौहार आ रहा है। बाजार की मिठाई दुकानों पर मिलावटी खोआ व दूध की बनी हुई मिठाई बिक रही हैं। साथ ही अंचल में भी मिलावटी व सिंथेटिक दूध से मावा व पनीर बनाने का काम तेज हो गया है। स्थानीय खाद्य सुरक्षा विभाग ने कार्रवाई शुरू की है और सैंपल ले रहा है।
उल्लेखनीय है कि त्योहारी सीजन पर मिलावटी दूध तैयार करने व मिलावटी दूध से खोआ व अन्य खाद्य पदार्थों को तैयार करने का काम तेजी से शुरू हो जाता है, और अन्य दिनों की तुलना में मिलावटी खाद्य पदार्थ अधिक बनाए जाते हैं। इसलिए विभाग ने त्यौहार पर मिलावटी चीजों पर अंकुश लगाने के लिए अभियान शुरू किया है।
राज्य शासन एवं दीपक कुमार अग्रवाल (आई.ए.एस.) नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन, छत्त्तीसगढ़ के निर्देशानुसार वर्षा ऋतु को दृष्टिगत रखते हुए खाद्य जनित बीमारियों, संक्रमण की रोकथाम एवं जन-सामान्य को सुरक्षित खाद्य उपलब्ध कराए जाने हेतु विभाग प्रतिबद्ध है। स्ट्रीट फूड वेंडर्स, हैण्डलर, खाद्य सेवा प्रदायकर्ताओं से विशेषकर वर्षा ऋतु के दौरान खाद्य पदार्थों के सुरक्षित हैंडलिंग, खाद्य पदार्थ की स्वच्छता, व्यक्तिगत स्वच्छता, ताजे एवं स्वच्छ भोजन जन-सामान्य को परोसे जाने की अपेक्षा की जाती है। उक्त निर्देश के परिपालन में 4 से 6 अगस्त 2तक ‘‘बने खाबो-बने रहिबो‘‘अभियान के तहत व्यापक तौर पर राज्य के संपूर्ण जिले के साथ जिला एमसीबी में भी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा स्ट्रीट फूड वेंडर्स एवं खाद्य बनाकर परोसने वाले संस्थानों, रेस्टोरेंटों एवं मिठाई दुकानों का सघन जांच एवं निरीक्षण किया जाएगा। मौके पर उपभोक्ताओं को सुरक्षित खाद्य के बारे में जानकारी दी जाएगी।
इस तारतम्य में जिले के मे. राहुल मिष्ठान भण्डार, झगराखण्ड से खोया, मे. हजारी होटल, गांधी चौक, मनेन्द्रगढ़ सेपेड़ा एवं काजू कतली, मे. होरीलाल सुरेष चन्द्र मिष्ठान भण्डार, गांधी चौक, मनेन्द्रगढ़ से मगज लड्डू, मे. शुभम स्वीट्स, मनेन्द्रगढ़ से नारियल लड्डू और मे. जैन खोवा भण्डार, मनेन्द्रगढ़ से खोवा का नमूना संकलित कर परीक्षण/विश्लेषण हेतु राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला कालीबाड़ी रायपुर भेजा गया है। राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला कालीबाड़ी रायपुर से परीक्षण/विश्लेषण रिपोर्ट प्राप्त होने पर खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 नियम 2011 के प्रावधानों के अन्तर्गत कार्यवाही की जावेगी। साथ ही साथ छोटे खाद्य विक्रेताओं जैसे चाट फुल्की ठेला, मोमोज ठेला, चाउमीन ठेला इनको खाद्य सुरक्षा के नियमों से अवगत कराकर जागरूक किया जा रहा है। इनके द्वारा विक्रय किये जा रहे खाद्य सामग्रियों का चलित खाद्य प्रयोगशाला के माध्यम से मौके पर ही 52 खाद्य सामग्री की जांच कर उसके रिपोर्ट मानक एवं अवमानक की जानकारी दी गई है।
अपर कलेक्टर ने सुनी आमजनों की समस्याएं, निराकरण के दिए निर्देश
एमसीबी । कलेक्टर डी. राहुल वेंकट के निर्देशन में अपर कलेक्टर अनिल कुमार सिदार ने आज कलेक्ट्रेट कार्यालय में जनदर्शन के माध्यम से आम नागरिकों की समस्याओं को सुना। जिले के ग्रामीण जन और नागरिकों ने जनदर्शन में अपनी छोटी-बड़ी समस्याओं को सीधे अपर कलेक्टर के समक्ष रखा। अपर कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को प्राप्त सभी आवेदनों को प्राथमिकता के साथ शीघ्रता से समय-सीमा में निराकरण करने के निर्देश दिए हैं।
जनदर्शन में कुल 19 आवेदन प्राप्त हुए। इस जनदर्शन में आवेदक तारा देवी निवासी नागपुर, नागपुर में बस स्टॉप पर गुण्डागर्दी एवं जबरन वसूली की शिकायत के संबंध में, अंजना श्रीवास निवासी बरौता , समस्त पालकगण निवासी डिहुली शिक्षक की कमी के संबंध में, मोहम्मद हबीब खान निवासी जनकपुर पार्षदों द्वारा दिये गये शिकायत के संबंध में, रघुनाथ पोद्दार निवासी मनेन्द्रगढ़ भूमि के संबंध में, कृष्ण कुमार कश्यप निवासी झगराखाण्ड़ मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा नसबंदी ऑपरेशन असफल होने एवं प्रोत्साहन राशि के संबंध में, उजित नारायण सिंह निवासी रामगढ़ अतिक्रमण हटाने के संबंध में, फूलमनी निवासी सेंधा सीमांकन न करने के संबंध में, विकास सरकार निवासी गिद्धडांड नक्शा खसरा के संबंध में, समस्त ग्रामवासी निवासी डांडहसवाही पिछले कई वर्षाे से दिए जा रहे आवेदन का सुनवाई न होने के संबंध में, कुबेर सिंह निवासी डांडहसवाही सचिव का स्थानांतरण किए जाने के संबंध में, अजय कुुमार खोंगापानी नया पोल लगवाने के संबंध में, सत्या, सरिता, माया निवासी पेन्ड्री स्थगन आदेश को हटाने के संबंध में, मुकेश कुमार रौतिया निवासी खोंगापानी बिजली पोल क्षतिग्रस्त हो जाने के सूचना के संबंध में, कमला पाव निवासी सिरौली जाति प्रमाण पत्र फार्म पर पटवारी का हस्ताक्षर करवाने के संबंध में, मनीष सिंह निवासी खोंगापानी जल कनेक्शन उपलब्ध न होने के संबंध में एवं बीपीएल तथा एपीएल राशन कार्ड नहीं बनाने के कारण आम जनता को हो रही असुविधा के संबंध में, जगजीवन सिंह निवासी दुधांसी भूमि के संबंध में, सरपंच निवासी चैनपुर भूमि के संबंध में, अपनी शिकायत लेकर उपस्थित हुए थे। अपर कलेक्टर ने प्राप्त सभी आवेदनों को पूरी गंभीरता से सुनते हुए संबंधित विभागों को उचित कार्यवाही करते हुए त्वरित निराकरण करने के निर्देश दिए।
ग्राम सिरियाखोह के शालाओं-आँगनबाड़ी केन्द्र में स्वच्छ जल की आपूर्ति शुरू
एमसीबी। जिले के मनेन्द्रगढ़ विकासखंड अंतर्गत ग्राम सिरियाखोह में जल जीवन मिशन के तहत शुद्ध पेयजल आपूर्ति की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के प्रयासों से ग्राम के शासकीय प्राथमिक शाला, उन्नयन पूर्व माध्यमिक शाला और आँगनबाड़ी केन्द्र में एफएचटीसी (Functional Household Tap Connection) के माध्यम से सुरक्षित नल जल की आपूर्ति प्रारंभ कर दी गई है। इस नवाचार से अब स्कूलों और आँगनबाड़ी केन्द्रों में अध्ययनरत बच्चों तथा कार्यरत शिक्षकों और सहायिकाओं को परिसर के भीतर ही स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल सुलभ हो रहा है, जिससे उन्हें पानी की आवश्यकता के लिए परिसर से बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
इस पहल से बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार के साथ ही जलजनित बीमारियों की रोकथाम में मदद मिलेगी। स्वच्छ जल की सहज उपलब्धता से स्कूलों और आँगनबाड़ी में अध्ययन व पोषण सेवाओं की गुणवत्ता में भी बढ़ोत्तरी होगी। यह सुविधा विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों के उन स्कूलों व केन्द्रों के लिए अत्यंत लाभकारी है जहां अब तक जल आपूर्ति की सुविधा सीमित थी या पूरी तरह अनुपलब्ध थी। अब बच्चों को स्वच्छ जल पीने के साथ ही हाथ धोने, खाना पकाने और साफ-सफाई के लिए भी समुचित जल उपलब्ध हो पाएगा, जिससे स्वच्छता व्यवहार में सुधार होगा और बाल स्वास्थ्य संकेतकों में भी बेहतर परिणाम देखने को मिलेंगे। जल जीवन मिशन की यह उपलब्धि ग्रामीण क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं की सुनिश्चितता की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही है। ग्राम सिरियाखोह की इस पहल को मॉडल के रूप में देखा जा रहा है जिसे जिले के अन्य ग्रामों में भी लागू करने की तैयारी है। स्वच्छ पेयजल का अधिकार अब गांव के बच्चों को भी मिल रहा है और यह पहल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘हर घर जल’ अभियान को जमीनी स्तर पर साकार कर रही है।
पीएम किसान सम्मान निधि : मनेन्द्रगढ़ के 28 हजार किसानों को मिला लाभ
एमसीबी। जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत किसानों को 20वीं किस्त की राशि का अंतरण 2 अगस्त को प्रातः 11 बजे प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी, उत्तर प्रदेश से वेबकास्ट के माध्यम से किया गया। यह राशि डीबीटी प्रणाली के अंतर्गत सीधे पात्र किसानों के बैंक खातों में अंतरित की गई।
इस अवसर पर जिले में जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन उप संचालक कृषि इन्द्रासन सिंह पैकरा के मार्गदर्शन में कार्यालय वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी के सभागार में किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती सुखमंती सिंह सभापति कृषि स्थायी समिति जिला पंचायत, रामजीत लकड़ा जिला पंचायत सदस्य तथा रविशंकर वैश्य सभापति कृषि स्थायी समिति जनपद पंचायत मनेंद्रगढ़ उपस्थित रहे।
श्रीमती सुखमंती सिंह ने अपने संबोधन में किसानों को राष्ट्र की रीढ़ बताते हुए उन्हें पालनहार का दर्जा प्रदान किया और कहा कि शासन की विभिन्न किसान हितैषी योजनाओं का लाभ प्रत्येक कृषक तक समय पर पहुंचे, यह हम सबकी प्राथमिकता होनी चाहिए। उप संचालक कृषि पैकरा ने जानकारी दी कि जिले के कुल 28477 कृषकों को इस 20वीं किस्त के रूप में 5 करोड़ 89 लाख रुपये की राशि अंतरित की गई है। साथ ही उन्होंने अपील की कि कोई भी पात्र किसान इस योजना के लाभ से वंचित न रहे, इसके लिए सभी कृषक समय पर एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीयन कराएं और अनिवार्य रूप से ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूर्ण करें। जिले के कई लाभान्वित किसानों ने इस योजना से प्राप्त राशि को खेती के कार्यों में उपयोगी बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया और योजना को किसानों के लिए संजीवनी बताया। कार्यक्रम में कृषि विभाग के उप संचालक, अनुविभागीय कृषि अधिकारी, सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी सहित विभागीय अधिकारी-कर्मचारी और जिले के अनेक कृषक उपस्थित रहे।
जिले में खरीफ सीजन के लिए उर्वरक की हो रही पर्याप्त आपूर्ति
एमसीबी । जिले में खरीफ सीजन प्रारंभ होते ही कृषकों द्वारा खाद एवं बीज की मांग की जा रही है। जिसकी आपूर्ति हेतु जिले की सहकारी समितियों में खाद बीज का पर्याप्त भण्डारण है।
जिले में यूरिया की उपलब्धता 3081.90 मि.टन, डीएपी की उपलब्धता 721.55 मि.टन, एनपीके की उपलब्धता 1459.20 मि.टन, एसएसपी की उपलब्धता 349.35 मि. टन, पोटाश की उपलब्धता 234.95 मि.टन है। जिसके विरुद्ध सहकारी समितियों में अब तक यूरिया का भण्डारण 2094.56 मि.टन, डीएपी का भण्डारण 616.55 मि.टन, एनपीके का भण्डारण 1368.10 मि.टन, एसएसपी 325.35 मि.टन, पोटाश 156.85 मि.टन इस प्रकार समस्त उर्वरकों का भण्डारण 4702.52 मि.टन हुआ है। अब तक जिले के कृषकों द्वारा यूरिया 2013. 56 मि.टन.. डीएपी 491.20 मि.टन, एनपीके 1312.25 मि.टन, एसएसपी 190.35 मि.टन एवं पोटाश 120.7525 मि.टन कुल 4128.11 मि.टन, उर्वरक का उठाव किया गया है।
कृषक की मांग को ध्यान में रखते हुए सहकारी समितियों में नियमित रूप से उर्वरक का भण्डारण किया जा रहा है। इसके साथ ही जिले में डीएपी की कमी को पूरा करने के लिए नैनो डीएपी 804 लीटर का भण्डारण किया गया है तथा अब तक 114 लीटर नैनो डीएपी का वितरण कृषको को किया जा चुका है।
जिले की प्रमख सहकारी समितियों जैसे चैनपुर, बरबसपुर, केल्हारी, जनकपुर, खड़गवां एवं कोड़ा व विकासखण्ड की अन्य समितियों में उर्वरक की उपलब्धता बनी हुई है। कृषि विभाग द्वारा यह सुनिश्चित किया गया है कि किसी भी किसान को खाद की कमी न हो। उर्वरक के उठाव होने के साथ साथ भण्डारण की कार्यवाही भी की जा रही है। आने वाले समय में उर्वरक की कमी नहीं होगी।
लंबित पेंशन प्रकरणों के त्वरित निराकरण के लिए कलेक्टर ने दिया निर्देश
एमसीबी। जिले की साप्ताहिक समय-सीमा समीक्षा बैठक आज कलेक्टर डी. राहुल वेंकट की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित हुई।
बैठक में पेंशन से संबंधित लंबित मामलों को शीघ्र निराकृत करने पर विशेष जोर दिया गया। कलेक्टर ने सभी आहरण संवितरण अधिकारियों (DDOs) को निर्देशित किया कि लंबित पेंशन प्रकरण, आपत्ति पश्चात् ऑनलाइन लौटाए गए केस, और EWR/ERM मामलों का प्राथमिकता से त्वरित निराकरण सुनिश्चित किया जाए।
साथ ही जुलाई - अगस्त 2025 के दौरान सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के पेंशन प्रस्ताव तैयार कर समय पर संयुक्त संचालक, कोष, लेखा एवं पेंशन, अंबिकापुर कार्यालय को भेजने के निर्देश दिए गए।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि GPF प्राधिकार पत्र प्राप्त कर्मचारियों के लंबित भुगतान प्रकरणों को शीघ्र कोषालय में प्रस्तुत किया जाए, और यदि किसी पेंशन प्रकरण में तकनीकी अथवा दस्तावेज़ संबंधी समस्या हो, तो पेंशन प्रभारी को कोषालय भेजकर तत्काल समाधान कराया जाए।
बैठक में उपस्थित राज्य कर विभाग के सहायक आयुक्त सुरेन्द्र पटेल ने विभागीय अधिकारियों को जीएसटी देयकों एवं मासिक रिटर्न से संबंधित जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि GST देयक समय पर तैयार कर रिटर्न फाइल करना अनिवार्य है, अन्यथा विलंब की स्थिति में संबंधित आहरण संवितरण अधिकारियों को पेनाल्टी चार्ज भुगतना पड़ सकता है। बैठक में समस्त विभाग प्रमुख, जनपद पंचायतों के सीईओ, नगर निकायों के सीएमओ एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
जीएसटी, टीडीएस की प्रक्रिया और दंड प्रावधानों पर कलेक्टर ने दी जानकारी
एमसीबी । जिले की साप्ताहिक समय-सीमा की समीक्षा बैठक आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कलेक्टर डी. राहुल वेंकट की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।
बैठक में अपर कलेक्टर विनायक शर्मा तथा जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती अंकिता सोम शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहीं।
बैठक में सभी विभाग प्रमुखों, जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, तहसीलदारों तथा नगर निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों सहित जिला स्तरीय अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में बीते सप्ताह दिए गए निर्देशों की प्रगति की गहन समीक्षा की गई एवं आगामी सप्ताह की प्राथमिकता वाले कार्यों और योजनाओं पर विस्तृत चर्चा हुई।
कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को विकास कार्यों को तय समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए एवं लंबित प्रकरणों का प्राथमिकता से निराकरण करने पर बल दिया। उन्होंने विभिन्न विभागों के पुराने और नए कार्यों की बिंदुवार समीक्षा करते हुए अधिकारियों को कार्यक्षमता बढ़ाने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
बैठक में पीएमजीएसवाई, सीएम जनदर्शन एवं पीएम पोर्टल्स में दर्ज शिकायतों की स्थिति की भी समीक्षा की गई एवं जनहित से जुड़ी समस्याओं के त्वरित समाधान के निर्देश दिए गए। उन्होंने समस्त जिला अधिकारियों को शासन के मंशानुरूप प्रत्येक कार्यालय में ई-ऑफिस कार्यों का क्रियान्वयन किया जाना है।
उन्होंने समस्त विभागीय अधिकारियों को अपना ई-ऑफिस आईडी बनाने तथा आईडी ई-ऑफिस के माध्यम से समस्त विभागीय पत्रों का संधारण करना अनिवार्य है। इसे सभी प्राथमिकता से सभी को कराने के निर्देश दिये।
कलेक्टर ने कहा कि आम जनता की शिकायतों का संतोषजनक निराकरण प्रशासन की प्राथमिकता है। सीएम जनदर्शन और पीएम पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों की मॉनिटरिंग निरंतर करनी है, और संबंधित विभागीय अधिकारी जिम्मेदारी पूर्वक कार्य करते हुए जवाबदेही सुनिश्चित करें।
बैठक के दौरान कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला अधिकारियों को सहायक आयुक्त जीएसटी राजेन्द्र पटेल, सहायक आयुक्त मार्को तथा सी.ए. आकाश अग्रवाल ने संयुक्त रूप से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के अंतर्गत स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) की प्रक्रिया, नियम और दंड प्रावधानों की जानकारी भी दी। उन्होंने बताया कि वाणिज्यिक कर विभाग के अंतर्गत कार्यरत सहायक आयुक्त राज्य कर, कोरिया सर्कल मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर द्वारा समस्त विभागों को विस्तृत मार्गदर्शन प्रदान किया गया है।
जीएसटी एक अप्रत्यक्ष कर है जो वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाता है, यह गंतव्य आधारित कर है और मानव उपभोग के लिए अल्कोहलिक शराब तथा पांच पेट्रोलियम उत्पादों को छोड़कर शेष सभी वस्तुओं एवं सेवाओं पर लागू होता है। यह अधिनियम पूर्व में लागू केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर, वैट, सीएसटी, मनोरंजन कर, विलासिता कर एवं प्रवेश कर जैसे अनेक करों का स्थान ले चुका है।
उन्होंने बताया कि टीडीएस तभी काटा जाता है जब कर योग्य आपूर्ति 2,50,000 रुपए से अधिक की हो। CGST और SGST अधिनियम की धारा 51 के तहत केंद्र व राज्य सरकारों, स्थानीय निकायों, सरकारी एजेंसियों एवं सार्वजनिक उपक्रमों को स्रोत पर कर कटौती अनिवार्य है। टीडीएस केवल कर-मुक्त मूल्य पर लागू होता है, और इंट्रा-स्टेट आपूर्ति में 1% CGST व 1% SGST तथा इंटर-स्टेट आपूर्ति में 2% IGST की दर से लागू होता है। ग्राम पंचायतों द्वारा किए गए प्रत्येक निर्माण कार्यों से पूर्व भी टीडीएस की कटौती आवश्यक है। कलेक्टर ने यह भी स्पष्ट किया कि काटी गई राशि उस महीने की समाप्ति के 10 दिनों के भीतर संबंधित सरकार को जमा करना अनिवार्य है और जीएसटीआर-7 रिटर्न उसी माह की 10 तारीख तक दाखिल करना आवश्यक है। साथ ही जीएसटीआर-7ए प्रमाण पत्र 5 दिनों के भीतर आपूर्तिकर्ता को जारी करना होगा, जिसमें अनुबंध मूल्य, कर दर, कटौती की गई राशि तथा भुगतान विवरण शामिल होता है।
डिडक्टी (जिससे कर कटा है) अपने इलेक्ट्रॉनिक कैश लेजर में यह राशि देख सकता है और इसका लाभ अपने आगामी कर भुगतान में ले सकता है। यदि गलती से अधिक कटौती की गई है तो अधिनियम के अनुसार रिफंड की व्यवस्था भी उपलब्ध है। टीडीएस पंजीकरण के लिए वैध पैन या टैन, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, पासपोर्ट साइज फोटो, पता प्रमाण, डीएससी/आधार अथवा ईवीसी और अधिकृत हस्ताक्षरी की फोटो अनिवार्य है। जीएसटी भुगतान हेतु ऑनलाइन विकल्प जैसे डेबिट/क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग, एनईएफटी, आरटीजीएस तथा काउंटर भुगतान की सुविधाएं उपलब्ध हैं। यदि कोई संस्था निर्धारित समय सीमा में पंजीकरण नहीं कराती या टीडीएस की कटौती एवं जमा नहीं करती, तो 10,000 रुपए या कटौती की गई/गैर-कटौती की राशि के बराबर जो अधिक हो, वह जुर्माना देय होगा। प्रमाण पत्र समय पर जारी न करने पर 100 रुपए प्रतिदिन की दर से अधिकतम 5,000 रुपए तक विलंब शुल्क और जमा नहीं करने पर 18% वार्षिक दर से ब्याज देना होगा।
कलेक्टर डी. राहुल वेंकट ने अंत में सभी अधिकारियों से समन्वय के साथ कार्य करने और शासन की योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए संवेदनशीलता व प्रतिबद्धता के साथ प्रयास करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि शासन की मंशा के अनुरूप जनहित सर्वोपरि है और प्रत्येक अधिकारी की जवाबदेही इसके प्रति स्पष्ट होनी चाहिए।
इस बैठक में समस्त एसडीएम सहित सभी तहसीलदार, जनपद पंचायतों के सीईओ, नगर निकायों के सीएमओ और विभागीय अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।