छत्तीसगढ़ / कांकेर

शिक्षा गुणवत्ता हेतु विद्यालय स्तर पर माइक्रो प्लानिंग करने के निर्देश

 कांकेर । शासन के निर्देशानुसार युक्तियुक्तकरण के माध्यम से ऐसे विद्यालय जहां शिक्षक नहीं थे अर्थात एकल शिक्षक व शिक्षक विहीन विद्यालयों में शत प्रतिशत शिक्षकों की व्यवस्था किया गया है। जिन विद्यालयों में शिक्षक नहीं है वहां पर डीएमएफ मद से अतिथि शिक्षक की व्यवस्था की जा रही है। 

शासन की ओर से जिले के समस्त शासकीय विद्यालयों में मेगा पालक शिक्षक सम्मेलन आयोजित कर सीधे स्थानीय गणमान्य नागरिकों, जनप्रतिनिधियों, शिक्षाविदों को शैक्षणिक गुणवत्ता से अवगत कराया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी ने उत्कृष्ट विद्यालय नरहरदेव के सभा कक्ष में विकासखंड कांकेर, नरहरपुर, चारामा के सभी प्राचार्य, संकुल समन्वयक, विकासखंड शिक्षा अधिकारी, एवं जिला स्तर के अधिकारियों की दो चरणों में बैठक लिया।

बैठक में उनके द्वारा शिक्षा गुणवत्ता में सुधार हेतु विद्यालय स्तर पर माइक्रो प्लानिंग कर मूर्तरूप देने हेतु निर्देशित किया गया। उन्होंने नवीन शैक्षणिक सत्र में एक भी छात्र शिक्षा से वंचित ना हो इसके लिए सामूहिक प्रयास करने पर बल दिया। उनके द्वारा प्रत्येक विद्यालयों के मूलभूत आवश्यकताओं की जानकारी ली गई तथा व्यवस्था में आवश्यक सुधार करने हेतु कहा गया। प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तर पर भी कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिये गये। उन्होंने माह अगस्त में ही विषय विशेषज्ञों की बैठक आहूत करने, प्रत्येक माह मासिक टेस्ट का आयोजन व मूल्यांकन करने, विद्यालय के विषय विशेषज्ञों के साथ समन्वय बनाकर समय सीमा में कार्य सम्पन्न करने उन्होने निर्देशित करने हुए कहा कि हर हाल में माह दिसम्बर तक बोर्ड कक्षाओं के कोर्स पूर्ण हो जाना चाहिए। 

त्रैमासिक एवं छमाही व प्री-बोर्ड की परीक्षा जिला स्तर से की जावेगी। बोर्ड कक्षा के पाठ्यक्रम माह दिसम्बर के पूर्व ही तैयारी करने, माह सितम्बर से ही एनएमएमएससी, जेएनवी, जेईई एवं नीट, एनडीए की अतिरिक्त कक्षाओं का संचालन करने के निर्देश दिये गये तथा विद्यालय स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त करने के लिए कहा गया। जिला शिक्षा अधिकारी ने संकुल प्राचार्यों से अपने अधीनस्थ प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों के मॉनिटरिंग करने तथा गणवेश पाठ्यपुस्तकों की उपलब्धता, भवन की स्थिति और महत्वपूर्ण शिक्षकों की समय पर उपस्थिति पर बल दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में कोई भी शिक्षक यदि विद्यालय नहीं पहुंचता है तो उसपर अनुशासनात्मक कार्यवाही किया जावे। नवीन शैक्षणिक सत्र में प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा के शिक्षा गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाय।

 

 

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