छत्तीसगढ़ / गरियाबंद

गणपति बप्पा मोरया – अगले बरस तू जल्दी आ…गरियाबंद में गूँजा गणेशोत्सव का उल्लास, भक्ति और भाईचारे के बीच संपन्न हुआ गणेश विसर्जन

 राधेश्याम सोनवानी,रितेश यादव


गरियाबंद, 2025।

आस्था, उमंग और श्रद्धा के रंगों में रंगा गरियाबंद नगर शनिवार को विघ्नहर्ता गणपति बप्पा की विदाई का साक्षी बना। सुबह से ही पूरे नगर का माहौल भक्ति-मय हो उठा। ढोल–ताशों की थाप, जयकारों की गूंज और गुलाल की बौछार के बीच जब गणपति प्रतिमाएँ शोभायात्रा के साथ छिंद तालाब की ओर बढ़ीं, तो मानो पूरा नगर एक विशाल मंदिर बन गया हो।

भव्य शोभायात्रा – नृत्य, संगीत और उत्साह

विसर्जन यात्रा में बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी गणपति भक्ति में झूमते–नाचते नजर आए। कहीं समूह नृत्य हो रहा था, तो कहीं महिलाएँ पारंपरिक गीत गाते हुए बप्पा की आरती उतार रही थीं। श्रद्धालुओं के चेहरों पर बप्पा को विदाई देने की भावुकता भी साफ झलक रही थी। “गणपति बप्पा मोरया… अगले बरस तू जल्दी आ” की ध्वनि से नगर की गलियाँ गूंज उठीं

प्रशासन द्वारा तय रूट से निकलती प्रतिमाएँ तिरंगा चौक, मस्जिदपारा, मेन रोड और पुराने बाजार से होती हुई छिंद तालाब पहुँचीं। घाट पर पहुंचते ही भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। श्रद्धालुओं ने एक–एक कर अपने आराध्य को स्नान कराते हुए तालाब में विसर्जित किया

53 वर्षों की परंपरा – सिन्हा परिवार की विशेष गणेश स्थापना

पुराना मंगल बाज़ार स्थित सिन्हा परिवार के घर इस बार भी गणपति स्थापना विशेष आकर्षण का केंद्र रही। यहाँ गणेशोत्सव का यह 53वाँ वर्ष था। 52 साल पहले बुजुर्गों द्वारा शुरू की गई यह परंपरा आज भी पूरे विधि-विधान और भक्ति के साथ निभाई जाती है।

धरमीन बाई सिन्हा, बुद्धि देवी सिन्हा, लक्ष्मी सिन्हा, रेणुका सिन्हा, भारती सिन्हा, किरन सिन्हा रचना केला, मोनिका सिन्हा और लीना वंदना ने गणपति बप्पा की आरती करते हुए विशेष मंत्रों से विदाई दी।

पूरे 11 दिनों तक यहाँ प्रतिदिन मोदक का प्रसाद वितरण, दूधिया एवं रनिंग लाइट से सजावट और सामूहिक आरती का आयोजन किया गया। आसपास के लोग भी परिवार के साथ इस उत्सव में शामिल होते रहे।

धार्मिकता और सामाजिकता का संगम

नगर में स्थापित दर्जन भर से अधिक गणपति पंडालों में हवन, पूजा और भंडारा का आयोजन किया गया। श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण कर भक्ति और संतोष का अनुभव किया। कई जगह युवा मंडल और सामाजिक संस्थाओं ने भी शोभायात्रा में सांस्कृतिक झाँकियाँ प्रस्तुत कीं, जिनमें बाल गणेश की लीलाएँ और विघ्नहर्ता की कथाएँ विशेष आकर्षण का केंद्र रहीं।

सुरक्षा और व्यवस्था – प्रशासन की सराहनीय भूमिका

पर्व की भव्यता को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने भी पूरी तैयारी कर रखी थी। गरियाबंद थाना प्रभारी ओम प्रकाश यादव ने खुद कमान संभाली। उन्होंने बताया कि इस सप्ताह दो बड़े पर्व – ईद मिलादुन्नबी और गणेश विसर्जन – एक साथ होने के बावजूद नगर में भाईचारा और शांति का माहौल रहा। उन्होंने लोगों से कहा –“किसी भी स्थिति में असुविधा होने पर पुलिस आपकी सेवा में तत्पर है। हमारी टीम पूरे गरियाबंद नगर में चौक-चौराहों से लेकर छिंद तालाब तक मुस्तैद रही।”

नगर पालिका की सेवा भावना

नगर पालिका की टीम ने श्रद्धालुओं की मदद और साफ-सफाई की जिम्मेदारी उठाई। नपा अधिकारी अश्वनी वर्मा ने बताया कि अब तक 10 से अधिक प्रतिमाएँ विसर्जित हो चुकी थीं और बाक़ी की प्रक्रिया जारी है।
उन्होंने कहा – हमारा विशेष ध्यान इस बात पर है कि पूजा सामग्री और हवन की अवशेष वस्तुएँ सीधे तालाब में न जाएं। इन्हें नदी में अर्पित किया जाएगा ताकि छिंद तालाब की स्वच्छता बनी रहे।”. 

पुलिस विभाग, गोताखोर दल एवं नगर पालिका की संयुक्त ड्यूटी

आज छिन्न तालाब, गरियाबंद में गणेश विसर्जन का शुभ अवसर बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। कार्यक्रम को सुरक्षित एवं सुव्यवस्थित ढंग से सम्पन्न कराने हेतु पुलिस विभाग, गोताखोर दल और नगर पालिका के सदस्य मिलकर पूरी निष्ठा से अपनी सेवाएँ दे रहे हैं।

इस अवसर पर उपस्थित रहे –

पुलिस विभाग से
* प्रधान आरक्षक भेखराम गायकवाड़
* महिला प्रधान आरक्षक नीलकुसुम खलखो
* आरक्षक कुंदन जगने
* आरक्षक कृष्ण भूषण सिंह
* आरक्षक संतोष यादव
* महिला आरक्षक दिव्या सिन्हा
* महिला सैनिक त्रिवेणी दीवान

गोताखोर दल से
* सैनिक नारायण सिंह
* सैनिक लक्ष्मीचंद कौशिक

नगर पालिका दल से
गणेश चक्रधारी
* अजय ध्रुव
* लोखनाथ साहू
* कौशल गोपी

सभी पुलिसकर्मी, गोताखोर सैनिक एवं नगर पालिका दल के सदस्य अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि गणेश विसर्जन का कार्यक्रम शांतिपूर्ण, सुरक्षित एवं भक्तिमय वातावरण में सम्पन्न हो।

धार्मिक सद्भाव का अद्भुत संदेश

गणेश विसर्जन और ईद मिलादुन्नबी का जुलूस एक साथ निकलने के बावजूद नगर में भाईचारे की मिसाल कायम हुई। दोनों समुदायों के लोग एक-दूसरे को शुभकामनाएँ देते नजर आए।
इस संगम ने यह संदेश दिया कि भारत की असली ताकत उसकी गंगा-जमुनी तहजीब और धार्मिक एकता है।

समापन – भक्ति का महासागर

गणपति विसर्जन के दौरान छिंद तालाब का हर कोना भक्तिरस से सराबोर हो उठा। भक्तों ने बप्पा को विदाई दी तो कई श्रद्धालु भावुक भी हो उठे।
जयकारों, आरती और गुलाल के बीच जब बप्पा तालाब की लहरों में विलीन हुए तो पूरा वातावरण यह कहते गूंज उठा –

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