छत्तीसगढ़ / गरियाबंद

17 सितम्बर से 02 अक्टूबर तक चलेगा आदि कर्मयोगी अभियान

कलेक्टर ने बैठक लेकर अभियान के सुचारू क्रियान्वयन के दिये निर्देश

गरियाबंद । मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय की पहल पर छत्तीसगढ़ में “आदि कर्मयोगी अभियान” 17 सितंबर से 2 अक्टूबर 2025 तक चलाया जाएगा। छत्तीसगढ़ सहित देशभर के अनेक राज्यों में संचालित हो रहे इस अभियान का उद्देश्य जनजातीय अंचलों में सेवा, समर्पण और सुशासन की भावना के साथ शासकीय योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना है। इस अभियान के अंतर्गत जनजातीय परिवारों को मूलभूत सुविधाओं से लाभान्वित किया जाना है। इस संबंध में कलेक्टर  बीएस उइके ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने बैठक में ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षण के उपरांत क्लस्टर एवं ग्रामीण स्तरीय प्रशिक्षण की कार्य योजना बनाकर प्रशिक्षण के कार्यो को समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आदि कर्मयोगी अभियान आदिवासी अंचलों में सुविधाओं के सेचुरेशन के लिए शासन की महत्वपूर्ण पहल है। इसके तहत लोगों को विभिन्न सुविधाओं से लाभान्वित किया जाएगा। उन्होंने प्रशिक्षण कार्यों को पूर्ण कर मूलभूत सुविधाओं से वंचित लोगों की गांववार सर्वे सूची तैयार करने के निर्देश दिए। जिसके आधार पर छुटे हुए पात्र लोगों को शासकीय योजनाओं से लाभान्वित किया जाएगा। इस दौरान बैठक में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग  नवीन भगत सहित विभागीय अधिकारीगण मौजूद रहे।

उल्लेखनीय है कि इस अभियान के अंतर्गत जिले के आदिवासी बहुल ग्रामों को शामिल किया गया है। अभियान के संचालन हेतु ग्राम स्तर पर एनजीओ, स्वयंसेवी, पंचायत प्रतिनिधि, युवा एवं सेवाभावी संगठन तैयार किए जाएंगे। ये कैडर आवास, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार जैसी बुनियादी सुविधाओं से संबंधित योजनाओं के क्रियान्वयन तथा ग्राम विकास की योजना निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। अभियान के अंतर्गत प्रशिक्षण कार्यक्रम जिला, ब्लॉक और ग्राम स्तर पर चरणबद्ध रूप से आयोजित किए जाएंगे। साथ ही ग्रामों के “ट्राइबल विलेज विजन 2030” का निर्माण भी किया जाएगा। इस दौरान शिकायत निवारण शिविर, जनजागरूकता अभियान तथा “आदिवासी सेवा दिवस” का आयोजन किया जाएगा। प्रत्येक चयनित ग्राम में “आदि सेवा केंद्र” की स्थापना की जाएगी, जो शासकीय सेवाओं की प्रदायगी और जनभागीदारी को प्रोत्साहित करने का केंद्र बनेगा। पूरे अभियान के दौरान ‘आदि सेवा केंद्र’ के माध्यम से ‘सेवा पर्व’ और ‘आदि कर्मयोगी सेवा अभियान’ का संचालन किया जाएगा।

 

 

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