छत्तीसगढ़ / राजनांदगांव

प्राचार्य ने किया अपने जन्मदिन पर समाज को पुस्तकालय भेंट एवम शिक्षकों का सम्मान


लाल बहादुर नगर: श्री धनेश सिन्हा प्राचार्य स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल छुरिया, ने अपने जन्मदिन के अवसर पर विद्यार्थियों, शिक्षकों एवम समाज के प्रबुद्धजनों के शिक्षा के सतत विकास हेतु अपने घर में स्थित पुस्तकालय को समाज सेवा हेतु निःशुल्क खोल दिया। अब कोई भी विद्यार्थी, शिक्षक, एवम आम जनता अपने जरूरत के अनुसार यहां से पुस्तकों का आदान प्रदान कर सकते हैं। सनद रहे की श्री धनेश सिन्हा प्रारंभ से ही नवाचारी शिक्षक रहे हैं। भीड़ से हटकर, लीक से हटकर काम करना इनकी आदतों में शुमार है। गत वर्ष उन्होंने शोध, अनुसंधान एवं प्रैक्टिकल कार्य हेतु मृत्यु उपरांत अपने शरीर को मेडिकल कॉलेज, भारत सरकार को दान कर दिया। इस वर्ष उन्होंने समाज को निःशुल्क पुस्तकालय का दान दिया।साथ ही साथ शिक्षा जगत में निःस्वार्थ भाव से अनवरत कार्य करनेवाले शिक्षकों का सम्मान भी किया। आकाश महिला एवं विद्यार्थी कल्याण संस्थान, लालबहादुर नगर के बैनर तले आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, भूतपूर्व विधायक श्री खेदूराम साहू, कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्री चंद्रिका प्रसाद डडसेना, विशिष्ठ अतिथि श्री भरत वर्मा, भूतपूर्व सरपंच श्री देवेन्द्र साहू, डोंगरगढ़ अंबेडकर शिक्षण समिति के अध्यक्ष श्री किशोर परमार, श्री भुनेश्वर साहू ने मिलकर पुस्तालय का उद्घाटन किया।संस्थान की ओर से संस्थान की अध्यक्ष श्रीमती पुष्पा धनेश सिन्हा एवम सचिव श्रीमती पुष्पा मुकेश सिन्हा ने आए हुए अतिथियों का संस्थान में फूल माला एवम तिलक लगाकर स्वागत किए। श्री घनश्याम वैष्णव जी ने अपने मधुर वाणी से आए हुए अतिथियों के सम्मान में अपना स्वागत भाषण दिया। श्री धनेश सिन्हा ने बताया कि  वर्तमान में इस पुस्तकालय में तीन हजार से भी अधिक पुस्तकें हैं जिसका मूल्य लाखों में है। मुख्य अतिथि श्री खेदुराम साहू जी ने कहा की पुस्तक ज्ञान प्राप्ति का साधन है जिसका अधिक से अधिक उपयोग कर हम अपने ज्ञान में वृद्धि कर सकते हैं। प्रखर वक्ता श्री चंद्रिका प्रसाद डडसेना ने अपने उद्बोधन में कहा की वर्तमान समय में लोगों का ध्यान शैक्षणिक कार्यों में अपेक्षाकृत कम हुआ है। ऐसी परिस्थितियों में यह पुस्तकालय क्षेत्र में ज्ञान पिपासुओं के लिए मिल का पत्थर साबित होगा। उन्होंने श्री धनेश सिन्हा द्वारा किए गए इस कार्यकी भूरी भूरी प्रशंसा किया।अपनी वाकपटुता के लिए विख्यात श्री चंद्रिका डडसेना जी ने अपने वक्तव्य के माध्यम से खूब तालियां बटोरी। डोंगरगढ़ से पधारे अंबेडकर शिक्षण संस्थान समिति के अध्यक्ष श्री किशोर कुमार परमार ने कहा की पुस्तकों का महत्व हर युग में रहा है और आगे भी रहेगा। हर जानकारी प्राप्त करने में  सिर्फ गुगल का उपयोग नहीं किया जा सकता है। उन्होंने इस पुस्तकालय को दान स्वरूप इस  पुस्तकालय को दस पुस्तकों का दान भी दिया। इसी तरह श्री देवेन्द्र साहू, श्री गांधी तनय टांडिया, श्रीमती दीपिका धुर्वे, श्री भुनेश्वर साहू ने भी पुस्तके और राशि दान कर भविष्य में एक अच्छे पुस्तकालय की नीव रखने में मदद की।इस अवसर पर लोकतंत्र के चौथे आधार स्तंभ कहे जानेवाले पत्रकार  बंधुओं के प्रेस क्लब डोंगरगढ़ के  अध्यक्ष श्री सोनकुमार सिन्हा, श्री गोवर्धन सिन्हा, श्री तिलक मंडावी ने भी अपने विचारों का आदान प्रदान किए।इस शिक्षक सम्मान एवम पुस्तकालय उद्घाटन के शुभ अवसर पर अनेक शिक्षाविद एवम आम जनता भी उपस्थित थे जिनमे श्री कौशल राम चंद्रवंशी, श्री हेमराज सहारे, श्रीमती त्रिनेत्रा साहू, श्री खोरबाहरा राम साहू, श्री रोमलाल चंद्राकर, श्री नरोत्तम उर्वशा,श्री दिनेश कुमार वाल्दे, श्री ढालचंद यादव, श्री जयप्रकाश सिन्हा, कु सुरेखा वर्मा, श्रीमती संध्या मसकरे, श्री गणेश राम सिन्हा, श्री शालू ताम्रकार, कु आस्था सिन्हा, कु पूजा देवांगन आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन संस्थान का सचिव श्रीमती पुष्पा मुकेश सिन्हा ने किया। आभार प्रदर्शन एवम धन्यवाद ज्ञापन श्रीमती पुष्पा धनेश सिन्हा ने किया।

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