मनोरंजन

'लोग मेरे साथ काम करने से कतराते...' Salman Khan ने सेट पर लेट आने के दावे पर तोड़ी चुप्पी

नई दिल्ली। बॉलीवुड के दबंग सलमान खान (Salman Khan) से जुड़ा एक किस्सा मशहूर है कि वह फिल्म के सेट पर हमेशा लेट पहुंचते हैं। कहा जाता है कि अंदाज अपना अपना (1994) की शूटिंग के दौरान सलमान की लेट-लतीफी के चलते आमिर खान का पारा भी चढ़ गया था। कई और भी ऐसा ही दावा कर चुके हैं।

खैर, सलमान खान की लेट-लतीफी के दावों का असर उनके करियर पर भी पड़ा क्योंकि लोगों को उनके साथ काम करने से डर लगता है। हाल ही में, पहली बार अभिनेता ने अपनी लेट-लतीफी के दावों पर रिएक्शन दिया है।

सेट पर लेट आने के आरोप पर बोले सलमान खान

सिकंदर का प्रमोशन कर रहे सल्लू मियां ने इंडिया टुडे के साथ बातचीत में अपने लेट आने के दावों को लेकर कहा, "मेरे देर से आने और काम के प्रति गंभीर न होने की कई कहानियां हैं। मैंने 100 से ज्यादा फिल्में की हैं—अपने सीनियर एक्टर्स को छोड़कर किसी और से ज्यादा। अगर मैं लगातार देर से आता या जल्दी चला जाता, तो यह मुमकिन नहीं होता। अनुशासन 100 प्रतिशत है, लेकिन मेरे समय अलग हैं।"

सेट पर ही सलमान के लिए लगता है टेंट

सलमान खान ने आगे कहा, "कुछ लोग सुबह 6 बजे काम शुरू करते हैं, मैं लगभग 11:30–12 बजे शुरू करता हूं क्योंकि मुझे बहुत सारे दूसरे काम करने होते हैं, जैसे कागजों पर हस्ताक्षर करना, कॉल करना और वर्कआउट करना। फिर मुझे वापस आना होता है, आराम करना होता है, अपनी कॉफी पीनी होती है और सीन को समझना होता है। रश्मिका (मंदाना) जानती हैं कि एक बार जब मैं सेट पर होता हूं, तो मैं अपनी वैन में वापस भी नहीं जाता या बैठता हूं। जहां भी जरूरत होती है, वे एक टेंट लगा देते हैं और मैं वहीं रहता हूं।"

सलमान के साथ काम करने से डरते हैं लोग

सलमान खान ने बताया कि इन दावों की वजह से लोग उनके साथ काम करने से डरते हैं। बकौल एक्टर, "मेरे कुछ दोस्त हैं जो इन पलों को शेयर करना पसंद करते हैं, मेरी टाइमिंग के बारे में बात करते हैं। उनके लिए यह एक तारीफ है, लेकिन होता यह है कि इससे लोग मेरे साथ काम करने से कतराने लगते हैं। इससे यह लगता है कि मुझे ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती।"

सलमान ने कहा, "लोगों को लगता है कि ‘वह बस खड़ा रहता है, जाता है और अपना काम करता है।’ लेकिन यह सच नहीं है। बहुत सारी मेहनत है जो दिखाई नहीं देती। मैं इसे दिखाने की कोशिश नहीं करता, लेकिन मानसिक रूप से मेरा दिमाग लगातार काम कर रहा होता है, खासकर दृश्यों और भावनाओं पर। मैं एक लेखक का बेटा भी हूं, इसलिए सोचना और विश्लेषण करना मेरे लिए स्वाभाविक है।"

Leave Your Comment

Click to reload image