छत्तीसगढ़ / बीजापुर
बीजापुर के 78 स्कूलों में पहुँचे शिक्षक,दो दशकों बाद स्कूलों में गूंजेगा ककहरा
बीजापुर । शिक्षा के क्षेत्र में बीजापुर जिले के लिए यह एक ऐतिहासिक मोड़ है। राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के अंतर्गत जिले के 78 शिक्षक विहीन स्कूलों में अब नियमित शिक्षकों की तैनाती कर दी गई है। इससे न केवल शिक्षा व्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि वर्षों से बंद पड़े स्कूलों में फिर से पढ़ाई होगी। जिला शिक्षा कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार शासन के निर्देशों के अनुरूप युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।
इसके तहत जिले में चिन्हांकित 198 अतिशेष शिक्षकों में से 189 शिक्षकों की नई पदस्थापना की गई है। इनमें 104 सहायक शिक्षक, 13 प्रधान अध्यापक (प्राथमिक), 45 शिक्षक, 31 प्रधान अध्यापक (माध्यमिक) और 5 व्याख्याता शामिल हैं। नई पदस्थापना के तहत 82 शिक्षक पूरी तरह शिक्षकविहीन स्कूलों में, 44 शिक्षक एकल शिक्षक वाले स्कूलों में और 63 शिक्षक सामान्य जरूरत वाले स्कूलों में भेजे गए हैं। विशेष बात यह है कि जिले के 76 ऐसे स्कूल जो दो दशकों से बंद पड़े थे, वहां अब पहली बार नियमित शिक्षक तैनात किए गए हैं।
इनमें गुंडापुर, मुदवेंडी, हिरमगुंडा, बोटेतोंग, गुंजेपरती, जीड़पल्ली और मुरकीपाड़ जैसे दुर्गम और अतिसंवेदनशील इलाके शामिल हैं। इन गांवों में अब शिक्षकों की नियमित आवाजाही शुरू होगी, जिससे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी। इसी तरह एक उच्च माध्यमिक विद्यालय, जहां सभी व्याख्याता पद रिक्त थे, वहां अब हिंदी और सामाजिक अध्ययन विषयों के व्याख्याताओं की नियुक्ति कर दी गई है।
इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी और स्कूल में विषयवार पढ़ाई सुनिश्चित की जा सकेगी। सरकार की इस पहल से शिक्षा व्यवस्था को मिली मजबूती एक बड़ा बदलाव लेकर आई है। इस युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया से यह साफ है कि सरकार बीजापुर जैसे दूरस्थ और संवेदनशील जिलों में भी शिक्षा को प्राथमिकता दे रही है। वर्षों से सुनसान पड़े स्कूलों में अब फिर से बच्चों की आवाजें गूंजेंगी और उनके उज्जवल भविष्य की नई इबारत लिखी जाएगी।
वनाधिकार के आवेदनों का ग्रामसभा में करें निराकरण : कलेक्टर
बीजापुर । वनाधिकार पत्र हेतु प्राप्त आवेदनों को 9 से 14 जून तक आयोजित विशेष ग्राम सभा के माध्यम से निराकृत कर जिला स्तर पर प्रस्ताव को 25 जून से पहले भेजने के निर्देश कलेक्टर संबित मिश्रा ने समस्त संबंधित अधिकारियों को साप्ताहिक समय-सीमा के बैठक के दौरान दिए।
वहीं नए शिक्षा सत्र का प्रारंभ होने जा रहा है जिसके लिए व्यापक तैयारियां सुनिश्चित करने सहित चिन्हांकित समस्त शाला त्यागी एवं अप्रवेशी बच्चों को स्कूल से जोड़ने और बच्चों के पुनः प्रवेश हेतु ग्राम सभा में प्रस्ताव कराने को कहा। तथा ग्राम सभा के माध्यम से ही सुशासन तिहार अर्न्तगत शिविर में प्राप्त प्रकरणों का निराकरण करने को कहा।
बैठक में नियद नेल्लानार अर्न्तगत सर्वे की एंट्री, नियद नेल्लानार क्षेत्रों में संचालित विकास कार्यों- बिजली, पानी, सड़क, पुल, पुलिया, राशन दुकान, निर्माणधीन, स्कूल भवनों आंगनबाड़ी भवन निर्माण की प्रगति की समीक्षा करते हुए दिशा-निर्देश दिए। आत्मसमर्पित, नक्सली एवं नक्सल पीड़ित परिवारों के आवश्यक दस्तावेज बनाने सहित बुनियादि सुविधाओं से लाभान्वित करने को कहा गया।
बैठक में सीईओ जिला पंचायत हेमंत रमेश नंदनवार सहित जिला स्तरीय वरिष्ठ अधिकारीगण समस्त अनुभाग के एसडीएम डिप्टी कलेक्टर एवं तहसीलदार उपस्थित थे।
बाल श्रम प्रतिषेध दिवस पर 30 जून तक चलेंगे विशेष अभियान
बीजापुर । जिला बीजापुर में कलेक्टर संबित मिश्रा के निर्देशानुसार 10 से 30 जून तक बाल श्रम निषेध अंतर्गत जिले में सघन अभियान चलाने निर्देशित किया गया है। जिसके परिपालन में महिला बाल विकास अधिकारी कांता मसराम एवं श्रम पदाधिकारी ओम नेताम द्वारा समन्वय कर जिले में आईसीपीएस, श्रम विभाग, पुलिस विभाग की संयुक्त टीम के साथ शहर में प्रचार-प्रसार के लिए रेस्क्यू टीम तैयार की गई है।
इसके माध्यम से बाल श्रम प्रतिषेध दिवस के अवसर पर जिले के सभी क्षेत्रो में सड़क एवं सड़क जैसी परिस्थितियो में निवासरत बच्चों के सर्वेक्षण रेस्क्यू हेतु बालको का विभिन्न श्रेणियों के बच्चों का चिंहांकन किया जाना है एसे बच्चे जो बिना किसी सहारे के सड़को पर अकेले रहते हैं ऐसे बच्चे, दिन में सड़कों में रहते है और रात में निकट की झुग्गी, झोपड़ी बस्तियों में रहने वाले अपने परिवार के पास घर वापस आ जाते है, अपने परिवार के साथ सड़कों पर रहने वाले बच्चे उक्त श्रेणी के बच्चे अपनी उत्तरजिविका भोजन, पानी, वस्त्र आश्रय एवं संरक्षण हेतु विभिन प्रकार के संघर्षो एवं चुनौतियों का सामना करते रहते है ऐसे बच्चों का चिंहांकन किया जाना है, रेस्क्यू टीम द्वारा विकासखण्ड उसूर में जाकर बस स्टैंड, धार्मिक स्थल, होटल एवं ढॉबों, घरेलू कामगार, निमार्णाधीन भवन, घर निर्माण कार्य और गैरेज निर्माण, सार्वजनिक स्थानों में बालश्रम करने वाले बच्चों के तलाश की गई।
टीम द्वारा उसूर के बस स्टैंड से बाल श्रम निषेध दिवस का प्रचार-प्रसार किशोर न्याय अधिनियम, श्रम निषेध अधिनियम, का पांपलेट बॉटते हुए दुकान, होटल, ढाबों में जाकर चेक किया गया, है, कि श्रमिकों अथवा नौंकरों के रूप में बच्चों को नियोजन तो नहीं किया जा रहा है। साथ ही बाल मजदूरी के खिलाफ जागरूकता फैलाने और 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को इस काम से निकालकर कर उन्हें शिक्षा दिलाने की ओर अग्रसर करने को कहा गया, अगर 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कारखानों, होटल एवं ढाबो, घरेलू कामगार, ईंट भटटी, खपरैल निर्माण, घर निर्माण कार्य और गैरेज में काम करवाये जाने वाले लोगों पर बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 संशोधित अधिनियम 2016 के अंतर्गत 06 माह से 03 वर्ष तक का कारावास या 20 हजार से 50 हजार तक का जुर्माना या दोनों से दंडित करने का प्रावधान है, यह जानकारी भी प्रचार-प्रसार के दौरान दी गई। इस दौरान दलेश्वर साहू श्रम कल्याण अधिकारी संदीप चिडेम सामाजिक कार्यकर्ता (आई.सी.पी. एस.)आशिष श्रम विभाग राजकुमार निषाद (सामाजिक कार्यकर्ता), राजूराम कश्यप (आउटरीच वर्कर), उपस्थित रहे।
मुठभेड़ में मारा गया 1 करोड़ का इनामी नक्सली सुधाकर
बीजापुर । छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों का नक्सलियों पर एक्शन जारी है। गुरुवार को नेशनल पार्क के जंगलों में फिर एक बड़ी मुठभेड़ जारी है। सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के CC मेम्बर नरसिम्हाचलम उर्फ गौतम उर्फ सुधाकर को ढेर कर दिया है। सुधाकर नक्सलियों के शिक्षा विभाग का इंचार्ज था और इस पर एक करोड़ का ईनाम था। वह आंध्रप्रदेश के चिंतापालुदी का रहने वाला है।
बीजापुर में मुठभेड़: बड़े नक्सली लीडर के मारे जाने की खबर
बीजापुर। बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों का नक्सलियों पर एक्शन जारी है। गुरुवार को नेशनल पार्क के जंगलों में फिर एक बड़ी मुठभेड़ जारी है। मुठभेड़ में एक और बड़े नक्सली लीडर के मारे जाने की खबर आई है। जिसे नक्सली कमांडर नक्सलियों के तेलंगाना स्टेट कमेटी का मेम्बर बताया जा रहा है। वहीं मौक़े से ऑटोमैटिक हथियार भी बरामद हुए हैं। फ़िलहाल इस पूरे मामले की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। लेकिन मारे गए नक्सलियों की संख्या बढ़ सकती है।
बीजापुर नपा अध्यक्ष व पार्षदों ने किया बस स्टैंड, मार्केट और शौचालयों का निरीक्षण
अव्यवस्थाओं पर जताई नाराज़गी
बीजापुर । नगरवासियों की लगातार शिकायतों के बाद नगर पालिका बीजापुर की नवनिर्वाचित अध्यक्ष गीता सोम पुजारी और पार्षदों की टीम ने अंतरराज्यीय बस स्टैंड, चिकन-सब्जी मार्केट और सुलभ शौचालयों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान गंदगी, अनियमित कब्जा और अव्यवस्थाएं सामने आईं, जिस पर अध्यक्ष और पार्षदों ने व्यापारियों को हिदायत दी और व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए।
शौचालय और दुकानों में अवैध कब्जे पर चेतावनी
निरीक्षण में यह बात सामने आई कि कई शौचालयों और आबंटित दुकानों पर अन्य लोगों ने कब्जा कर रखा है। इस पर कड़ा एतराज जताते हुए अधिकारियों ने संबंधित लोगों को चेतावनी दी कि तत्काल कब्जा हटाएं, अन्यथा कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
साफ-सफाई पर विशेष जोर
बस स्टैंड परिसर में फैली गंदगी को देखते हुए व्यापारियों को साफ-सफाई बनाए रखने के निर्देश दिए गए। कहा गया कि बस स्टैंड नगर का प्रमुख सार्वजनिक स्थल है, इसलिए यहां स्वच्छता बनाए रखना हर व्यापारी और नागरिक की जिम्मेदारी है।
निरीक्षण में ये जनप्रतिनिधि रहे शामिल
नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती गीता सोम पुजारी,पार्षद मुकेश राठी,पार्षद विक्रम दूधी,पार्षद अरविंद पुजारी,पार्षद बसंती लिंगम,पार्षद यशोदा पैंकरा,पार्षद सत्यवती परतागिरी उपस्थित रहें।
नगर परिषद द्वारा लिया गया यह निरीक्षणात्मक कदम नगर की सफाई और व्यवस्था सुधारने की दिशा में सराहनीय प्रयास है। जनप्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया कि शहर की बेहतरी के लिए हर स्तर पर निगरानी और कार्रवाई जारी रहेगी।
समाधान शिविर में सर्वाधिक आवेदनों के निराकरण के साथ ही हितग्राही हुए लाभान्वित
बीजापुर। सुशासन तिहार के तीसरे चरण में 28 मई को भैरमगढ़ ब्लॉक के मिरतुर एवं उसूर ब्लॉक के हीरापुर में समाधान शिविर का आयोजन हुआ मिरतुर, अर्न्तगत ग्राम पंचायत पिनकोण्डा, तालनार, मिरतुर, तोयनार, फुलगट्टा, पिटेपाल, मदपाल एवं बेचापाल तथा उसूर ब्लॉक के हीरापुर अर्न्तगत ग्राम पंचायत फुतकेल, तिम्मापुर, पोलमपल्ली, हीरापुर, बासागुड़ा, मलेपल्ली, लिंगागिरी, कोरसागुड़ा के हजारों ग्रामीण उत्साहपूर्वक समाधान शिविर में शामिल होकर अपने आवेदन मांग एवं समस्या के निराकरण जानकारी ली।
शिविर के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, राजस्व, पीएचई, विद्युत, जल संसाधन, पंचायत, उद्यानिकी, मछलीपालन सहित विभिन्न विभागों द्वारा प्राप्त आवेदनों की निराकरण की जानकारी मंच के माध्यम से आवेदनों को दी गई। वहीं विभागीय योजनाओं से उपस्थित जनसमूह को अवगत कराया गया जिसमें प्रधानमंत्री आवास, व्यक्तिगत शौचाल निर्माण, मछलीपालन हेतु, तालाब निर्माण एवं शासन द्वारा प्राप्त सब्सिडी, सामूहिक तारफेंसिंग, उन्नत कृषि, पशुपालन, सुअर, बकरी, मुर्गी, गाय पालन, डेयरी उद्योग, स्व सहायता समूह का निर्माण समूह के माध्यम से ऋण सुविधा आर्थिक गतिविधियां संचालित करने सहित आधार, आयुष्मान, बैंक खाता, जाति, निवास बनवाने, महत्वपूर्ण दस्तावेजों के द्वारा शासन की योजनाओं से लाभान्वित होने आयुष्मान कार्ड से 5 लाख तक की निःशुल्क उपचार, आधार कार्ड एवं बैंक खाते से पीएम किसान, किसान क्रेडिट कार्ड, महतारी वंदन योजना, विभिन्न पेंशन छात्रवृत्ति, पीएम आवास से राशि प्राप्त करने संबंधी जानकारी देते हुऐ पात्रतानुसार योजनाओं से जुड़कर जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए प्रेरित किया गया।
मिरतुर के शिविर में उपस्थित जनपद अध्यक्ष दसरी कोरसा, उपाध्यक्ष मनीता तोली, जनपद सदस्य रामा नायक एवं सरपंच धनीराम कड़ती ने अपने क्षेत्र के ग्रामीणों को शिविर का लाभ लेकर योजनाओं से जुड़ने के लिए प्रेरित किया।
कलेक्टर संबित मिश्रा ने किया शिविर का अवलोकन- कलेक्टर संबित मिश्रा ने मिरतुर शिविर अवलोकन कर विभागीय अधिकारियों से जानकारी ली। भवन विहिन आंगनबाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण की स्थिति, संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रो में बिजली, पानी की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। वहीं कार्यकर्ताओं द्वारा गैस सिलेण्डर की मांग पर आवश्यक कार्यवाही हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किए। इस दौरान सीईओ जिला पंचायत हेमंत रमेश नंदनवार, एसडीएम भैरमगढ़ विकास सर्वे एवं सीईओ जनपद पंचायत पीआर साहू उपस्थित थे।
नहर लाइनिंग के नाम पर ठेकेदार ने गिराए बेशकीमती सागौन के पेड़
बिना अनुमति की गई पेड़ों की कटाई पर विवाद
बीजापुर । जिले के मद्देड तालाब से किसानों तक पानी पहुंचाने के लिए बनाए जा रहे नहर लाइनिंग प्रोजेक्ट में बड़ा पर्यावरणीय उल्लंघन सामने आया है। करीब 2 करोड़ रुपये की लागत से 8 किलोमीटर लंबी नहर लाइनिंग के निर्माण कार्य में ठेकेदार ने वन विभाग की अनुमति के बिना दर्जनों बेशकीमती सागौन के पेड़ गिरा दिए।
मशीन से काटे गए विशालकाय पेड़
स्थानीय लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ठेकेदार ने चैन माउंटिंग मशीन से हरे-भरे सागौन और अन्य फलदार पेड़ों को निर्ममता से काट डाला। पूछताछ में सुपरवाइजर कैलाश ठाकुर ने पहले पेड़ों के खुद गिरने की बात कही, लेकिन बाद में स्वीकार किया कि यह काम जल संसाधन विभाग के उप अभियंता गुलाम दस्तागिर के निर्देश पर किया गया।
उप अभियंता का चौंकाने वाला बयान
जब उप अभियंता दस्तागिर से इस पर सवाल किया गया तो उन्होंने साफ कहा “नहर के बीच में जो भी पेड़ आएंगे, उन्हें गिरा दिया जाएगा। मुझे इसके लिए किसी अनुमति की जरूरत नहीं।”
उनका यह बयान न केवल भारतीय वन अधिनियम, 1927 के खिलाफ है, बल्कि पर्यावरणीय संवेदनशीलता की भी अनदेखी करता है।
वन विभाग ने बताया गंभीर मामला
इस संबंध में वन मंडलाधिकारी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बिना अनुमति पेड़ काटना कानूनन अपराध है। उन्होंने कहा: “यह न सिर्फ पर्यावरण के लिए हानिकारक है, बल्कि कानून का उल्लंघन भी है। पेड़ों को बिना अनुमति काटा जाना गंभीर मुद्दा है और इसके लिए संबंधित ठेकेदार और विभाग पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।”
उन्होंने यह भी कहा कि निर्माण कार्य के दौरान पेड़ों को बचाने के लिए स्थानांतरण या वैकल्पिक मार्ग अपनाना चाहिए था।
क्या कहता है कानून?
भारतीय वन अधिनियम, 1927 के तहत बिना अनुमति पेड़ काटना अपराध है। दोषियों के खिलाफ पर्यावरण कोर्ट में मामला दर्ज किया जा सकता है। ठेकेदार और संबंधित अधिकारी दोनों जिम्मेदार माने जा सकते हैं।
ठेकेदार की जिम्मेदारी क्या है?
किसी भी निर्माण कार्य से पहले यदि पेड़ हटाने की आवश्यकता हो, तो इसके लिए सरकारी अनुमति लेना अनिवार्य है। वन विभाग की स्वीकृति के बिना पेड़ काटने पर दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
पर्यावरण की कीमत पर विकास नहीं हो सकता। बेशकीमती सागौन जैसे वृक्षों को बिना अनुमति काटना न सिर्फ प्राकृतिक संसाधनों की लूट है, बल्कि कानून और जिम्मेदारी की खुली अनदेखी भी है। इस प्रकरण की स्वतंत्र जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई ज़रूरी है, ताकि आने वाले समय में विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बना रहे।
अब यह देखना है कि पेड़ गिराने वालों को कानून कब गिराएगा?
अवैध शराब पर आबकारी विभाग द्वारा की गई कार्रवाई
बीजापुर । कलेक्टर संबित मिश्रा के निर्देश पर और उपायुक्त आबकारी आशीष कोसम एवं जिला आबकारी अधिकारी अभिषेक तिवारी के मार्गदर्शन में आबकारी टीम बीजापुर एवं भोपालपटनम द्वारा मुखबिर से प्राप्त सूचना के आधार पर आबकारी वृत्त भोपालपट्टनम में स्थित ग्राम इलमिड़ी थाना इलमिडी पहुंचकर आरोपी के घर से बड़ी मात्रा मे ड्यूटी एवं नॉन ड्यूटी पेड़ विदेशी मदिरा व्हिस्की एवं माल्ट जब्त की गई। आरोपी के विरुद्ध छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम की धारा 34(2), 36, 59(क) के तहत प्रकरण कायम कर गिरफ्तार किया गया तथा माननीय न्यायालय के समक्ष रिमांड हेतु पेश किया जाएगा। जब्त मदिरा की कीमत एक लाख इकहत्तर हजार रुपए है।
जिसमें 12 पेटी मैकडोनाल्ड नंबर वन 04 पेटी आरएस 3 पेटी गोवा 4 नग सिंबा प्राइड सीरीज बियर एवं 7 नग आरएस डीलक्स बोतल शामिल है। उपरोक्त कार्यवाही में आबकारी उपनिरीक्षक श्रीराम कावड़े, आबकारी उपनिरीक्षक वतन चौधरी आबकारी आरक्षक भरत वट्टी एवं शिवनारायण सेठिया सराहनीय योगदान रहा।
तेन्दूपत्ता संग्राहकों को किसी भी प्रकार का आर्थिक नुकसान नहीं होगा
बीमा कंपनी द्वारा पारिश्रमिक का होगा भुगतान : प्रबंधक संचालक
बीजापुर। प्रबंधक संचाकल जिला वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित बीजापुर एवं वन मंडलाधिकारी रामाकृष्णा रंगानाथा वाय ने बताया कि तेन्दूपत्ता का नियमानुसार बीमा कराया जाता है। प्राकृतिक आपदा से प्रभावित होने पर बीमा कंपनी द्वारा भुगतान किया जाता है।
उल्लेखनीय है कि तेन्दूपत्ता संग्रहण वर्ष 2025 में जिला वनोपज सहकरी यूनियन मर्यादित बीजापुर द्वारा 121600 मानक बोरा का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। शासन के नीति अनुसार इस वर्ष विभागीय संग्रहण किया जाना है। 09 मई 2025 को तेन्दूपत्ता तोड़ाई प्रारंभ किया गया है, 21 मई 2025 तक की स्थिति में 12226.638 मानक बोरा संग्रहण हुआ है। समिति देपला के फड़ कोत्तागुड़ा, गोरगुण्डा-अब, पोषडपल्ली, कारकावाया एवं समिति चेरपल्ली के लॉट क्रमांक 12 अ-चेरपल्ली के फड़ चिल्लामरका का संग्रहित तेन्दूपत्ता की गड्डियां जो कि पूर्व वर्षो की भांति इस वर्ष भी नदी किनारे चट्टा लगाकर सुखाया जा रहा था, 22 मई 2025 को आधी रात में बेमौसम बारिश होने के कारण एवं 23 मई 2025 नदी में जल स्तर बढाने से उपरोक्त फड़ों के चट्टा लगाकर रखी गई कुल गड्डियां 460840 में से 323539 तेज पानी के बहाव में नदी में बह गया है जिसका परिश्रमिक राशि रू. 17,79,465.00 होता है। फड़ में प्राकृतिक रूप एवं दुर्घटना से होने वाली क्षति का बीमा कराया गया है बीमा राशि प्राप्त करने हेतु इंश्योरेन्स कंपनी क्लेम किया जा चुका है। संग्राहकों को किसी भी प्रकार का नुकसान नही होगा उनके पारिश्रमिक का दाम उनके बैंक खाता में ऑनलाईन साफ्ट वेयर के माध्यम से भुगतान किया जायेगा।
जन विश्वास की ओर दस कदम, पंजीयन विभाग की दस क्रांतिकारी सुविधाएं पर आधारित कार्यशाला
बीजापुर । मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व एवं वित्तमंत्री ओपी चौधरी के मार्गदर्शन में जनसाधारण को सहूलियत पहुंचाने रजिस्ट्री नियमों में 10 क्रांतिकारी बदलाव किए गए हैं। जिसका जमीन खरीदी -बिक्री करने वाले प्रदेश के जनता को प्रत्यक्ष रूप से लाभ पहुंचेगी। उक्त नए नियमों के बदलाव एवं सुविधाओं को जन साधारण तक पहुचाने के लिए कलेक्टर संबित मिश्रा के मार्गदर्शन में राजस्व अधिकारियों द्वारा कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें पूर्व मंत्री महेश गागड़ा, नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती गीता सोम पुजारी, जनपद अध्यक्ष बीजापुर सोनू पोटाम, जनपद अध्यक्ष भैरमगढ़ सहित वरिष्ठ नागरिक घासीराम नाग, निवास मुदलियार सहित राजस्व विभाग के अधिकारीगण, अपर कलेक्टर भूपेन्द्र अग्रवाल एवं एसडीएम बीजापुर जागेश्वर कौशल सहित जनप्रतिनिधिगण, वार्ड पार्षद, स्टाम्प वेंडर, दस्तावेज लेखक, गणमान्य नागरिक एवं मीडिया प्रतिनिधिगण प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
कार्यशाला को संबोधित करते हुऐ पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने रजिस्ट्री नियम के लिए ऐतिहासिक बदलाव से जमीन की खरीदी बिक्री, एवं रजिस्ट्री की प्रक्रिया सुगम एवं सुरक्षित ढंग से होने से फर्जी रजिस्ट्री सहित जमीन संबंधी अन्य विवादास्पद परिस्थितियों से निजात मिलेगी। वहीं इस ऐतिहासिक निणर्य को जनसाधारण के महत्वपूर्ण एवं लाभदायक बताया वहीं। कलेक्टर संबित मिश्रा ने इसे शासन की बहुत अच्छी पहल बताते हुए कहा कि अब रजिस्ट्री में होने वाली कठिन प्रक्रियाओं से मुक्ति मिलेगी। नामांतरण अब रजिस्ट्री के बाद स्वतः हो जाएगा घर बैठे रजिस्ट्री एवं जमीन के बारे में जानकारी आसानी से हो जाएगा। इस नियम का व्यापक स्तर पर जनसाधारण के बीच व्यापक प्रचार-प्रसार कर लोगो में जागरूकता किया जाएगा।
कार्यशाला में रजिस्ट्री नियमों के संशोधन से संबंधित लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। वहीं मास्टर ट्रेनर द्वारा पंजीयन विभाग की 10 क्रांतिकारी सुविधाओ को पीपीटी के माध्यम से बताया गया। जिसके अर्न्तगत फर्जी रजिस्ट्री रोकने के लिए आधार सत्यापन- क्रेता-विक्रेता की पहचान सीधे आधार संख्या और बायोमैट्रिक के माध्यम से की जाएगी, जिससे फर्जी रजिस्ट्री की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण संभव होगा।
रजिस्ट्री खोज एवं डाउनलोड-रजिस्ट्री की जानकारी अब आपकी अंगुलियो पर- खसरा नंबर दर्ज कर संपत्ति की पूर्व रजिस्ट्री की जानकारी देखी जा सकती है और दस्तावेज डाउनलोड किए जा सकते हैं। यह पारदर्शिता और सुरक्षित खरीद को बढ़ावा देता है।
ऑनलाइन भारमुक्त प्रमाण पत्र- संपति की कानूनी स्थिति अब आपके सामने- संपत्ति पर ऋण, बंधक या पूर्व विक्रय की स्थिति अब ऑनलाइन भारमुक्त प्रमाण पत्र के माध्यम से आसानी से ज्ञात की जा सकती है।
स्टाम्प एवं रजिस्ट्री शुल्कों का कैशलेस भुगतान- स्टाम्प शुल्क और पंजीयन शुल्क अब एकीकृत रूप से UPI डेबित कार्ड, नेट बैंकिंग आदि से कैशलेस रूप में भरे जा सकते हैं।
व्हॉट्सएप सेवायें- स्लॉट बुकिंग, दस्तावेज की स्थिति, पंजीयन पूर्ण होने की सूचना एवं रजिस्ट्री की प्रति व्हाट्सएप के माध्यम से स्वतः प्राप्त होगी।
डिजीलॉकर सेवायें- पंजीकृत दस्तावेज अब डिजीलॉकर में डिजिटल रूप में संरक्षित रहेंगे, जिन्हे आवश्यकता अनुसार कभी भी डाउनलोड किया जा सकेगा।
रजिस्ट्री दस्तावेजों का स्वतः निर्माण- पक्षकार द्वारा जानकारी भरने के पश्चात दस्तावेज का प्रारूप स्वतः जनरेट होगा एवं उप पंजीयक को डिजिटल रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।
घर बैठे स्टाम्प सहित दस्तावेज बनाने की सुविधा, आम लोगों की कानूनी दस्तावेजों तक सीधी पहुंच- डिजीडॉक सेवा के माध्यम से किरायानामा, शपथ पत्र, अनुबंध जैसे दस्तावेज स्वयं तैयार किए जा सकते हैं, वो भी डिजिटल स्टाम्प के साथ।
घर बैठे रजिस्ट्री- दस्तावेज निर्माण, स्टाम्प, भुगतान और रजिस्ट्री प्रक्रिया अब पूरी तरह ऑनलाइन होकर घर से ही पूर्ण की जा सकती है।
रजिस्ट्री के साथ स्वतः नामांतरण- एक साथ पंजीयन और राजस्व रिकार्ड अपडेट- रजिस्ट्री के पश्चात नामांतरण की प्रक्रिया स्वतः आरंभ होकर संबंधित राजस्व रिकॉर्ड में स्वतः अद्यतन हो जाएगी। नामांतरण के लिए पृथक आवेदन की आवश्यकता नहीं होगी।
बीजापुर में PMSMA का आयोजन: 125 गर्भवती महिलाओं की जांच
47 उच्च जोखिम गर्भावस्था मामलों की पहचान
बीजापुर । 'सुरक्षित मातृत्व एक अधिकार है, सुविधा नहीं'- इस सोच को साकार करते हुए छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA) के तहत विशेष स्वास्थ्य जांच शिविर का सफल आयोजन किया गया। स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित इस क्षेत्र में यह आयोजन एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।
इस शिविर में 125 गर्भवती महिलाओं की निःशुल्क स्वास्थ्य जांच की गई, जिनमें से 47 महिलाओं को उच्च जोखिम गर्भावस्था (HRP) की श्रेणी में चिन्हित किया गया। इन महिलाओं को विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा तत्काल परामर्श और उपचार प्रदान किया गया। साथ ही, 80 महिलाओं का अल्ट्रासाउंड परीक्षण भी किया गया, जिससे जटिलताओं की शीघ्र पहचान में मदद मिली।
प्रशासनिक और चिकित्सकीय टीम का सराहनीय समर्पण
इस अभियान की सफलता में कलेक्टर संबित मिश्रा की निर्णायक भूमिका रही, जिनके नेतृत्व में प्रशासनिक समन्वय सुनिश्चित किया गया। जिला पंचायत सीईओ हेमंत नंदनवार ने आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता में मदद की।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी. आर. पुजारी के निर्देशन और सिविल सर्जन डॉ. रत्ना ठाकुर के मार्गदर्शन में चिकित्सा दल ने व्यक्तिगत परामर्श और गुणवत्तापूर्ण देखभाल दी। वहीं, डॉ. आदित्य साहू (स्त्री रोग विशेषज्ञ) और डॉ. देवेन्द्र मोरला (रेडियोलॉजिस्ट) ने HRP मामलों के प्रबंधन और अल्ट्रासाउंड जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक वरुण साहू और DPHNO सुश्री मानसी ताटपल्ली ने स्वास्थ्य व्यवस्था की निगरानी की। जिला अस्पताल के समस्त स्टाफ के सहयोग से यह अभियान पूर्ण रूप से सफल रहा।
सरकार की प्रतिबद्धता
छत्तीसगढ़ सरकार हर महिला तक सुरक्षित मातृत्व सेवाएं पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है, चाहे वह कितने भी दूरस्थ या संवेदनशील क्षेत्र में क्यों न हो। इस अभियान से यह स्पष्ट हुआ कि सही योजना, इच्छाशक्ति और समर्पण के साथ मातृ-शिशु मृत्यु दर में प्रभावी कमी लाई जा सकती है।
बीजापुर में हुआ यह आयोजन मातृत्व स्वास्थ्य की दिशा में एक मजबूत और प्रेरणादायक उदाहरण बनकर उभरा है।
गलगम पहुंचे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, जवानों का हौसला बढ़ाया
नक्सल विरोधी अभियान की सफलता पर दी बधाई
बीजापुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज बीजापुर जिले के उसूर तहसील के अंदरूनी गांव गलगम पहुंचे, जहाँ उन्होंने सीआरपीएफ के जवानों और स्थानीय ग्रामीणों से मुलाकात कर हालिया नक्सल विरोधी अभियान की सफलता पर चर्चा की। इस अभियान में सुरक्षा बलों ने करेगुट्टा की पहाड़ी पर 21 दिनों तक चले ऑपरेशन में 31 कुख्यात माओवादी आतंकियों को मार गिराया और बड़ी मात्रा में हथियार बरामद किए। मुख्यमंत्री साय ने इस अभियान को नक्सल मुक्त छत्तीसगढ़ के लक्ष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
मुख्यमंत्री साय ने भारत माता और छत्तीसगढ़ महतारी के जयकारे के उद्बोधन की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि हमारे जवानों ने अदम्य साहस और समर्पण के साथ इस ऑपरेशन को सफल बनाया है। यह न केवल बीजापुर बल्कि पूरे राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। गलगम और करेगुट्टा का क्षेत्र लंबे समय से नक्सलियों का गढ़ माना जाता रहा है और इस अभियान ने इस इलाके को सुरक्षित बनाने की दिशा में नई उम्मीद जगाई है। सीआरपीएफ जवानों से मुलाकात के दौरान साय ने उनके साहस की सराहना की और कहा कि आपके शौर्य और निष्ठा से ही हम नक्सलवाद के खिलाफ इस लड़ाई को जीत रहे हैं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमें सरकार में आए डेढ़ साल हुए हैं और इस अवधि में हमने राज्य में सुशासन स्थापित करने का प्रयास किया है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आप लगातार अनेक कठिन नक्सल विरोधी ऑपरेशन को अंजाम दे रहे हैं। आप 44 डिग्री की गर्मी में भी ऑपरेशन चलाते हैं। ऐसे जवानों के अदम्य साहस को मैं नमन करता हूँ। उन्होंने बताया कि वे सुरक्षा कैम्प को सुविधा कैम्प मानते हैं क्योंकि सुरक्षा कैम्प के माध्यम से अब बस्तर के सुदूर इलाकों में अनेक तरह की सुविधाएं पहुंच रही हैं। मुख्यमंत्री साय के कहा कि जब हमारी सरकार आयी तो इस क्षेत्र में सबसे पहला कैम्प मूलेर में खोला गया। आज मूलेर समेत आसपास के गांव में राशन की सुविधा, बिजली, स्वास्थ्य, स्कूल, मोबाइल टॉवर जैसी सुविधाएं मिलने लगी हैं।
देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व और मार्गदर्शन में नक्सल विरोधी अभियान में लगातार सफलता मिल रही है। राज्य में मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त करने का लक्ष्य है, निश्चित रूप से फोर्स के जवानों के अदम्य साहस की बदौलत हम इस संकल्प को पूरा कर लेंगे। उन्होंने कहा बस्तर में नियद नेल्ला नार योजना ने स्थानीय लोगों से जुड़ने में अहम भूमिका निभाई है। अपने दौरे के दौरान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ग्रामीण हितग्राहियों से भी मुलाकात की और उन्हें राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड का वितरण करते हुए पीएम आवास योजनांतर्गत स्पेशल प्रोजेक्ट नक्सल पीड़ित व आत्मसमर्पित परिवारों को स्वीकृति पत्र प्रदान किया।
उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि सरकार क्षेत्र में विकास कार्यों को और अधिक तेज गति से करेगी साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देगी। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को पूरी तरह नक्सल मुक्त बनाने का लक्ष्य है, और इसके लिए सुरक्षा बलों के साथ-साथ स्थानीय समुदायों का सहयोग भी जरूरी है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि क्षेत्र में सड़क, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं को मजबूत किया जाएगा, ताकि ग्रामीण मुख्यधारा से जुड़ सकें। इसके साथ ही, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। मुख्यमंत्री साय ने गलगम कैंप में जवानों के साथ तस्वीर खिंचाई और भारत माता के जयकारे से उनका जोश बढ़ाया। जवानों ने भी नारे लगाते हुए देशभक्ति का जज्बा दिखाया। मुख्यमंत्री ने जवानों संग बैठकर भोजन भी किया।
गलगम कैम्प में हुए आयोजन में पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम ने अपने उद्बोधन में फोर्स के जवानों द्वारा किए जा रहे सिविक एक्शन को सराहा। वहीं कलेक्टर बीजापुर संबित मिश्रा ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को बताया कि सुशासन तिहार-2025 के अंतर्गत बीते कल ही गलगम में समाधान शिविर का आयोजन किया गया था। इस दौरान गलगम कलस्टर में कुल 1590 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से अधिकतर आवेदन वन अधिकार पत्र के थे, जिनका परीक्षण कर सार्थक कार्यवाही की जा रही है। इस अवसर पर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, बस्तर रेंज आईजी सुंदरराज पी., डीआईजी कमलोचन कश्यप, कलेक्टर संबित मिश्रा, पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र यादव सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी और सुरक्षा बलों के जवान उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने पीड़ितों को आवास की चाबी दी, हितग्राहियों का धन्यवाद
बीजापुर । प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बीजापुर जिले के गलगम प्रवास पर माओवाद पीड़ित परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत नवीन आवासों की प्रतीकात्मक चाबी प्रदान करने सहित अन्य पात्र परिवारों को आवास निर्माण स्वीकृति आदेश, राशन कार्ड और आयुष्मान कार्ड प्रदान किया। इस दौरान उक्त हितग्राहियों ने सरकार की उक्त सजग और संवेदनशील पहल के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने गलगम कैम्प में जवानों से भेंट के पश्चात उक्त हितग्राहियों को योजनाओं से लाभान्वित किया।
जिसके तहत माओवाद पीड़ित परिवारों में उसूर निवासी रामबाई पति राजकुमार गटपल्ली को जब नए घर की चाबी मिली तो बुजुर्ग रामबाई ने खुशी व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री को प्यार से धन्यवाद देते हुए कृतज्ञता प्रकट किया। साथ ही सत्यवती पति लक्ष्मैया गटपल्ली ने भी नवीन आवास की सौगात के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया।
इस दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने चन्द्रकला नोल्ली, दुर्गम शम्मी, वीरी माड़वी एवं लक्ष्मी कट्टम को प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत नवीन आवास निर्माण के लिए स्वीकृति आदेश प्रदान कर सुंदर घर बनाने की समझाइश दी। इस अवसर पर ज्योति कट्टम, राधा कड़ती आदि 05 हितग्राहियों को नवीन राशन कार्ड प्रदान किए जाने पर इन हितग्राहियों ने बताया कि अब रियायती दर पर खाद्यान्न एवं अन्य जरूरी सामग्री मिलने में सहूलियत होगी।
लू से बचाव के लिए निर्देश जारी
बीजापुर । मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ० बी०आर० पुजारी जिला बीजापुर द्वारा लू के लक्षण एवं बचाव के संबंध में जानकारी प्रसारित किये गए, ग्रीष्म ऋतु को दृष्टिगत रखते हुए आम जनता से अपील किया है कि लू के प्रभाव को गंभीरता से ले। इससे बचाव के लिये आवश्यक सावधानी बरतने और सुरक्षित रहने के उपाय बताए गये। घर से बाहर निकलने के पहले प्रयाप्त पानी अवश्य पियें। सूती, ढीले एवं आरामदायक कपड़े पहनें।
धूप में निकलते समय अपना सिर ढककर रखें, टोपी, कपड़ा, छतरी का उपयोग करें। पानी, छाछ, ओ.आर. एस.का घोल या घर में बने पेय पदार्थ जैसे लस्सी, नींबू पानी, आम का पना, पेज ईत्यादि का सेवन करें। पानी हमेशा साथ में रखें। शरीर में पानी की कमी न होने दें। धूप में निकलने से पहले तरल पदार्थ का सेवन करें। बुखार आने पर ठंडे पानी की पट्टीयां माथे पर रखे। कूलर या एयर कंडीशन से एकदम बाहर न निकलें। साथ ही साथ ही अनावश्यक धूप में न निकलें। अधिक जानकारी के लिए मितानीन दीदी, स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं नजदीकी स्वास्थ्य से सम्पर्क कर सकते हैं।
दिव्यांगजनों के लिए दो दिवसीय निःशुल्क सहायक उपकरण का वितरण
बीजापुर। दिव्यांगजन सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए जिला चिकित्सालय बीजापुर में 09 एवं 10 मई 2025 को दो दिवसीय निःशुल्क स्वास्थ्य एवं सहायक उपकरण वितरण शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर स्वास्थ्य विभाग एवं समाज कल्याण विभाग के संयुक्त प्रयास से संपन्न हुआ।
शिविर में कुल 74 दिव्यांग मरीजों की जांच और उपचार किया गया। विशेष रूप से श्रवण संबंधित समस्याओं से ग्रसित 47 बधिर मरीजों को समाज कल्याण विभाग द्वारा श्रवण यंत्र प्रदान किए गए। मरीजों की जांच के लिए जिला नारायणपुर से आए डॉ. डीबी नाग (ईएनटी) विशेषज्ञ की सेवाएं ली गई जिन्होंने सफलतापूर्सवक सभी मरीजों की जांच की।
शिविर के सफल आयोजन में कलेक्टर श्री संबित मिश्रा के निर्देश के साथ-साथ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीआर पुजारी के मार्गदर्शन और सिविल सर्जन सह जिला अस्पताल अधीक्षक डॉ. रत्ना ठाकुर का सक्रिय सहयोग रहा। समाज कल्याण विभाग के उपसंचालक श्री कमलेश पटेल ऑडियोलॉजिस्ट सुश्री पूनम साहू और स्वास्थ्य विभाग के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भी विशेष भूमिका निभाई। यह शिविर न केवल दिव्यांगजनों को आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराने में सहायक रहा बल्कि उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक प्रभावी कदम भी सिद्ध हुआ।
जनसमस्याओं के त्वरित समाधान के दिए निर्देश
कलेक्टर ने ली साप्ताहिक समय-सीमा की बैठक
बीजापुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेश में चल रहे "सुशासन तिहार" अभियान के अंतर्गत कलेक्टर संबित मिश्रा ने साप्ताहिक समय सीमा बैठक में सभी विभागों के अधिकारियों से अभियान की प्रगति की जानकारी ली। इस दौरान कलेक्टर ने विभागीय योजनाओं की समीक्षा करते हुए जनहित के कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए। बैठक में कलेक्टर संबित मिश्रा ने ग्रामीण क्षेत्रों और हितग्राहियों की समस्याओं का त्वरित निराकरण सुनिश्चित करने पर विशेष जोर दिया।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सुशासन तिहार के दौरान प्राप्त होने वाली जनशिकायतों का प्राथमिकता से समाधान किया जाए। वहीं कलेक्टर ने जिले के कन्या आश्रमों की स्थिति की जानकारी ली और उनकी अवस्थिति में सुधार करने तथा बाउंड्री वॉल निर्माण कराने के निर्देश संबंधित विभाग को दिए। उन्होंने बालिकाओं की सुरक्षा और सुविधा को सर्वाेच्च प्राथमिकता देने की बात कही। मिश्रा ने आगामी शैक्षणिक सत्र से पहले सभी स्कूलों, छात्रावासों एवं पोटा केबिनों की जांच कर उनकी आवश्यक मरम्मत कार्य शीघ्र पूर्ण करने संबंधित अधिकारी को निर्देश दिए।
समर कैंपं में गुणवत्तापूर्ण गतिविधियों पर जोर- जारी समर कैंपों की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने कहा कि समर कैंप में पर्याप्त संख्या में शिक्षक और कोच की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि बच्चों को समर कैंप के दौरान विविध गतिविधियों का प्रशिक्षण दिया जाए। विशेष रूप से डॉक्टर, पुलिस या अन्य पेशों में रुचि रखने वाले बच्चों की संबंधित अधिकारियों से मुलाकात कराई जाए और उन्हें जिला अस्पताल, एसपी कार्यालय, एजुकेशन सिटी एवं लाइब्रेरी जैसे स्थानों का शैक्षणिक भ्रमण भी कराने निर्देश दिए।
मानसून पूर्व निर्माण कार्यों को पूर्ण करने के दिए सख्त निर्देश- कलेक्टर संबित मिश्रा ने मानसून के पूर्व सभी अपूर्ण पुल-पुलिया एवं सड़कों के निर्माण कार्यों को शीघ्रता से पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वर्षा ऋतु के दौरान ग्रामीणों को आवाजाही में किसी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए पूर्व तैयारी अनिवार्य है। नियद नेल्ला नार अभियान पर विशेष ध्यान- कलेक्टर ने नियद नेल्लानार अभियान की समीक्षा करते हुए अधिकारियों से कहा कि सभी ग्रामों के लोगों के दस्तावेजों को शीघ्रता से तैयार कर उन्हें शासन की योजनाओं का लाभ दिलाया जाए।
साथ ही नए पीडीएस भवनों में सामग्री वितरण शीघ्र शुरू करने के निर्देश भी दिए गए। साप्ताहिक बैठक जनहितकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और प्रशासन की सक्रियता का परिचायक रही। कलेक्टर मिश्रा ने स्पष्ट रूप से कहा कि शासन की मंशा के अनुरूप सुशासन को जमीनी स्तर तक पहुंचाना सभी विभागों की जिम्मेदारी है। बैठक में सीईओ जिला पंचायत हेमंत रमेश नंदनवार एवं अपर कलेक्टर भूपेन्द्र अग्रवाल सहित जिला एवं ब्लॉक स्तर के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।